अम्बाला कवरेज @ चंडीगढ़: प्रधान प्रदेश हरियाणा के लोगों की आजीविका का मुख्य माध्यम खेतीबाड़ी है। अगर यहां खेती उन्नत हो तो आम जनमानस खुश होता है और खेती को संकट हो तो लोगों की बेचैनी बढ़ जाती है। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल सबसे उत्तम कहे जाने वाले खेती व्यवसाय व व्यवस्था को प्रफुल्लित करने के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं जिसके कारण भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट व अन्य उपक्रमों में हरियाणा सरकार की तारीफ की गई है। प्रदेश में बागवानी क्षेत्र को बढ़ाने के लिए सरकार निरंतर प्रयासरत है। प्रदेश की बीजेपी सरकार ने वर्ष 2030 तक वर्तमान कुल फसल क्षेत्र के लगभग 7 प्रतिशत के बागवानी क्षेत्र को 22 लाख एकड़ करने व उत्पादन को तीन गुणा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए किसानों को विभिन्न योजनाओं के तहत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। वर्ष 2022-23 में बागवानी की विभिन्न स्कीमों के तहत 25 हजार लाभग्राहियों को 166 करोड़ 20 लाख रुपये की सब्सिडी दी गई।बीते दिवस जनसंवाद के दौरान प्रगतिशील किसानों ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल का आभार व्यक्त करते हुए यह कहा था कि सही मायने में हरियाणा सरकार किसान हित के लिए काम कर रही है। किसानों ने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने जिस तरह की नई नई योजनाएं हमारे लिए चलाई हैं, उससे कृषि लागत में कमी के साथ-साथ उपज की बाजार तक पहुंच भी सुनिश्चित हुई है। भावांतर भरपाई योजना, मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना जैसी अनूठी योजनाएं किसानों के लिए लागू करके मुख्यमंत्री ने किसानों को बहुत बड़ी राहत दी है।कृषि क्षेत्र में जिस तरह से मनोहर सरकार काम कर रही है उसे देखकर कहा जा सकता है कि सरकार बीज से बाजार तक किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। खेती और किसान हरियाणा सरकार की नीतियों के केन्द्र बिन्दु हैं। सरकार किसानों को खेती प्रक्रिया में हर कदम पर सहयोग दे रही है। बुवाई से पहले और बुवाई के बाद भी और फसल कटाई के बाद भी, फसलों के तैयार होने से बाजार में उसकी बिक्री तक यानी बीज से लेकर बाजार तक किसानों को सभी प्रकार की सुविधाएं मनोहर सरकार मुहैया करवा रही है।ambala coverage खेती किसानी के लिए मसीहा बनकर उभरे सीएम मनोहर लाल
हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है, जिसने बागवानी फसलों को प्राकृतिक आपदा से होने वाले नुकसान की स्थिति में किसानों के हित के लिए मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना बनाई है। फलों व सब्जियों की खेती को बढ़ावा देने व मधुमक्खी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार कई तरह की रियायतें व सुविधाएं दे रही है। यह सीधे तौर पर किसान को बल देने का काम है।अनुसूचित जातियों के लोग भी बागवानी व मधुमक्खी पालन की ओर बढ़ रहे हैं। इसके लिए भी सरकार उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए विशेष स्कीमें चला रही है। अनुसूचित जाति के किसानों को 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है।प्रदेश में बागवानी फसलों को बढ़ावा देने के लिए फसल क्लस्टर विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत 1763 गांवों में 393 बागवानी फसल समूहों की पहचान की गई है। प्रत्येक क्लस्टर में 300 किसान सदस्यों के साथ एक एफपीओ का गठन किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रत्येक क्लस्टर में आपूर्ति श्रृंखला बागवानी उपज के विपणन व किसानों को सीधे बाजार से जोडऩे के लिए एक एकीकृत पैक हाउस भी स्थापित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल बताते हैं कि बागवानी को बढ़ावा देने के लिए उनकी सरकार ने फूड प्रोसेसिंग नीति बनाई है। इस नीति के तहत कृषि आधारित उद्योगों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऐसे उद्योगों की स्थापना से किसानों को उनकी पैदावार के और अधिक लाभकारी मूल्य मिलेंगे। इस नीति के तहत लगभग 94 करोड़ रुपये की राशि से कुल 33 परियोजनाओं को पूरा किया जा चुका है और लगभग 116 करोड़ रुपये की लागत की 44 अन्य परियोजनाएं स्थापित की जा रही हैं।बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने सब्जियों व फलों के लिए भावांतर भरपाई योजना लागू की। इससे बाजार में फलों व सब्जियों के भावों में गिरावट के समय किसानों को जोखिम से मुक्त किया गया है। इसमें 21 बागवानी फसलों के संरक्षित मूल्य निर्धारित किए गए हैं। इस योजना के तहत अब तक 9,485 किसानों को 23 करोड़ रुपये से अधिक की राशि वितरित की गई है। इजराइल और हरियाणा की जलवायु व भूमि में अनेक समानताएं हैं। वहां की तकनीक हमारे लिए सर्वाधिक उपयोगी है। इसलिए प्रदेश सरकार फलों, सब्जियों, फूलों की खेती व मधुमक्खी पालन के क्षेत्र में इजराइल की तकनीक को अपना रही है जिसके लाभ देखने को मिल रहे हैं। नवीनतम प्रौद्योगिकियों का प्रयोग करके बागवानी को बढ़ावा देने के लिए राज्य में 14 उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किये गये हैं। वर्ष 2024 में तीन नए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाने की योजना है। पंचकूला में पोस्ट हार्वेस्ट मैनेजमेंट, प्याज के लिए पिनगवां, नूंह व फूलों के लिए मुनीमपुर, झज्जर में उत्कृष्टता केंद्र स्थापित होगा।ambala coverage खेती किसानी के लिए मसीहा बनकर उभरे सीएम मनोहर लाल
बागवानी फसलों की आसानी से बिक्री व उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश में 1,000 किसान उत्पादक समूह (एफपीओ) बनाए जाने का लक्ष्य है। अब तक 731 किसान उत्पादक समूह बनाए जा चुके हैं। इन समूहों द्वारा 150 इंटीग्रेटेड पैक हाउस बनाए जाएंगे, जिनके माध्यम से किसान अपने फल व सब्जियों को बेचने में सक्षम होंगे। प्रदेश में फल, फूल और सब्जियों को बेचने के लिए किसानों को दूर न जाना पड़े, इसलिए राज्य सरकार विशेष मंडिया बना रही है। गन्नौर में इंडिया इंटरनेशनल हॉर्टिकल्चर मार्केट स्थापित की जा रही है। इस मंडी के बन जाने के बाद किसान न केवल देशभर में बल्कि विदेशों में उत्पाद बेच सकेंगे।मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में गुणवत्तापूर्ण सब्जी पौध के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उच्च तकनीक वाले ग्रीन हाउस में मिट्टी रहित तैयार शिमला मिर्च, ककड़ी, टमाटर, खरबूजा और बैंगन की पौध पर 50 प्रतिशत सहायता दे रही है। किसान सब्जी उत्कृष्टता केंद्र, घरौंडा, हाई टेक ग्रीन हाउस गुरुग्राम व रोहतक और फल उत्कृष्टता केन्द्र, मांगेआना (सिरसा) और एकीकृत बागवानी विकास केन्द्र, पलवल एवं सुंदराह में स्थापित किए गए हैं। इन तमाम खेती मित्र योजनाओं ने किसानों के दिल में प्रदेश की मनोहर सरकार के प्रति सकारात्मक भाव पैदा किया है। पराली प्रबंधन को लेकर हरियाणा सरकार के प्रयास को सुप्रीम कोर्ट ने भी सराहा और पंजाब को हरियाणा से सीख लेने की नसीहत दी थी।ambala coverage खेती किसानी के लिए मसीहा बनकर उभरे सीएम मनोहर लाल