ambala coverage news : मिड डे मील वर्कर्स 20 मई को न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रू की मांग को लेकर राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेंगी। 

अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला।  सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) से संबद्ध मिड डे मील वर्कर्स यूनियन की हुई जिला कमेटी बैठक के बाद प्रधान ललिता खन्ना व सचिव सोनिया ने कहा कि पक्की नौकरी व न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रू की मांग को लेकर 20 मई को वर्कर्स स्कूलों में दोपहर का भोजन नहीं बनाएगी। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से केंद्र व प्रदेश सरकार उनकी मांगो की लगातार अनदेखी कर रही है।कम छात्र संख्या के नाम पर स्कूलों को बंद कर वर्कर्स को काम से हटाया जा रहा है। वर्कर्स की साल में 12 महीने का वेतन देने की मांग पर चुप्पी साध ली गई है। ऊपर से दस महीने के मिलने वाले वेतन को भी किश्तो में दिया जाने लगा है। यही नहीं अप्रेल महीना खत्म हो गया, परन्तु अभी तक मार्च महीने का भी वेतन नहीं मिला है। इसलिए मजबूर होकर वर्कर्स ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है। आल इंडिया रोड ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के कार्यलय में हुई बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने पहलगाम में हुए बर्बर हत्याकांड की निंदा कर आंतकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने। इसके इलावा नफ़रत फैलाने वाले असमाजिक तत्वों से सचेत रहने व सभी समुदायों से एकता बनाकर रखने की भी अपील की गई।  सीटू नेता सतीश सेठी व सर्व कर्मचारी संघ के नेता महावीर पाई ने कहा कि जब काम पक्का है तो रोजगार भी पक्का होना चाहिए। परन्तु केंद्र व प्रदेश सरकार वर्कर्स के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। यंहा तक कि वर्कर्स को सरकार द्वारा निर्धारित किया न्यूनतम वेतन 11257 ₹ भी नहीं दिया जा रहा है। इसलिए अपनी मांगो को लागू करवाने के साथ ही सभी को आंतक व नफ़रत के खिलाफ भी अपनी आवाज को बुलंद करना होगा।
मिड डे मील यूनियन नेताओं ने कहा कि उक्त के इलावा वर्कर्स की रिटायरमेंट उम्र 65 साल करने, सेवा निर्वति पर 2 लाख रू ग्रेच्युटी देने, वर्दी भता बढ़ाने, दुर्घटना बीमा योजना लागू करने, हर महीने दो अवकाश देने, मेडिकल साल में एक बार करने, मिड डे मील योजना का 12वी कक्षा तक विस्तार करने व बेगार प्रथा पर रोक लगाने इत्यादि मांगो को लेकर मजदूर दिवस पर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को हड़ताल का नोटिस दिया जाएगा।

Leave a Comment

और पढ़ें