चंडीगढ़। हरियाणा सरकार ने हरियाणा अनिवार्य विवाह पंजीकरण अधिनियम, 2008 से जुड़े कार्यों को राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग को हस्तांतरित करने के एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। एक सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में विवाह पंजीकरण प्रक्रिया के संचालन का अधिकार गृह विभाग के साथ-साथ राजस्व विभाग के पास है और प्रत्येक विभाग के सटीक डोमेन में अस्पष्टता है। इसलिए यह निर्णय लिया गया कि इस विषय को गृह विभाग के बजाय राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा। इस प्रयोजन के लिए उचित अधिसूचना जारी की जाएगी। प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा में ऑनलाइन विवाह पंजीकरण के लिए प्रक्रिया के संबंध में 15 जुलाई, 2020 को राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी। बैठक में बताया गया कि मौजूदा प्रक्रिया में आवेदकों (दुल्हन, दूल्हे और गवाहों) को एक से अधिक बार व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना पड़ता है, जिससे आवेदकों को असुविधा का सामना करना पड़ता है। इसलिए यह निर्णय लिया गया था कि प्रक्रिया को संशोधित किया जाना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आवेदकों को इस पूरी प्रक्रिया के दौरान केवल एक बार व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होना पड़े। ambala today news पढ़िए खबर: हरियाणा सरकार ने दी मंजूरी अब गृह विभाग के बजाय राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग करेंगा संचालित
उन्होंने बताया कि विवाह पंजीकरण एक संवेदनशील विषय है और यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार के डाटा के हेरफेर की कोई गुंजाइश न हो। इसलिए, आवेदन के लिए डाटा प्रविष्टि स्वयं आवेदकों द्वारा भरी जानी चाहिए। तदनुसार प्रक्रिया को संशोधित करने पर सहमति हुई। वर्तमान में विवाह पंजीकरण प्रक्रिया के कुछ हिस्से मैनुअल हैं और प्रक्रिया के उन हिस्सों को डिजिटल करने की आवश्यकता है। वर्तमान प्रक्रिया में यदि दुल्हन दस्तावेजों को प्रदान करने से इनकार करती है, तो आवेदन सिस्टम में लंबित रहती है। आवेदन को पूरा करने के लिए समयसीमा को परिभाषित करने पर सहमति हुई। यदि पूर्ण दस्तावेज और व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने जैसी सभी औपचारिकताएं तय सीमा के भीतर पूरी नहीं होती हैं, तो आवेदन स्वत: बंद हो जाएगा। ambala today news पढ़िए खबर: हरियाणा सरकार ने दी मंजूरी अब गृह विभाग के बजाय राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग करेंगा संचालित