अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला। जिस उद्देश्य को लेकर इद्रीश फाउंडेशन पिछले 9 साल से प्रयास कर है, वह मेहनत अब रंग लाने लगी है। हरियाणा बोर्ड की 10वी और 12वी की परीक्षा परिणाम के साथ अन्य कक्षाओं के बच्चों के अंक ने यह साबित कर दिया है कि अब सिर्फ़ राजा का बेटा ही राजा नहीं बनेगा, बल्कि मज़दूर का बेटा भी अब शिक्षा के ज़रिए अपने सपनों को मुकाम तक पहुँचा सकता है। इद्रीश फाउंडेशन की प्रोजेक्ट केयर और इवनिंग क्लास जैसी पहलों ने इस सोच को ज़मीनी सच्चाई में बदल दिया है। बता दे कि विगत 9 वर्षों से इद्रीश फाउंडेशन अंबाला में निर्धन और ज़रूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित रूप से कार्य कर रहा है। “शिक्षा परम धर्म” के मंत्र को आत्मसात करते हुए संस्था ने बच्चों के जीवन को नया आकार दिया है और इस वर्ष के परीक्षा परिणाम इसकी सबसे सशक्त मिसाल बनकर सामने आए हैं।
अंबाला कवरेज @ अंबाला। जिस उद्देश्य को लेकर इद्रीश फाउंडेशन पिछले 9 साल से प्रयास कर है, वह मेहनत अब रंग लाने लगी है। हरियाणा बोर्ड की 10वी और 12वी की परीक्षा परिणाम के साथ अन्य कक्षाओं के बच्चों के अंक ने यह साबित कर दिया है कि अब सिर्फ़ राजा का बेटा ही राजा नहीं बनेगा, बल्कि मज़दूर का बेटा भी अब शिक्षा के ज़रिए अपने सपनों को मुकाम तक पहुँचा सकता है। इद्रीश फाउंडेशन की प्रोजेक्ट केयर और इवनिंग क्लास जैसी पहलों ने इस सोच को ज़मीनी सच्चाई में बदल दिया है। बता दे कि विगत 9 वर्षों से इद्रीश फाउंडेशन अंबाला में निर्धन और ज़रूरतमंद बच्चों की शिक्षा के लिए समर्पित रूप से कार्य कर रहा है। “शिक्षा परम धर्म” के मंत्र को आत्मसात करते हुए संस्था ने बच्चों के जीवन को नया आकार दिया है और इस वर्ष के परीक्षा परिणाम इसकी सबसे सशक्त मिसाल बनकर सामने आए हैं।
प्रोजेक्ट इवनिंग क्लास के बच्चों ने भी किया धमाल
कैंट के दयाल बाग क्षेत्र में रोटरी क्लब ऑफ अंबाला और वी वी एम ट्रस्ट के सहयोग से संचालित इवनिंग क्लास में पढ़ने वाले छात्रों ने ज़बरदस्त प्रदर्शन किया। कक्षा 6 से 9 तक के बच्चों ने 98 प्रतिशत तक अंक प्राप्त कर स्कूलों में टॉप किया। कक्षा 6 की स्नेहा ने 98.18 प्रतिशत के साथ पहला स्थान प्राप्त किया, वहीं कक्षा 7 की गौरी ने 96.16, अंकित ने 97.50, अंकिता ने 83 और आदर्श ने 85 प्रतिशत अंक लेकर दूसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा 9 की कृष्णा ने 75 प्रतिशत के साथ प्रथम स्थान हासिल किया।
वहीं, कच्चा बाज़ार क्षेत्र की कक्षा LKG से 9 तक के बच्चों ने भी शानदार प्रदर्शन किया। अवतार, उमेश, रागिनी, वंदना, महिमा जैसे बच्चों ने अपने-अपने स्कूलों में टॉप 3 में जगह बनाई। यह क्षेत्र कोहाट बिरादरी धर्मशाला के सहयोग से संचालित होता है।
प्रोजेक्ट केयर के बच्चों ने भी हासिल किया स्थान
2025 में प्रोजेक्ट केयर के तहत 32 बच्चों को गोद लिया गया, जिनकी शिक्षा, मानसिक व सामाजिक विकास की पूर्ण ज़िम्मेदारी फाउंडेशन ने निभाई। 12वीं कक्षा में वंश ने 93.20, अंशुमन ने 87.20, राजा पासवान ने 84 और मुस्कान ने 80.40 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। मनप्रीति, भारत मिश्रा, कविता और करिश्मा जैसे बच्चों ने भी अच्छा प्रदर्शन कर समाज को गर्वित किया। इसके अलावा कक्षा 8 और 9 के छात्रों अनुराग, ऋतेश, अभिषेक, अक्ष, मंजीत, आरुषि ने 85 प्रतिशत से 97 प्रतिशत तक अंक प्राप्त किए। छोटे बच्चों में शिविका ने 95 प्रतिशत और आशी ने 91 प्रतिशत अंक लेकर प्रतिभा का परिचय दिया।
10वीं कक्षा का चौंकाने वाला प्रदर्शन
इस बार कक्षा 10वीं के बच्चों ने उम्मीदों से बढ़कर प्रदर्शन किया। हर्ष ने 91, वरुण ने 83, युगती ने 82.8, पिंकी ने 82.4, जानवी ने 81.6 और शिवानी ने 79 प्रतिशत अंक हासिल किए। अंशु और सुचि ने भी 73 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए, वहीं शुभम ने 71.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए। गौरतलब है कि अंशु ने हरियाणा सरकार की ‘Super 100’ योजना में चयनित होकर पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। इससे पहले इसी योजना में मुस्कान भी चयनित हो चुकी हैं और अब जेईई की परीक्षा पास कर चुकी हैं। बता दे कि इद्रीश फाउंडेशन की यात्रा झुग्गी बस्तियों में शिक्षा पहुंचाने से शुरू हुई थी। आज संस्था के पास 300 से अधिक बच्चे इवनिंग क्लास में पढ़ रहे हैं और 32 बच्चे प्रोजेक्ट केयर के तहत गोद लिए गए हैं। बच्चों को मुफ्त में किताबें, यूनिफॉर्म, स्टडी किट्स, और मेंटल हेल्थ काउंसलिंग प्रदान की जाती है। सहयोगी वी वी एम ट्रस्ट के प्रधान और स्कूल से सेवानिवृत प्राचार्य डॉ. विनय कुमार मल्होत्रा ने कहा कि मैंने अपने 40 वर्षों के शैक्षणिक जीवन में कई प्रकार की शिक्षण संस्थाओं और प्रयासों को नज़दीक से देखा है, परंतु इद्रीश फाउंडेशन जैसा समर्पण बहुत कम देखने को मिलता है। यहाँ केवल शिक्षा ही नहीं दी जाती, बल्कि बच्चों के आत्मबल, चरित्र और व्यक्तित्व को भी संवारा जाता है। ये बच्चे जब कठिन परिस्थितियों से निकलकर 90% से अधिक अंक लेकर आते हैं, तो यह केवल परीक्षा की नहीं, जीवन की भी जीत होती है। इद्रीश फाउंडेशन का कार्य केवल सामाजिक सेवा नहीं, बल्कि राष्ट्रनिर्माण की दिशा में एक सशक्त कदम है। जब मैं इन बच्चों को आत्मविश्वास के साथ मंच पर बोलते, पढ़ते या नेतृत्व करते देखता हूँ, तो गर्व होता है कि हमारा समाज सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। संस्था और इससे जुड़े सभी बच्चों, शिक्षकों और स्वयंसेवकों के साथ हैं यह कार्य न रुके, न झुके, बल्कि और आगे बढ़े।”
स्वयंसेवक और सहयोगियों ने की मदद
इस नेक कार्य को अंजाम देने में कई समर्पित कार्यकर्ता दिन-रात मेहनत कर रहे वंदना कौशल, करिश्मा, नीलिमा, दीक्षा शर्मा, महक जैन, तरुण अग्रवाल, अभिषेक चौहान, प्राची जैन, कोमल, चंचल और उदय पासी जैसे नाम फील्ड में बच्चों के जीवन को संवारने में लगे हुए हैं। साथ ही रोटरी क्लब ऑफ अंबाला, कोहट बिरादरी धर्मशाला, डॉ. विनय कुमार मल्होत्रा, नेहा आर्य, गुरदीप , प्रियांकुश, कुलभूषण, डॉ. राजिंदरा, अमित, कपिल, सुनीता, आशीष नारंग, रॉबिन, श्रेयसी, राजनदीप कौर, शिवांगी, अतिषय व अन्य ने
सहयोग किया। इस दौरान संस्थापक नेहा परवीन ने कहा कि शिक्षा मंदिर के प्रसाद की तरह है यह हर बच्चे को समान रूप से मिलना चाहिए, न कि किसी विशेष वर्ग तक सीमित रहना चाहिए। यही सोच संस्था को ऊर्जा देती है। उनका आगे भी यह प्रयास ऐसे ही जारी रहेगा।