अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ यमुनानगर । सिविल सर्जन यमुनानगर डॉ. पूनम चौधरी ने बताया कि गांव दसौरा तहसील छछरौली में पीलिया के केस की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव दसौरा का सर्वे किया गया जिसमें डॉ. वागीश गुटैन जिला सर्विलेन्स अधिकारी/ईन्चार्ज सी.एच.सी. छछरौली, दिनेश शर्मा महामारी रोग विशेषज्ञ, डॉ. ईशान सी.एच.ओ., अवतार सिंह एम.पी.एच.डब्ल्यू , अजीत सिंह एम.पी. एच.डब्ल्यु श्रीमती परमजीत ए.एन.एम, कुसुम आशा वर्कर द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया गया। उन्होंने बताया कि गांव दसौरा के 325 घरों का सर्वे किया गया। जिसमें पीलिया के 6 केस पाए गए, 21 अप्रैल 2025 को भी स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में 34 संदिग्ध पीलिया के केस पाए गए थे, 10 पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे गए है। 28 रक्त के सेम्पल लिए गए थे जिनकी यमुनानगर लैब में जांच की गई और 20 सेम्पल हेपेटाइटिस-ए के पॉजिटिव पाए गए।सिविल सर्जन यमुनानगर डॉ. पूनम चौधरी द्वारा भी गांव दसौरा का निरीक्षण किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि पीलिया की बीमारी गंदा पानी पीने के कारण होती है। अत: लोगों से अपील की जाती है कि पब्लिक हेल्थ की सप्लाई के पानी को उबालकर पीने आर बासी खाना ना खाएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें, खाना खाने से पहले और शौच जाने के बाद हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और हेंडपम्प का पानी ना पिएं। यदि किसी व्यक्ति को पीलिया की शिकायत होती है तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर इलाज कराएं। डा. वागीश गुटैन जिला सर्विलांस अधिकारी/ईन्चार्ज सी.एच.सी. छछरौली यमुनानगर ने पीलिया के लक्षण बताएं आंखों, त्वचा व नाखून पीले पड़ जाना, उल्टी आना या अनुभूति होना, बुखार, पीला पेशाब आना,भूख न लगना, लीवर के आस-पास दर्द होना, वजन घटना, कमजोरी व थकान महसूस होना। जन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी गुरदीप सिंह एस.डी.ओ., भरत सिंह जे.ई. और इनकी टीम द्वारा पानी को साफ करने की प्रक्रिया की जा रही थी व स्वास्थ्य विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं।
अंबाला कवरेज @ यमुनानगर । सिविल सर्जन यमुनानगर डॉ. पूनम चौधरी ने बताया कि गांव दसौरा तहसील छछरौली में पीलिया के केस की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव दसौरा का सर्वे किया गया जिसमें डॉ. वागीश गुटैन जिला सर्विलेन्स अधिकारी/ईन्चार्ज सी.एच.सी. छछरौली, दिनेश शर्मा महामारी रोग विशेषज्ञ, डॉ. ईशान सी.एच.ओ., अवतार सिंह एम.पी.एच.डब्ल्यू , अजीत सिंह एम.पी. एच.डब्ल्यु श्रीमती परमजीत ए.एन.एम, कुसुम आशा वर्कर द्वारा घर-घर जाकर सर्वे किया गया। उन्होंने बताया कि गांव दसौरा के 325 घरों का सर्वे किया गया। जिसमें पीलिया के 6 केस पाए गए, 21 अप्रैल 2025 को भी स्वास्थ्य विभाग के सर्वे में 34 संदिग्ध पीलिया के केस पाए गए थे, 10 पानी के सैंपल लेकर जांच के लिए लैब में भेजे गए है। 28 रक्त के सेम्पल लिए गए थे जिनकी यमुनानगर लैब में जांच की गई और 20 सेम्पल हेपेटाइटिस-ए के पॉजिटिव पाए गए।सिविल सर्जन यमुनानगर डॉ. पूनम चौधरी द्वारा भी गांव दसौरा का निरीक्षण किया गया जिसमें उन्होंने बताया कि पीलिया की बीमारी गंदा पानी पीने के कारण होती है। अत: लोगों से अपील की जाती है कि पब्लिक हेल्थ की सप्लाई के पानी को उबालकर पीने आर बासी खाना ना खाएं, साफ-सफाई का ध्यान रखें, खाना खाने से पहले और शौच जाने के बाद हाथों को साबुन से अच्छे से धोएं और हेंडपम्प का पानी ना पिएं। यदि किसी व्यक्ति को पीलिया की शिकायत होती है तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर इलाज कराएं। डा. वागीश गुटैन जिला सर्विलांस अधिकारी/ईन्चार्ज सी.एच.सी. छछरौली यमुनानगर ने पीलिया के लक्षण बताएं आंखों, त्वचा व नाखून पीले पड़ जाना, उल्टी आना या अनुभूति होना, बुखार, पीला पेशाब आना,भूख न लगना, लीवर के आस-पास दर्द होना, वजन घटना, कमजोरी व थकान महसूस होना। जन स्वास्थ्य विभाग की तरफ से भी गुरदीप सिंह एस.डी.ओ., भरत सिंह जे.ई. और इनकी टीम द्वारा पानी को साफ करने की प्रक्रिया की जा रही थी व स्वास्थ्य विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा पानी के सैंपल भी लिए जा रहे हैं।
edited by alka rajput