अम्बाला कवरेज @ हिसार। राज्यपाल एवं गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलाधिपति बंडारू दत्तात्रेय ने शुक्रवार को विश्वविद्यालय के शोधार्थियों से राष्ट्र के विकास और प्रगति में शोध की भूमिका विषय पर विमर्श किया। उन्होंने शोधार्थियों से उनके शोध की सामाजिक उपयोगिताओं को जाना तथा उन्हें समाज उपयोगी शोध के लिए प्रेरित किया।राज्यपाल ने शोधार्थियों से शोध के दौरान आने वाली चुनौतियों व समस्याओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने यह जानने व समझाने का प्रयास किया कि शोध को और अधिक समाज उपयोगी किस प्रकार से बनाया जाए। यह विश्वविद्यालय के चौधरी रणबीर सिंह सभागार के सेमिनार हॉल-1 में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने की। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद छोकर उपस्थित रहे।राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा है कि शोध सत्य को प्राप्त करने के लिए किया जाना चाहिए। हरियाणा प्रदेश के शोधार्थियों को ऐसा शोध करना चाहिए जो प्रदेश के लिए सर्वाधिक उपयोगी हो। स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हो। शोध कार्य के दौरान मिलने वाली विफलताओं से विचलित न हों। कार्य पूरे होने तक दृढ़ विश्वास के साथ शोध करते रहें।ambala coverage स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करें शोध : बंडारू दत्तात्रेय
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बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने जय जवान जय किसान जय विज्ञान का नारा दिया। देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नया नारा जय जवान जय किसान जय विज्ञान जय अनुसंधान का नारा दिया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। आप सब भी भारत को विश्व गुरु बनाने में लगे हुए हैं। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि शोधार्थियों में ज्यादातर महिला शोधार्थी हैं। कोई देश तभी आगे बढ़ सकता है, जब उस देश की महिलाएं आगे बढ़ेंगी।कुलपति प्रो. नरसी राम बिश्नोई ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों व विकास यात्रा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आदि पर्यावरणविद् एवं संत गुरु जम्भेश्वर जी महाराज के नाम पर स्थापित यह विश्वविद्यालय गत 28 सालों से गुरु जी के पर्यावरण संरक्षण तथा अन्य सिद्धांतों की स्थापना करते हुए प्रगति के नए आयाम छू रहा है। 372 एकड़ में फैले इस विश्वविद्यालय में 4000 से अधिक पेड़ हैं। विश्वविद्यालय की एपीजे अब्दुल कलाम सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन लैब हरियाणा तथा आस-पास के राज्यों को भी प्रायोगिक सुविधाएं उपलब्ध करवा रही है।ambala coverage स्थानीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए करें शोध : बंडारू दत्तात्रेय
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