ambala coverage जब कोई रस्ता न दिखे तो गीता सूर्य की रोशनी की तरह करती है मार्ग दर्शन: सीएम मनोहर

अम्बाला कवरेज @ कुरुक्षेत्र : वसुधैव कुटुंबकम श्रीमद भगवद् गीता और वैश्विक एकता’ विषय पर तीन दिवसीय 8वें अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती सेमिनार का उद्घाटन करने रविवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय पहुंचे। इस दौरान उनके साथ मुख्यमंत्री मनोहर लाल, गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द महाराज, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष नायब सैनी, असम के सांस्कृतिक राज्यमंत्री बिमल वोहरा भी मौजूद रहे। अंतर्राष्ट्रीय गीता जयंती सगोष्ठी के लिए भारत सहित अमेरिका, कनाडा, जापान, आस्ट्रेलिया व बुल्गारिया सहित अनेक दुनियाभर के विद्वान चर्चा करेंगे। इसके साथ ही विभिन्न तकनीकी सत्रों में विश्व एवं मानव कल्याण की भावना को लेकर गीता ज्ञान मंथन होगा।कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव में श्रीमद् भागवत गीता पर अपना प्रकाश डालते हुए कहा कि आज गीत ज्ञान के राह पर चलने का मार्ग दिखाती है। गीता आज सत्य के मार्ग पर चलना सिखाती है। आज पूरे विश्व में गीता ने एक अलग पहचान बनाई है। गीता के माध्यम से आज हम एक अलग संदेश दे सकते हैं। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री भगवान राम के आचरण पर चल रहे हैं।ambala coverage जब कोई रस्ता न दिखे तो गीता सूर्य की रोशनी की तरह करती है मार्ग दर्शन: सीएम मनोहर

ambala coverage पवित्र ग्रंथ गीता की महाआरती व महापूजन से हुआ अतंर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2023 का आगाज

लगातार 8वां वर्ष है जब अंतरराष्ट्रीय स्तर का गीत महोत्सव आयोजित करते आ रहे हैं। गीता का महत्व दुनिया को समझाने के लिए संगोष्ठी का आयोजन होता है। गीता की सार्थकता आज भी कम नहीं हुई है। हर जगह हर व्यक्ति के लिए गीता का महत्व बहुत उपयोगी है। दो नागरिक आपस में विवाद करते हैं तो उनका फैसला तीसरा आदमी करवा लेता है। लेकिन जब दुनिया के देशों के बीच में विवाद उतपन्न होता है तो उसे संभालना मुश्किल हो जाता है।कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 8वीं अंतरराष्ट्रीय गीता संगोष्ठी में  मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने घोषणा की कि कुरुक्षेत्र विश्विद्यालय में विदेशी भाषाएं सीखने के लिए केंद्र खोला जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भगवत गीता में सभी समस्याओं का समाधान निहित है।  हजारों वर्षों उपरांत आज भी गीता की प्रासंगिकता, गीता सार सार्वभौमिक सर्वकालिक है तथा इसकी सार्थकता कम नहीं हुई।ambala coverage जब कोई रस्ता न दिखे तो गीता सूर्य की रोशनी की तरह करती है मार्ग दर्शन: सीएम मनोहर

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