अम्बाला शहर : हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट के अध्यक्ष पूर्व मंत्री निर्मल सिंह ने बीते 3 हफ्तों से लगातार बढ़ रहे डीजल और पेट्रोल के दामों का कड़ा विरोध करते हुए घोड़ागाड़ी और बैलगाड़ी पर सवार होकर जबरदस्त रोष प्रदर्शन किया। उनके नेतृत्व में अम्बाला शहर की अनाज मंडी से मानव चौक होते हुए उपायुक्त कार्यालय तक जबरदस्त विरोध प्रदर्शन किया और अम्बाला के सिटी मैजिस्ट्रेट के माध्यम से महामहिम राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर निर्मल सिंह के साथ हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट के नेता दलीप चावला बिट्टू और हिम्मत सिंह और चित्रा सरवारा के नेतृत्व में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बढ़ रही डीजल पेट्रोल की कीमतों को कम करने की मांग की। सरकार तेल के दाम बढ़ाकर जनता का तेल निकालने में लगी है। महामारी और मंदी के दौर में सरकार लोगों को राहत देने की बजाए महंगाई की मार मारने में लगी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लोगों से कई गुणा टैक्स वसूल रही है और कर्ज भी कई गुणा ले चुकी है। बावजूद इसके गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, दुकानदार या कारोबारी, किसी वर्ग को कोई आर्थिक राहत नहीं दी जा रही है।
चित्रा सरवारा ने कहा कि पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दाम सबसे ज्यादा आम आदमी और किसान पर भारी पड़ रहे हैं। क्योंकि खेती का ज्यादातर काम डीजल पर निर्भर है। सिंचाई से लेकर ट्रांसपोर्ट तक में सबसे ज्यादा डीजल इस्तेमाल होता है। लेकिन मौजूदा सरकार ने डीजल को पेट्रोल से भी महंगा कर दिया है। तेल के दामों का सीधा कनेक्शन महंगाई से है। अगर तेल के दाम बढ़ेंगे तो ट्रांसपोर्ट किराया, परिवहन, आवागमन, व्हीकल चलाना और उत्पादन महंगा हो जाएगा। इसके चलते हर चीज के दाम बढ़ेंगे।
दलीप चावला बिट्टू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दाम प्रति बैरल न्यूनतम स्तर पर हैं लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल के दाम अन्य देशों की तुलना में सबसे ज्यादा हैं क्योंकि भारत में डीजल और पेट्रोल पर केंद्रीय और प्रादेशिक टैक्सों की दरें सबसे ज्यादा हैं। पेट्रोल-डीजल पर लगे लगभग 69% टैक्स लगा कर मौजूदा सरकार ने ऐतिहासिक कदम में डीजल को पेट्रोल से भी महंगा कर दिया है। तेल के दामों का सीधा कनेक्शन महंगाई से है। अगर तेल के दाम बढ़ेंगे तो ट्रांसपोर्ट किराया, परिवहन,आवागमन, व्हीकल चलाना और उत्पादन महंगा हो जाएगा। इसके चलते हर चीज के दाम बढ़ेंगे। सरकार की ओर से गरीब, मध्यम वर्ग, किसान, दुकानदार या कारोबारी, किसी वर्ग को कोई आर्थिक राहत नहीं दी जा रही है।
हिम्मत सिंह ने बताया कि महज 3 हफ्तों में पेट्रोल के दाम 8.66 रुपये और डीज़ल के दाम 10.62 रुपये बढ़ चुके हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने 5 मई को पेट्रोल पर 10 रुपये और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाई थी। उन्होंने कहा कि आज पेट्रोल, डीजल और एलपीजी की कीमतों को कम करके अगस्त 2004 के स्तर पर लाया जाना चाहिए। क्योंकि 2004 की तरह आज भी कच्चे तेल की कीमत 40 डॉलर प्रति बैरल के करीब है। अगस्त 2004 में पेट्रोल 36.81, डीज़ल 24.16 रुपये प्रति लीटर और एलपीजी सिलेंडर 261.60 रुपये का था। लेकिन आज पेट्रोल-डीज़ल करीब 80 रुपये और सिलेंडर करीब 600 रुपये में बेचा जा रहा है। तब भी पेट्रोल 71 रुपये और डीज़ल 55 रुपये प्रति लीटर था। लेकिन आज कच्चे तेल की क़ीमतें आधी से भी कम हो चुकी हैं। बावजूद इसके तेल के दाम लगातार बढ़ रहे हैं। तेल की बढ़ी हुई मनमानी दरों का पुरजोर विरोध करते हुए मांग की कि प्रदेश सरकार द्वारा किया गया दुगुना वैट और केंद्र सरकार की ओर से थोपे हुए एक्साइज ड्यूटी व टैक्स तुरंत कम करे, ताकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तैल की घटी कीमतों का फायदा आम जनता को मिल सके। इस अवसर पर हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट के सभी नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहे।