ambala coverage news : एसडी कॉलेज में 7 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला का आरंभ

अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला। एस.डी. कॉलेज, अंबाला कैंट के हिंदी विभाग द्वारा आयोजित 7 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला का शुभारंभ आज उत्साहपूर्वक हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन हिंदी विभाग से डॉ. मनोज कुमार के प्रयासों से संभव हो पाया, और इसका संचालन प्रसिद्ध थिएटर ग्रुप आकाश शर्मा रंगमंच द्वारा किया जा रहा है। यह कार्यशाला विशेष रूप से हिंदी विषय के स्नातक छात्रों को रंगमंच की मूलभूत और व्यावहारिक जानकारी देने हेतु आयोजित की गई है। कार्यशाला के प्रथम दिन छात्रों को रंगमंच की बुनियादी तकनीकों से परिचित कराया गया, जिनमें शारीरिक हाव-भाव, स्वर के प्रयोग, मंच पर आत्मविश्वास के साथ प्रस्तुति, संवादों की प्रभावशाली अभिव्यक्ति तथा समूह में कार्य करने की शैली पर विशेष बल दिया गया। सत्र की शुरूआत विभिन्न “आइस-ब्रेकिंग” गतिविधियों और अभिनय संबंधी अभ्यासों से हुई, जिसने छात्रों में रचनात्मकता और सहभागिता की भावना को प्रबल किया। आकाश शर्मा रंगमंच के प्रशिक्षकों ने रंगमंच के शैक्षिक, सामाजिक तथा व्यक्तित्व-विकास से जुड़े पक्षों पर विस्तृत चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि रंगमंच केवल मंच पर अभिनय भर नहीं है, बल्कि यह आत्म-अभिव्यक्ति, नेतृत्व क्षमता, सामाजिक सरोकारों की समझ और टीम वर्क की दक्षता विकसित करने का एक सशक्त माध्यम है। विशेष रूप से उल्लेखनीय रहा कि पहले ही दिन छात्रों को नाटक निर्माण की संपूर्ण प्रक्रिया — विचार चयन, संवाद लेखन, पात्र योजना, निर्देशन की बारीकियाँ और मंचीय प्रस्तुति — से भी परिचित कराया गया। यह सत्र छात्रों के लिए अत्यंत ज्ञानवर्धक, प्रेरणास्पद और व्यवहारिक सिद्ध हुआ। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. अलका शर्मा ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “रंगमंच जैसी सृजनात्मक गतिविधियाँ न केवल छात्रों की प्रतिभा को मंच देती हैं, बल्कि उन्हें समाज के प्रति संवेदनशील और आत्मविश्वासी नागरिक बनने में भी सहायता करती हैं।” उन्होंने कार्यशाला के आयोजन हेतु हिंदी विभाग की सराहना की। इस कार्यक्रम में हिंदी विभाग की वरिष्ठ सदस्या डॉ. सरयू शर्मा, डॉ. लीना गोयल, प्रो. गरिमा तथा आयोजनकर्ता डॉ. मनोज कुमार भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। सभी ने छात्रों को प्रोत्साहित किया और कार्यशाला की उपयोगिता पर अपने विचार व्यक्त किए। आगामी सत्रों में पटकथा लेखन, तात्कालिक अभिनय (इम्प्रोवाइजेशन), संवाद अदायगी, चरित्र निर्माण, रंगभाषा, भावाभिव्यक्ति और मंच सज्जा जैसे विषयों पर गहन अभ्यास कराया जाएगा। कार्यशाला का समापन एक रंगमंचीय प्रस्तुति के साथ होगा, जिसमें छात्र अपनी सीखी हुई कलाओं का प्रदर्शन करेंगे। कार्यशाला का प्रथम दिवस न केवल शिक्षाप्रद रहा, बल्कि छात्रों के भीतर छिपी रचनात्मक संभावनाओं को उद्घाटित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक आरंभ भी सिद्ध हुआ।

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