अंबाला। कोरोना महामारी के बीच लगातार रहे लॉक डाउन के कारण जहां स्कूलों के खोले जाने पर रोक लगा दी गई तो वहीं दूसरी तरफ इस रोक के कारण स्कूल संचालकों की वित्तीय हालात काफी खस्ता हैं। हालात यह हैं कि अप्रैल, मई और जून का महीने भी खत्म होने को है, लेकिन स्कूल संचालकों को अभिभावकों की तरफ से मंथली फीस नहीं दी जा रही है। जिसके कारण स्कूल संचालक अपने टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ को सेलरी नहीं दे पा रहे। जबकि स्कूल संचालकों का तर्क है कि जब से लॉक डाउन हुआ है तब से स्कूल स्टाफ आॅन लाइन क्लास लगाकर बच्चों को बेहतर एजुकेशन देने का काम कर रहा है। इसी बीच अब स्कूल संचालकों ने अभिभावकों को मैसेज करने शुरू कर दिए हैं कि यदि 30 जून तक ट्यूशन फीस नहीं दी जाती तो बच्चों का स्कूल से नाम काटा जा सकता है, इसको लेकर बकायदा स्कूल संचालकों की तरफ से मैसेज में सरकार के आदेशों का हवाला दिया गया है।
जुटाए तथ्यों की बात करें तो लगातार ट्यूशन फीस न आने के कारण स्कूल भी आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, इसी बीच सरकार ने समय समय पर लेटर जारी करते हुए अभिभावकों से आग्रह किया कि वह स्कूल संचालकों की मंथली ट्यूशन फीस जमा करवाएं, लेकिन इक्का दुक्का को छोड़कर अधिकतर स्कूल संचालकों के पास 10 प्रतिशत अभिभावकों ने भी ट्यूशन फीस जमा नहीं करवाई। जिसके कारण स्कूल संचालक स्टाफ को सेलरी नहीं दे पा रहे हैं और न ही टीचिंग स्टाफ खुद है और न ही नॉन टीचिंग स्टाफ। जबकि स्कूल संचालकों का तर्क है कि जब से लॉक डाउन हुआ है तब से टीचर्स आॅन लाइन क्लास ले रहे हैं और पहले से ज्यादा मेहनत कर रहे हैं, लेकिन स्कूल संचालक टीचर्स की मेहनत करने के बाद भी सेलरी नही दे पा रहे, क्योंकि अभिभावकों की ओर से ट्यूशन फीस नहीं दी जा रही।स्कूल संचालकों ने अभिभावकों को यह भेजा मैसेजस्कूल संचालकों ने लगातार फीस न मिलने के कारण अब बच्चों का नाम काटने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया है। स्कूल संचालकों की तरफ से अभिभावकों को मैसेज भेजे जा रहे हैं, जिसमें लिखा जा रहा है कि सरकार ने 9 जून 2020 को लेटर जारी करते हुए स्पष्ट कर दिया है कि जिन बच्चों की फीस जमा नहीं हुई है, उन बच्चों का स्कूल से नाम काटा जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ 22 मई 2020 के लेटर का हवाला देते हुए अभिभावकों को बताया जा रह है, जिन भी अभिभावकों ने अप्रैल व मई की ट्यूशन फीस जमा नहीं करवाई है वह अभिभावक जून, जुलाई और अगस्त के तीन महीनों में पार्ट पेमेंट के साथ फीस जमा करवा सकते हैं। इसी तरह सरकार ने लेटर में स्पष्ट कहा कि अभिभावक 15 तारीख तक फीसें जमा करवा दें, लेकिन अभी तक अभिभावकों द्वारा फीस जमा नहीं करवाई गई, जिसके कारण स्कूल संचालकों ने स्पष्ट तौर पर मैसेज किए और कहा कि सरकार के आदेशों के अनुसार फीस जमा करवाएं, नहीं तो ऐेसे में 30 जून के बाद सरकार के आदेशों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।कोट्सस्कूल संचालक सरकार के आदेशों की पालना कर रहे हैं। फीस न आने के कारण स्टाफ को सेलरी देना भी मुश्किल हो गया है। अभिभावकों से बार बार आग्रह किया गया कि वह फीस जमा करवाए, लेकिन अधिकतर अभिभावक फीस जमा करवाने के लिए तैयार नहीं। जिसके कारण स्कूल संचालक नियमों के अनुसार बच्चे का नाम काटने के लिए मजबूर है।सौरभ कपूर, प्रधान, इंटिग्रेटिड प्राइवेट स्कूल वेलफेयर सोसायटी, अंबाला।
लेखक: कपिल अग्रवाल
आज समाज अखबार अंबाला के ब्यूरोचीफ हैं