ambala today news चुनाव के समय बहुत सारे चौकीदार घूम रहे थे, अब शायद सब आराम कर रहे:ओंकार सिंह

अंबाला (अंबाला कवरेज) करोड़ो रूपये लगने के बावजूद अम्बाला छावनी के विकास पर तंज कसते हुए इनैलो प्रदेश प्रवक्ता ओंकार सिंह ने कहाकि पिछले छह वर्षो में अम्बाला छावनी में विकास की ऐसी गंगा बह रही है कि धरती फाड़ कर विकास बाहर निकल रहा है। सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत प्राप्त सूचना के अनुसार वर्ष 2014 से अब तक, जब से बीजेपी सरकार सत्ता में आयी है, अम्बाला छावनी की सड़कों व नालियों पर लगभग 250 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित हुई है और विकास इतना हुआ कि आज छेत्र की एक भी सड़क सबूत नही है। राय मार्किट,सदर बाजार,कच्चा बाज़ार,कबाड़ी बाज़ार,रामबाग रोड़ सहित सभी सड़के विकास के ही आंसू बहा रही है। कच्चा बाज़ार में तो इकबाल गंज रोड रातो-रात 4-5 फुट नीचे धंस गयी। कोई भी बड़ा हादसा हो सकता था लेकिन ईश्वर की कृपा से एक पानी का टैंकर ही फंसा और कोई नुकसान नही हुआ। जिस समय इन सड़कों व नाले-नालियों के टेंडर निकलते है, कार्य आवंटित होता है और कार्य शुरू हो जाता है उस समय कोई भी प्रशासनिक अधिकारी इस कार्य को चेक क्यो नही करता।
नगरपरिषद में कई जेई,एमई, एक्स-इन व अन्य कर्मचारियो की फ़ौज है जो निरीक्षण के कार्य कर सकती है लेकिन सब ईश्वर के सहारे कार्य चल रहा है। गरीब रेहड़ी वालो का समान जब्त करना हो तो पूरा नगरपरिषद हाजिर है लेकिन कार्य निरीक्षण के नाम पर सब गुड़ गोबर है। चुनाव के समय बहुत सारे चोकीदार घूम रहे थे अब शायद सब आराम कर रहे है। सेकड़ो करोड़ रुपये खर्च करने के बावजूद भी सड़को की हालत पूर्णतयः खस्ता है। कहीं सीवर का ढक्कन टूटा हुआ है, कही मेनहोल से दक्कन व जाल गायब है, कहीं नाले पर रखा हुआ जाल टेड़ा हो रखा है तो कहीं जमीन धंसी हुई है, सब परमात्मा के सहारे है, कोई पूछने वाला नही। अंधेर नगरी, चौपट राजा की कहावत यहां सही चरितार्थ होती जान पड़ती है। एक तरफ से सड़के बननी शुरू होती है दूसरी तरफ पाइप लाइन डालने के लिए तोड़ दी जाती है। 12 क्रॉस रोड सामने है, करोड़ो रूपये की लागत से बनी सड़क क्यो तोड़ी गयी कोई पूछने वाला नही। विभागीय तालमेल की कमी है। सभी अपना अपना हिस्सा बटोरने पर लगे है। ऐसा नही है कि सड़के बनाने वाले ठेकेदार खुश हो, वो भी दबी आवाज में परेशान है। मतलब स्पष्ट है कि कही न कही सिस्टम में खराबी है, भ्र्ष्टाचार प्रदेश के तंत्र को खोखला करने पर आमदा है। सब कुछ बढ़िया हो सकता है यदि उच्च प्रसाशनिक अधिकारी मामले का संज्ञान लेकर निगरानी कमेटियां बनाए ताकि जनता का पैसा जनता के लिए सदुपयोग हो सके और धन की बर्बादी न हो

About Post Author

Leave a Comment

और पढ़ें
%d bloggers like this: