अम्बाला कवरेज @ कुरुक्षेत्र। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि व्यक्ति, समाज, राष्ट्र व विश्व की समस्याओं का समाधान श्रीमद्भागवद् गीता में समाहित है। कुरुक्षेत्र में मनाये जा रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से आज देश-विदेश में गीता का शास्वत संदेश पहुंच रहा है।अमित शाह आज कुरुक्षेत्र में चल रहे अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के दौरान आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि लगभग 5000 साल से ज्यादा समय पहले कुरुक्षेत्र की धरा पर भगवान श्रीकृष्ण ने अपने श्रीमुख से गीता का संदेश दिया था। उस संदेश को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के माध्यम से पूरे विश्व में स्थापित करने का काम किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि एक विद्वान ने कहा था कि गीता का ज्ञान, हर जगह फैलाने में सफल हों और इसकी स्वीकृति हो, तो विश्व में कभी युद्ध नहीं हो सकता। लेकिन असल मायने में श्रीकृष्ण ने अर्जुन को युद्ध के लिए प्रेरित करने और उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए यह ज्ञान दिया था। मगर वह युद्ध अपने लिए नहीं, बल्कि पृथ्वी पर धर्म की स्थापना और सर्वसमाज के कल्याण के लिए था।अमित शाह ने गीता के शास्वत संदेश का जीवन में महत्व समझाते हुए बताया कि मेरे जीवन में बहुत उतार चढ़ाव आए, लेकिन बचपन से ही माँ ने गीता सिखाई, इसलिए जीवन में कभी निराशा व दुख: का अनुभव नहीं हुआ। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कुरुक्षेत्र में गीता जयंती महोत्सव में आए थे, उस समय उन्होंने संकल्पना की थी कि गीता के संदेश को विश्व में प्रसारित करने के लिए इसका स्वरूप बढ़ाया जाना चाहिए।ambala coverage अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से आज देश-विदेश में पहुंच रहा गीता का संदेश : अमित शाह
ambala coverage भगवद गीता विश्व चुनौतियों का समाधान : अमित शाह
मुख्यमंत्री मनोहर लाल साधुवाद के पात्र हैं, जिन्होंने प्रधानमंत्री की संकल्पना को मूर्तरूप दिया और वर्ष 2016 से गीता महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2024 आने वाला है और वर्ष 2014 से 2024 तक के इन 10 सालों में भारत के स्व: को जगाने का काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया है।उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की मान्यता है कि इस देश की महान संस्कृति को हमेशा आगे बढ़ाना चाहिए। महान संस्कृति से मार्गदर्शन लेकर ही देश की नीतियों का निर्धारण व कानून बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने इन 10 सालों में ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है और 22 जनवरी को श्री रामलला अपने घर में प्रस्थापित हो जाएंगे। इसके अलावा, धारा 370 समाप्त हो चुकी है।साथ ही काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, केदार धाम और बदरीधाम को विकसित करना, कश्मीर में शारदा पीठ का पुर्नस्थापन और संसद के अंदर सनातन परंपरा का प्रतीक सेंगोल को स्थापित करना, ये सभी काम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हुए हैं। उन्होंने कहा कि संत-महात्माओं ने सदैव समाज को राह दिखाने का कार्य किया है।मेरा विश्वास है कि इस प्रकार के कार्यक्रम से गीता के उपदेश व उसके ज्ञान को जन-जन तक पहुंचाने के साथ-साथ विश्व में गीता को पुर्नस्थापित करने का काम होगा। इस अवसर पर राज्यमंत्री सरदार संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा, स्वामी अवधेशानंद, स्वामी परमात्मानंद, स्वामी राजेंदर दास, स्वामी ब्रम्हानंद, स्वामी ब्रह्मसरूप, बाबा भूपेन्द्र, स्वामी शाश्वतानंद सहित कई प्रख्यात संत-महात्मा व बड़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।ambala coverage अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव से आज देश-विदेश में पहुंच रहा गीता का संदेश : अमित शाह
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