चंडीगढ़- हरियाणा में कोविड-19 के मरीजों की ‘होम आइसोलेशन केयर’ को मजबूत करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसमें ‘डिस्ट्रीक्ट होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम’ द्वारा प्रत्येक वैकल्पिक दिन व्यक्तिगत-विजिट पर जोर दिया गया है। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजीव अरोड़ा, आयुष्मान भारत हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अशोक कुमार मीणा और स्वास्थ्य विभाग के विशेष सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हरियाणा के मिशन निदेशक श्री प्रभजोत सिंह की राज्य के 22 जिलों के सिविल सर्जनों के साथ हुई वीडियो कान्फ्रेंसिंग के दौरान दी गई। कोविड-19 रोगियों के होम-आइसोलेशन के मामले में सुधार पर जोर देते हुए श्री राजीव अरोड़ा ने कहा कि लगभग 60 से 70 प्रतिशत कोरोना संक्रमित व्यक्ति होम-आइसोलेशन में हैं, इसलिए हमें होम-आइसोलेशन नीति को सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि स्पर्शोन्मुख और रोगसूचक रोगी जो होम-आइसोलेशन में हैं, आमतौर पर अलग कमरे में रहने, एक अलग शौचालय तथा देखभाल करने वाले एक व्यक्ति के होने जैसे दिशा-निर्देशों का पालन करने में असमर्थ हैं। अब ‘डिस्ट्रीक्ट होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम’ द्वारा वैकल्पिक दिन व्यक्तिगत-विजिट की जाएगी कि किसी मरीज के मामले में दिशा-निर्देशों का पालन हो रहा है या नहीं। ambala today news 60 से 70 प्रतिशत कोरोना संक्रमित व्यक्ति होम-आइसोलेशन, इसलिए होम-आइसोलेशन नीति को सुधारने की आवश्यकता
आयुष्मान भारत, हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अशोक कुमार मीणा ने कहा कि संबंधित टीमें आईसीएमआर पोर्टल से होम-आइसोलेशन पर रोगियों की संख्या की जांच कर सकती हैं और वैकल्पिक दिनों पर दौरा कर सकती हैं। प्रत्येक फील्ड टीम के वाहन पर जिले के नाम के साथ ‘डिस्ट्रिक्ट होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम’ का उल्लेख करने वाला एक फ्लेक्स बैनर होगा। प्रत्येक क्षेत्र की टीम में एक एएमओ, एक एएनएम और एक आशा कार्यकर्ता शामिल होंगी। उन्होंने कहा कि यदि अलग-अलग वॉशरूम का उपयोग किया जा रहा है तो मरीज की महत्वपूर्ण मापदंडों के अलावा सह-रुग्णता होने पर भी टीमें जांच करेंगी। रोगी की स्थिति के बारे में जानकारी संबंधित नोडल अधिकारियों के साथ ब्लॉक-स्तर और जिला-स्तर पर सांझा की जानी चाहिए। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, हरियाणा के निदेशक श्री प्रभजोत सिंह ने सिविल सर्जनों से बात करते हुए कहा कि ‘डिस्ट्रीक्ट होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम’ तय करेगी कि मरीज को घर में रखा जाए या नहीं। टीम मरीज की नब्ज, तापमान, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन के स्तर आदि की जांच करेंगी। ‘डिस्ट्रीक्ट होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम’ के कार्यों को सूचीबद्ध करते हुए श्री सिंह ने कहा कि टीम केवल इमूनिटी-बूस्टर, आयुष मेडिसिन, सादे पैरासिटामोल और दवाओं जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि डॉक्टर के पर्चे और ड्राइवर सहित पीपीई किट पहनी हुई टीम के बिना कोई भी स्टेरॉयड नहीं दी जाएगी। ‘डिस्ट्रीक्ट होम आइसोलेशन मॉनिटरिंग टीम’ को उनके उपयोग के लिए पीपीई किट और सैनिटाइजर दिए जाएंगे। सिविल सर्जनों को निर्देश दिए गए थे कि वे पल्स ऑक्सीमीटर, गैर-पारा थर्मामीटर ,स्टेथोस्कोप और बीपी चैकिंग मशीन की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक क्षेत्र की टीम के साथ इन विटल्स की जांच करें। ambala today news 60 से 70 प्रतिशत कोरोना संक्रमित व्यक्ति होम-आइसोलेशन, इसलिए होम-आइसोलेशन नीति को सुधारने की आवश्यकता
ambala today news राज्य के बाजरा उत्पादक किसानों के हित में सरकार ने लिया यह अहम निर्णय