चंडीगढ़। हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस अपनाए जाने के विजन के अनुरूप सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में संल्पितता की प्रवृति पर अंकुश लगाने के लिए हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो द्वारा चलाए जा रहे अपने विशेष अभियानों के तहत ब्यूरो की टीम ने दो कर्मचारियों को 4500 व 20 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। ब्यूरो के प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि जिन कर्मचारियों को स्थानीय डयूटी मजिस्ट्रेट्स की उपस्थिती में गिरफ्तार किया है उनमें राजस्व विभाग समालखा जिला पानीपत के पटवारी सुरेश को मयूर विहार कालोनी के सूरज की शिकायत उसके प्लॉट की मौका रिपोर्ट करवाने की एवेज में 4500 रुपए की रिश्वत लेते हुए तथा थाना सदर तावडू जिला नूंह में तैनात सहायक उप-निरीक्षक सुरेंद्र सिंह को नीम्बाहेड़ी जिला अलवर राजस्थान के मुबीन को उसके विरूद्ध माईनिंग केस में उच्च न्यायालय से जमानत दिलवाने तथा उसके ट्रक एच.आर-55-टी-6903 का चालान न करने की एवज में 20 हजार रूपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो गिरफ्तार किया जाना शामिल है।
प्रवक्ता ने बताया कि पटवारी सुरेश के खिलाफ ब्यूरो के पुलिस स्टेशन करनाल तथा सहायक उप-निरीक्षक सुरेंद्र सिंह के खिलाफ ब्यूरो के गुरूग्राम पुलिस थाने में भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम की धारा-7 के तहत मामले दर्ज किए हैं तथा दोनों के मामले में आगे की जांच जारी है। प्रवक्ता ने बताया कि इसी प्रकार ब्यूरो ने सरकार के आदेश पर जुलाई माह के दौरान 11 जांच दर्ज की तथा 3 जांचे पूरी कर सरकार को रिपोर्ट पेश की गई। जिनमें एक जांच में आरोप सिद्व हुए जिसके तहत एक अराजपत्रिक अधिकारी के विरूद्ध आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की गई। उन्होंने बताया कि ब्यूरो ने इस अवधि के दौरान उपमंडल अधिकारी (नागरिक) कार्यालय, गोहाना, सोनीपत में कार्यरत लिपिक विनोद कुमार को 1000 रुपये की रिश्वत तथा नगर परिषद, भिवानी के कार्यकारी अधिकारी दीपक गोयल को 35000 रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर उनके विरुद्ध भ्रष्टïाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत मामले भी दर्ज किए हैं।