अंबाला कवरेज @ यमुनानगर। शहर में घूम रहे बेसहारा पशुओं से शहर मुक्त बनाने के लिए निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने गौशाला प्रबंधकों, पशुपालन विभाग के अधिकारियों व मुख्य सफाई निरीक्षकों की बैठक ली। बैठक में बेसहारा पशुओं को पकड़ने व उनके प्रबंधन में आ रही समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में निर्णय लिया गया कि बेसहारा पशुओं को पकड़ने, उनके प्रबंधन, निगम व पशुपालन विभाग के अधिकारियों में तालमेल को लेकर व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा। जिसमें शहरी क्षेत्र में घूम रहे बेसहारा पशुओं की सूचना देने, पशु पकड़ने, उसके प्रबंधन, टैग लगाने, उनका रिकार्ड रखने समेत अन्य जानकारियां शेयर की जाएगी। इस ग्रुप में सभी गोशाला प्रबंधक, नगर निगम व पशुपालन विभाग के अधिकारी जोड़े जाएंगे। निगमायुक्त आयुष सिन्हा खुद ग्रुप की मॉनिटरिंग करेंगे। इसके अलावा फरवरी माह से अब तक शहर से पकड़े गए जिन बेसहारा पशुओं का गोशालाओं को गो सेवा आयोग द्वारा चारा खर्च नहीं दिया गया है। उन्हें नगर निगम द्वारा 20 दिसंबर तक चारा खर्च दिया जाएगा। सभी गौशालाओं में 100 पशुओं के बैठने के लिए शेड की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए पशुपालन विभाग के अधिकारी गोशाला प्रबंधकों के साथ मिलकर गौ सेवा आयोग के पोर्टल पर आवेदन करें। इनके अलावा जो व्यक्ति शहर में पशुओं को छोड़ता मिला या निगम द्वारा उसका खुले में घूमता हुआ पशु पकड़कर गोशाला में पहुंचाया गया, उसका पांच हजार रुपये का चालान किया जाएगा। इनके अलावा बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए नगर निगम ने कैचर कैटल वाहन खरीदने की तैयारी भी कर ली है।
नगर निगम आयुक्त आयुष सिन्हा की अध्यक्षता में हुई बैठक में गौशाला दामला, श्री गौशाला कमेटी मटका चौक जगाधरी, श्री गौशाला सेवा समिति छछरौली के प्रबंधकों व प्रधान, पशुपालन व नगर निगम के अधिकारियों ने भाग लिया। निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने सबसे पहले गौशाला प्रबंधकों, पशु पालन व निगम अधिकारियों से बेसहारा पशुओं को पकड़ने की समस्याओं पर चर्चा की। जिसमें बताया गया कि कुछ आक्रामक पशुओं को पकड़ने में समस्या आती है। उन्हें पकड़ते समय कई बार कर्मी चोटिल भी हो जाते है। ऐसे में निगमायुक्त ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को ऐसे पशुओं को काबू करने के बारे में पूछा। उन्होंने बताया कि ऐसे पशुओं को पकड़ने के लिए वह इंजेक्शन लगाते है। जिससे वह शांत हो जाता है। इसके बाद उसे पकड़ना आसान हो जाता है। इसके बाद बेसहारा पशुओं को चारा खर्च दिए जाने पर चर्चा हुई। जिसमें पशुपालन विभाग ने बताया कि फरवरी माह से गो सेवा आयोग द्वारा बेसहारा गोवंश के लिए फंड भेजा जाता है। इसके लिए पशुओं को पोर्टल पर आवेदन करना पड़ता है। जानकारी के अभाव में कुछ पशुओं को पोर्टल पर आवेदन नहीं किया गया। जिनका फंड उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने पशुपालन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि भविष्य में वे नियमित समय पर प्रत्येक गोशाला के सभी बेसहारा पशुओं का पोर्टल पर आवेदन करना सुनिश्चित करें। भविष्य में इस तरह की कोई समस्या न हो।
जिन पशुओं का फंड उपलब्ध नहीं हुआ है, फरवरी माह से अब तक का उनका चारा खर्च नगर निगम द्वारा दिया जाएगा। गोशाला प्रबंधकों ने निगमायुक्त से गोशालाओं में पशुओं के बैठने की व्यवस्था की समस्या रखी। निगमायुक्त सिन्हा ने बताया कि सभी गोशालाओं में पशुओं के बैठने के लिए शैड की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए पशुपालन विभाग के अधिकारी गोशाला प्रबंधकों के साथ मिलकर गो सेवा आयोग के पोर्टल पर आवेदन करें। इनके अलावा जो व्यक्ति शहर में पशुओं को छोड़ता मिला या निगम द्वारा उसका खुले में घूमता हुआ पशु पकड़कर गोशाला में पहुंचाया गया, उसका पांच हजार रुपये का चालान किया जाएगा। बेसहारा पशुओं को पकड़ने के लिए कैटल कैचर वाहन खरीदने की भी तैयारी की गई है। निगमायुक्त आयुष सिन्हा ने कहा कि कोई भी शहरवासी गोवंशजों का इस्तेमाल करने के बाद उन्हें खुले में न छोड़े। यदि उन्हें गोवंश को छोड़ने है तो अपनी नजदीक गोशाला में इन्हें छोड़कर आए। मौके पर उप निगम आयुक्त डा. विजय पाल यादव, पशुपालन विभाग के अधिकारी, सीएसआई हरजीत सिंह, सीएसआई सुनील दत्त, पशुपालन विभाग के एसडीओ सतबीर सिंह, श्री गौशाला सेवा समिति छछरौली के प्रबंधक कंवर कुमार, श्री गौशाला कमेटी जगाधरी के प्रबंधक विनोद शर्मा, दामला से धर्मेंद्र भारद्वाज, कमल आदि मौजूद रहे।