दिल्ली (अंबाला कवरेज) हरियाणा भिवानी शिक्षा बोर्ड सहित अन्य कई राज्यों के बोर्ड एग्जाम की घोषणा होने के बाद अब प्रदेश व देश के स्टूडेंट्स को सीबीएसई(CBSE) के 10वीं व 12वीं के रिजल्ट का इंतजार है। देश में कोरोना महामारी के बीच केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भारत (सीबीएसई) (CBSE) ने रिजल्ट घोषित करने के लिए कई बार तारीखें दी, लेकिन रिजल्ट घोषित नहीं हो पाया। बोर्ड सीबीएसई (CBSE) के अधिकारियों ने तर्क दिया कि लॉक डाउन के कारण बच्चे एग्जाम नहीं दे पाए और ये ही कारण है कि बिना एग्जाम के रिजल्ट को कैसे घोषित किया जाए। इसको लेकर चर्चाएं चली की सीबीएसई (CBSE) 10वीं व 12वीं के स्टूडेंट्स का एग्जाम लिया जाए, लेकिन कोरोना के कारण एग्जाम नहीं हो पाया।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भारत (सीबीएसई) (CBSE) ने अलग अलग राज्यों द्वारा रिजल्ट घोषित कर दिए जाने के बाद सीबीएसई (CBSE) भी तेजी के साथ रिजल्ट घोषित करने की तैयारियों में लगा है। चर्चाओं की बात की जाए तो 15 जुलाई को केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने घोषित किए जाने की बात कहीं थी, लेकिन अब सवाल यह है कि 15 जुलाई को रिजल्ट घोषित होगा या नहीं। इसी बीच अनुभवी लोगों का कहना है कि सीबीएसई (CBSE) सुप्रीम कोर्ट में स्पष्ट कर चुकी है कि 15 जुलाई तक रिजल्ट घोषित कर दिया जाएगा, फिर ऐसे में हर किसी को उम्मीद है कि 15 जुलाई को रिजल्ट आ जाएगा। यह अलग बात है कि सीबीएसई (CBSE) रिजल्ट घोषित करने को लेकर अभी तक किसी तरह की तारीख की घोषणा नहीं कर पाई है।
भारत की बात की जाए तो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) रिजल्ट का करीब 30 लाख छात्रों को इंतजार है और ऐसे में सबसे ज्यादा चिंतित वह छात्र हैं, जोकि कोरोना महामारी के कारण एग्जाम नहीं दे पाए। क्योंकि कई टॉपर स्टूडेंट्स को चिंता है कि यदि सीबीएसई (CBSE) रिजल्ट में उनकी उम्मीद के अनुसार नंबर नहीं मिलते तो निश्चिततौर पर उसका रिजल्ट खराब हो जाएगा। क्योंकि सीबीएसई रिजल्ट को लेकर अधिकारी साफ कर चुके हैं कि जो एग्जाम नहीं हो पाया, उसका अन्य समेस्टर की रिपोर्ट के आधार पर अंक दे दिए जाएंगे। भारत देश का सबसे बड़ा केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड भारत (सीबीएसई) (CBSE) पहली बार रिजल्ट घोषित करने में देरी कर रहा है और देशभर के करीब 30 लाख स्टूडेंट्स परेशान हैं। स्कूल संचालकों और स्टूडेंट्स की माने तो केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड रिजल्ट घोषित होने के बाद भी वह भविष्य का प्लान कर पाएंगे, लेकिन बोर्ड की देरी के कारण 30 लाख स्टूडेंट्स परेशान हैं।