अम्बाला : हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट की वरिष्ठ नेत्री चित्रा सरवारा ने आज अम्बाला शहर में दलीप चावला बिट्टू जी और साथियों के साथ अनाज मंडी में पहुंचकर किसानों और आढ़तियों की समस्याएं सुनी। इस दौरान चित्रा सरवारा ने अनाज मंडी में जीरी की फसल की हो रही दुर्दशा देखकर सरकार पर जमकर हल्ला बोला। उन्होंने कहा कि वादा खिलाफ सरकार जीरी की फसल नहीं उठा रही जिसके कारण किसान का सोना मंडी में पड़ा बर्बाद रहा है और फसल का दाना दाना खरीदने का सरकार का दावा साफ जुमला साबित हो रहा है। चित्रा सरवारा ने कहा कि नए कृषि कानून के विरोध में हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट 5 अक्टूबर को अंबाला शहर उपायुक्त कार्यालय पर डिस्ट्रिक्ट स्तर पर धरना प्रदर्शन करेगा I चित्रा सरवारा और हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट के साथियों ने मंडी में पड़ी किसान की धान का मुआयना किया और किसान,आढ़ती,शेलर मालिकों और मजदूरों की व्यथा सुनी। चित्रा सरवारा ने आरोप लगाया कि किसान की फसल में मौजूद नमी का स्तर जो सरकार ने मान्य किया है वो सभी के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है I जहां 17 स्तर की नमी की मान्यता पूरी करने और उसका खामियाजा उठाने से आज आढ़ती और मिल का मालिक परेशान है, इस दुविधा में किसानों की सड़क पर पडी फैसल की नमी दिन ब दिन गिरती जा रही हैऔर धीरे धीरे ये बिकने लायक भी नहीं रहेगी। मौके पर पीड़ित किसानों ने आरोप लगाया कि मंडी में पड़े पड़े जीरी का छिलका उतरकर चावल बाहर निकल चुका है, जिसके कारण अब शैलर भी इसे नहीं खरीदेगा , इसका खामियाजा अब कौन भुगतेगा ? ambala today news फसल का दाना दाना खरीदने का सरकार का दावा जुमला साबित हो रहा है : चित्रा सरवारा
उन्होंने कहा कि किसान कृषि अध्यादेश के के खिलाफ हरियाणा डेमोक्रेटिक फ्रंट अब तक किसानों और इनके पीछे हमेशा खड़ा रहा है, अब आगे आते हुए एचडीएफ 5 अक्टूबर को जिला स्तर पर एक धरना प्रदर्शन करेगी जिससे किसानों को उनके साथ जुल्म की आवाज़ सरकार के आगे फिर उठाई जाए और ये तब तक चलेगा जब तक ये सरकार इस कानून को बदलती नहीं या फिर ये सरकार बदली नहीं जाती । उन्होंने कहा कि सरकार ने फसल की बिक्री पर कंडीशन इतनी टाइट कर रखी है और इसमें इतनी बंदिशें हैं कि फसल बोने और बेचने में अब कोई मार्जन नहीं रहा। सरकार अब किसानों के साथ जबरदस्ती कर रही है लेकिन इनका एक स्टाइल है कि जब भी चुनाव नजदीक आते हैं तो सत्तापक्ष के लोग कुछ नौकरियां निकाल देंगे, किसानों के खातों में 2-2 हजार रुपए डाल देंगे, कुछ पीले कार्ड बना देंगे और कुछ लोगों के कच्चे मकानों की छतें बनवा देंगे और इस प्रकार लोगों का ध्यान बंटाकर वोट हासिल करने की साजिश करेंगे। चित्रा सरवारा ने कहा कि किसान आंदोलन के बाद सरकार ने एमएसपी तो बढ़ा दी लेकिन सुनिश्चित नहीं करी – आज भी किसान काे फसल का पूरा दाम नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा कि सरकार ने मक्का की फसल का एमएसपी 1800 रुपए निर्धारित किया था लेकिन किसानों को 800 तक में बेचनी पडी । उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार एमएसपी की घोषण करने के साथ साथ यह सुनिश्चित करे कि किसान को उसकी फसल का पूरा दाम मिले और कम दाम पर फसल खरीदना गैर कानूनी हो। सरकार ने किसानों के आंदोलन में खुद ही घी डाला है और खुद ही आग लगाई है। अब किसान अपनी जायज मांगों को मनवाने के लिए जो भी तरीका अपनाए उसकी जिम्मेवारी सरकार की ही होगी। ambala today news फसल का दाना दाना खरीदने का सरकार का दावा जुमला साबित हो रहा है : चित्रा सरवारा
ambala today news बहुजन समाज पार्टी की सरकार में सभी वर्गों के भविष्य सुरक्षित: गुरमुख सिंह