अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला। भारत-पाकिस्तान के संभावित तनावपूर्ण हालात के बीच चंडीगढ़ में आज सिविल डिफेंस में शामिल होने के लिए हज़ारों देशभक्तों ने पंजीकरण कराया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट एवं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील व काउंसिल ऑफ लॉयर्स के चेयरमैन वासु रंजन शांडिल्य ने भी सिविल डिफेंस के लिए फॉर्म भरा और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। शांडिल्य ने कहा, यह बेहद खुशी की बात है कि प्रशासन के एक आह्वान पर हजारों लोग सिविल डिफेंस में शामिल होने के लिए आगे आए। यह समय हर देशवासी के सहयोग का है। यह देशभक्ति दिखाने का सच्चा अवसर है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे बड़ी संख्या में सिविल डिफेंस से जुड़ें और देश की सेवा के लिए तैयार रहें। शांडिल्य ने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा, “जिस प्रकार एक गिलहरी ने श्रीराम के कार्य में योगदान दिया, वैसे ही हर देशवासी को इस समय अपनी भूमिका निभानी चाहिए—चाहे वह रक्तदान हो, राहत कार्य हो या किसी भी प्रकार की मदद। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि चंडीगढ़ की तरह प्रत्येक ज़िले में भारतीय सेना और प्रशासन को मिलकर सिविल डिफेंस के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि देश किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे।
अंबाला कवरेज @ अंबाला। भारत-पाकिस्तान के संभावित तनावपूर्ण हालात के बीच चंडीगढ़ में आज सिविल डिफेंस में शामिल होने के लिए हज़ारों देशभक्तों ने पंजीकरण कराया। इस अवसर पर सुप्रीम कोर्ट एवं पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील व काउंसिल ऑफ लॉयर्स के चेयरमैन वासु रंजन शांडिल्य ने भी सिविल डिफेंस के लिए फॉर्म भरा और राष्ट्र के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। शांडिल्य ने कहा, यह बेहद खुशी की बात है कि प्रशासन के एक आह्वान पर हजारों लोग सिविल डिफेंस में शामिल होने के लिए आगे आए। यह समय हर देशवासी के सहयोग का है। यह देशभक्ति दिखाने का सच्चा अवसर है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे बड़ी संख्या में सिविल डिफेंस से जुड़ें और देश की सेवा के लिए तैयार रहें। शांडिल्य ने रामायण का उदाहरण देते हुए कहा, “जिस प्रकार एक गिलहरी ने श्रीराम के कार्य में योगदान दिया, वैसे ही हर देशवासी को इस समय अपनी भूमिका निभानी चाहिए—चाहे वह रक्तदान हो, राहत कार्य हो या किसी भी प्रकार की मदद। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि चंडीगढ़ की तरह प्रत्येक ज़िले में भारतीय सेना और प्रशासन को मिलकर सिविल डिफेंस के तहत युवाओं को प्रशिक्षण देना चाहिए, ताकि देश किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहे।