चंडीगढ़- हरियाणा के राज्यपाल श्री सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार ने बहुत कम समय में ही तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र मेें अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।
श्री आर्य विश्वविद्यालय रजत जयंती समारोह के अवसर पर वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से चंडीगढ़ से विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, अध्यापकगण व छात्रों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने विश्वविद्यिालय की स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर प्रदेशवासियों व विश्वविद्यालय परिवार को शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर राज्यपाल की सचिव डॉ. जी. अनुपमा भी उपस्थित थीं । श्री आर्य ने कहा कि इस विश्वविद्यालय का नाम महान पर्यावरणविद गुरु जम्भेश्वर जी के नाम पर रखा गया है। आज ये विश्वविद्यालय पर्यावरण के साथ-साथ विज्ञान एवं तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में भी देश और प्रदेश के छात्रों को गुणवत्ता की शिक्षा उपलब्ध करवा रहा है। उन्हें गर्व है कि विश्वविद्यालय को ‘नैक’ (हृ्र्रष्ट) से तीन बार ‘ए’ ग्रेड की मान्यता प्राप्त हुई है। देश के शीर्ष 100 विश्वविद्यालयों में दो बार स्थान मिला है। इतना ही नहीं विश्वविद्यालयों के विभिन्न विभागों के माध्यम से अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की पत्रिकाओं में 2700 से भी अधिक शोध-पत्र प्रकाशित हुए हैं । यह सब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, पदाधिकारीगण व छात्रों की कठिन मेहनत का परिणाम है। ambala today news पढ़िए खबर: राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने किस विश्वविद्यालय को लेकर ओर क्यों कही यह बड़ी बात,
श्री आर्य ने कहा कि विश्वविद्यालय से 25 वर्ष के कार्यकाल में अनेक ऐसे विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण करके आगे बढ़े हैं, जिन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करते हुए देश, राज्य और इस विश्वविद्यालय का नाम रोशन किया है।
उन्होंने शिक्षा की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो, शिक्षा से भी घर रोशन होते हैं’। शिक्षा राष्ट्र और समाज निर्माण के साथ-साथ व्यक्ति के सर्वांगीण विकास का आधार होती है। शिक्षा की लौ पूरे वातावरण को प्रज्जवलित करती है और समृद्धि लाती है। शिक्षा के प्रचार-प्रसार और शोध कार्यों में विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण योगदान होता है। शिक्षा के प्रचार-प्रसार व युवाओं की रोजगार संबंधी आवश्कताओं को मद्देनजर रखते हुए हरियाणा में अनेक विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान खोले गए हैं। वर्ष 1966 में जब हरियाणा राज्य का गठन हुआ, तब केवल एक विश्वविद्यालय,कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ही था। अब प्रदेश में 43 विश्वविद्यालय खुल चुके हैं।
राज्यपाल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी के एकात्ममानववाद एवं अंत्योदय के विचार का संदेश देते हुए कहा कि हमें गांव में रहने वाले गरीब व्यक्ति, जो कि निर्वस्त्र और भूखे रहते हैं, को भी शिक्षा प्रदान करने के अवसर उपलब्ध करवाने चाहिएं ताकि वे भी देश की तरक्की में अपना योगदान दे सकें । इसी प्रकार से उन्होंने संविधान रचयिता बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर के सामाजिक समरसता समभाव का भी उल्लेख किया।
श्री आर्य ने शिक्षाविदों का आहवान किया कि वे देश में 34 वर्ष के बाद तैयार की गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बेहतर क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण योगदान दें, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में क्रान्तिकारी बदलाव होंगे और देश फिर से विश्वगुरु कहलाने में सक्षम होगा। इस अवसर पर गुरु जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, हिसार के कुलपति प्रोफेसर टंकेश्वर कुमार ने राज्यपाल का धन्यवाद किया। ambala today news पढ़िए खबर: राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने किस विश्वविद्यालय को लेकर ओर क्यों कही यह बड़ी बात,