दरअसल नारायणगढ निवासी शेखर अग्रवाल ने सी एम को दी शिकायत में आरोप लगाया था कि वह 13 मई 2020 को नारायणगढ तहसील में बैंक से सम्बंधित कार्य करवाने के लिए गया था बकौल शेखर सम्बंधित रजिस्ट्री क्लर्क ने हमारे कागजात चेक करने के बाद हमे कागज देकर तहसीलदार के हस्ताक्षर करवाने के लिए कहा जब वह तहसीलदार दिनेश ढिल्लो के पास गया तो उन्होंने कागज चेक करने के पश्चात कह दिया कि आपका कार्य नही हो सकता। ambala today news तहसीलदार नारायणगढ के खिलाफ भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज, मई 2020 में ली गई थी दलाल के मार्फ़त 5 हजार रिश्वत
शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जब वह तहसीलदार के कमरे से निकला तो तहसीलदार के साथ रहने वाला गदौली निवासी रणदीप राणा आया और कहने लगा कि बिना पैसे दिए कार्य नही होगा उसने 10 हजार देने के लिए कहा मैने कहा कि मेरे पास इतने पैसे नही है मैने उसे 5हजार रुपये दिए तो वह व्यक्ति साथ के साथ तहसीलदार के हस्ताक्षर करवा लाया जिसके बाद उसने कम्प्यूटर व पटवारी के पास भी उस डीड का इंद्राज करवा दिया। सांसद ने करवाये पैसे वापिस:- शेखर अग्रवाल की शिकायत जिसके आधार पर मामला दर्ज हुआ है के अनुसार हमने सांसद नायब सैनी को फोन किया कि तहसील में पैसे लेकर कार्य होते है सांसद ने हमसे पूछा कि कितने पैसे लिए तो हमने बता दिया कि 5 हजार रुपये लिए है सांसद ने तहसीलदार को कहा कि आप पैसे लेकर कार्य करते हो जिसके बाद रणदीप राणा अगली सुबह हमारे पैसे वापिस कर गया। तहसीलदार के इस व्यवहार से क्षुब्ध शेखर अग्रवाल ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को शिकायत दे तहसीलदार व उसके दलाल रणदीप राणा के खिलाफ कार्यवाही की मांग की थी जिस पर उपायुक्त अम्बाला द्वारा अगस्त 2020 व एस डी एम नारायणगढ द्वारा जुलाई 2020 में की गई जांच करने के उपरांत शेखर अग्रवाल की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज करने की सिफारिश की गई थी। ambala today news तहसीलदार नारायणगढ के खिलाफ भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज, मई 2020 में ली गई थी दलाल के मार्फ़त 5 हजार रिश्वत