चंडीगढ़,- हरियाणा के मुख्यमंत्री एवं हरियाणा साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री मनोहर लाल इसी माह पंचकूला में स्थित हरियाणा साहित्य अकादमी के भवन में हिन्दी पत्रकारिता के पितामह बाबू बालमुकुन्द गुप्त की प्रतिमा का औपचारिक अनावरण करेंगे। इसके अलावा, मुख्यमंत्री स्वर्गीय गुप्त जी के जन्म स्थान रेवाड़ी जिला के गांव गुडिय़ानी का दौरा करेंगे, वहां उनकी हवेली भी जाएंगे। इस बारे में जानकारी देते हुए अकादमी के प्रवक्ता ने बताया कि हिन्दी गद्य के यशस्वी पुरोधा बाबू बालमुकुंद गुप्त की 114 वीं पुण्यतिथि के अवसर पर अकादमी परिसर में बाबू बालमुकुन्द गुप्त की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्घांजलि अर्पित की गई।
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इस अवसर पर हरियाणा साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. चंद्र त्रिखा तथा क्षेत्रीय साहित्यकारों की ओर से केन्द्रीय साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष श्री माधव कौशिक ने श्रद्घांजलि अर्पित की। इस अवसर पर डॉ. चंद्र त्रिखा ने कहा कि हिन्दी गद्य के यशस्वी विद्वान तथा हिन्दी पत्रकारिता के मसीहा बाबू बालमुकुन्द गुप्त की देन हरियाणा वासियों के लिए एक अनुपम धरोहर की तरह है। हमें गर्व है कि उनका जन्म हरियाणा के रेवाड़ी जिले के गुडिय़ानी गांव में हुआ। बाबू बालमुकुन्द गुप्त जी द्वारा स्थापित साहित्यिक पत्रकारिता के प्रतिमान नई पीढ़ी के पत्रकारों को हमेशा प्रेरणा देते रहेंगे। गुप्त जी का युग हिन्दी गद्य व पत्रकारिता का शुरुआती युग था। हालांकि स्वर्गीय गुप्त जी के समय में आलोचना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन उन्होंने निबंधों में एक सतर्क व तटस्थ समालोचक की भूमिका निभा कर हिन्दी आलोचना का मार्ग प्रशस्त किया। गुप्त जी ने हिन्दी की राष्ट्रीय चेतना व सामथ्र्य को पहचाना और इसको समूचे भारत को एकता के सूत्र में पिरोने वाली अद्भूत भाषा बताया। वे भाषाओं के बीच समन्वय के प्रबल पक्षधर थे।