अंबाला कवरेज @ अमित अठवाल। अंबाला नगर निगम में भ्रष्टाचार का खेल कोई नया नही है। न ही अंबाला नगर निगम में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी ने शिकायत की और कार्रवाई का आश्वासन दिया गया, लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि पिछले तीन सालों में नगर निगम में कई भ्रष्टाचार हुए, लेकिन मिलीभगत के चलते सभी भ्रष्टाचारों को लेकर निगम पहुंची शिकायतें फाइलों में धूल फांक रही है। अब नगर निगम में कई बिंदूओं के साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए नगर निगम में काम करने वालों के खिलाफ शिकायत की गई और बकायदा अनिल विज ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं, लेकिन अभी भी कर्मचारी के बीच किसी तरह का कोई खौफ नहीं है और वह खुद को सही बताने में लगे हैं।
कुरुक्षेत्र के रहने वाले विनोद कुमार द्वारा दी गई शिकायत में हर उस मामले को उठाया गया है, जोकि सीधे तौर पर आम पब्लिक से जुड़ा हुआ है। शिकायत में नगर निगम में कच्चे कर्मचारी के तौर पर काम करने वाले एलए ललित मोहन पर आरोप लगाए गए हैं। ललित मोहन पर आरोप लगाय कि वह मिलीभगत कर बिना रिकॉर्ड के विकास विहार की दुकानों की रजिस्ट्रियां करवा रहे हैं। सवाल यह खड़ा होता है कि एक कच्चा कर्मचारी पर सारी अहम जिम्मेदारी डाली जा रही है और निगम द्वारा नियुक्त किए गए एलए से क्यों राय नहीं ली जा रही। आखिर ललित मोहन का विवाद में नाम क्यों आ रहा है। इस संबंध में अंबाला कवरेज की टीम ने ललित मोहन से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नही आया।
किसी की दिनों में और किसी की महीनों से फाइल चाट रही धूल
अंबाला नगर निगम में सरकार की योजना के अनुसार रजिस्ट्रियां करवाने वालों ने एप्लाई किया है, लेकिन किसी की फाइल तो दिनों में पास हो जाती है और रजिस्ट्री हो जाती, लेकिन किसी की फाइल महीनों बीत जाने के बाद भी धूल फांकती रहती है। आखिर ऐसा क्यों है। ये सभी बातें ही भ्रष्टाचार की तरफ इशारा करती हैं और शिकायतकर्ता ने कुछ ऐसे ही सवाल खड़े करते हुए अनिल विज ने मामले की जांच किए जाने का आग्रह किया है। निश्चिततौर पर टैक्स ब्रांच, दुकानों को नाम करने के मामले के साथ साथ एनडीसी के मामले की जांच हुई तो भ्रष्टाचार की गई परतें खुल सकती हैं। पिछले तीन सालों में अमरूत योजना के तहत डाली गई पाईप लाइन की जांच के आदेश हुए थे, जिसे वर्तमान में हरियाणा जनचेतना पार्टी के पार्षद उठा रहे हैं, लेकिन उस समय भी जांच को अपने स्तर पर ही दफतर दाखिल कर दिया गया।
बिल्डिंग ब्रांच की हो जाए जांच तो खुल जाएगा सच
अंबाला नगर निगम की बिल्डिंग ब्रांच की बात की जाए तो निश्चिततौर पर कई तरह की अनियमितताएं मिल जाएगी। एनडीसी जारी करने का फैसला तो सरकार ने नगर निगम का रैवेन्यू बढ़ाने के लिए लिया था, लेकिन एनडीसी के नाम पर भ्रष्टाचार में बढ़ावा हो गया। हालात यह हैं कि अधिकारी अपनी मनमर्जी से काम करते हैं। घरों के नक्शे पास करवाकर कमर्शियल बिल्डिंग बनवा दी जाती है। यदि अंबाला शहर नगर निगम की ब्रांच की जांच की जाए तो करीब 200 ऐसे नक्शे होंगे, जिनपर आज तक फैसला नहीं लिया गया और वहां पर भवन बनकर तैयार भी हो चुके हैं।