अंबाला कवरेज (निखिल सोबती/अमित अठवाल)। भारतीय किसान यूनियन के राष्टÑीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि कोरोना के नाम पर केवल किसान आंदोलन को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है। टिकैत ने कहा कि सरकार तो ऐसा कह रही है मानो कोरोना का उदम स्थल ही किसान आंदोलन हो। वहीं अंबाला में किसानों को संबोधित करते हुए हरियाणा सरकार पर निशाना साधा और सवाल उठाया कि किसान आंदोलन चल रहा है और फिर भी सरकार ने खरीद बंद कर दी। टिकैत ने कहा कि सरकार गारंटी ले कि किसान आंदोलन समाप्त होने से कोरोना खत्म हो जाएगा, तो वह विचार कर सकते हैं।
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राकेश टिकैत ने कहा कि कोरोना का उदगम स्थल किसान आंदोलन तो नही है। आंदोलन खत्म होने से कोरोना खत्म हो तो सरकार गारंटी दे और यह भी कह दे कि देश में किसी की भी कोरोना से मौत नहीं होगी, हम आंदोलन खत्म करने पर विचार कर लेंगे। सरकार किसानों की कोरोना जांच करवानी चाहती है। जिसपर टिकैत ने कहा कि बार्डर पर बैठे किसान उसका गांव है। सरकार बताए कि कोई ऐसा गांव है, जिसके पूरे गांव की सरकार ने जांच करवा दी है। सरकार टैस्ट के नाम पर हमें कोरोना पॉजिटिव बताएंगे। जो बीमार होगा वह घर जाएगा।
किसान नेता गुरनाम चंदूनी द्वारा दिए गए बयान का राकेश टिकैत ने समर्थन किया। टिकैत ने कहा कि जब लोगों को सुविधाएं नहीं मिलेगी तो उन्हें धरने पर बैठना मजबूरी है। भाजपा के एमएलए व एमपी के घरों के बाहर जनता तंग होकर मजबूरी में बैठेगी। टिकैत ने कहा कि हम हरियाणा में देखने आए हैं कि खरीद हो रही है या नहीं हो रही। यदि हरियाणा के अंदर भी मंडियां भी बंद हो गई तो देश का क्या हाल होगा। मंडियां बंद कर दी गई और खरीद नहंी हो रही। इस बारे में बात करेंगे।
दिल्ली में बढ़ रहे कोरोना के मरीजों को लेकर टिकैत ने कहा कि हम दिल्ली के लोगों की हर तरह की मदद कर रहे हैं। कोई एंबुलेंस निकालती है या फिर आॅक्सीजन का ट्रक निकालना है तो हम मदद करते हैं। हमने तो कहा है कि यदि आॅक्सीजन लाने के लिए ट्रेक्टर की जरूरत है तो किसान तैयार है। टिकैत ने कहा कि कोरोना का इलाज अस्पताल में है और किसानों की समस्या का हल संसद में है। टिकैत ने कहा कि सरकार कहा है और कहां बात की जा रही है। किसान आंदोलन कर रहे हैं। किसान सरकार के दरवाजे पर है, लेकिन सरकार बात करने को तैयार नहीं है।