(अम्बाला कवरेज) भाव-कर्म पर ही तुम्हारा अधिकार है, कर्म के फलों पर कभी नहीं । इसलिए कर्म को फल के लिए मत करो। कर्तव्य-कर्म करने में ही तेरा अधिकार है फलों में कभी नहीं। अतः तू कर्मफल का हेतु भी मत बन और तेरी अकर्मण्यता में भी आसक्ति न हो। यही शिक्षा देने के लिए श्री कृष्ण ने इस धरती पर जन्म लिया और यही कारण है कि हम हर वर्ष श्री कृष्ण का जन्म हर्षोल्लास के साथ मनाते है। इसी परंपराको कायम रखते हुएइंडियन पब्लिक स्कूल अंबालाके छात्रों ने आज जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया।कृष्णजन्माष्टमी भगवान श्री कृष्ण का जनमोत्सव है। श्रीकृष्ण ने भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी कीमध्यरात्रि को अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा में जन्म लिया। अत: इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर पूरादेश भक्ति के रंगों से सराबोर हो उठता है।इस अवसर पर आईपीएसके बच्चों ने घर पर रहते हुए भिन्न-भिन्न गतिविधियाेंके द्वारा श्री कृष्ण के प्रति अपने सम्मान को प्रकट किया ।सर्वप्रथमबच्चों ने अपने विचारों और कविता के माध्यम सेजन्माष्टमी त्योहार के महत्व पर प्रकाश डाला औरजनमानसको कृष्णजन्मकी बधाईदी । इसके बाद भगवानश्रीकृष्णकेजीवन से संबंधित भक्ति रस से भरा हुआ नृत्य भी प्रस्तुत किया।
इसपावन पर्व परबच्चोंने तन्मयता ,लगन व भक्ति भाव से अपनेघरोंकेमंदिरोंकीसाफसफाईकी। इसकेबाद बच्चों ने आर्ट एंड क्राफ्ट विषय के अध्यापकों के मार्गदर्शन में श्री कृष्ण काझूला,बांसुरी, मटकी ,मुकुटव छतरी बनाना सीखा व इन चीजों से श्री कृष्ण के मंदिर को सजाया । श्री कृष्ण जन्मोत्सव के पावन पर्व पर नन्हे मुन्ने बच्चे रंग बिरंगे परिधानों में राधा कृष्ण के रूप में भी नजर आए । उनकी इन सब गतिविधियों की वीडियो और तस्वीरों को स्कूल के फेसबुक पेज पर प्रकाशित किया गया। स्कूल के चेयरमैन रजनीश कुमार जैन और डायरेक्टर वसुधा जैन ने सभी को श्री कृष्ण जन्म की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योगेश्वर कृष्ण के भगवद्गीता के उपदेश अनादि काल से जनमानस के लिए जीवन दर्शन प्रस्तुत करते रहे हैं।जगद्गुरु श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव नि:संदेह सम्पूर्ण विश्व के लिए आनंद-मंगल का संदेश देता है। इंडियन पब्लिक स्कूल की ओर से जारी विशेष संदेश में कहा गया कि भगवान श्रीकृष्ण महायोगी थे। उनके द्वारा सिखाई बातें आज भी प्रासंगिक हैं और सफलता की ओर ले जाती हैं। उनका नाम जपने मात्र से मन के विकार समाप्त हो जाते हैं। भगवान श्रीकृष्ण हमें सिखाते हैं कि मुसीबत के समय हिम्मत नहीं हारनी चाहिएतथा वर्तमान पर ध्यान केंद्रित करनाचाहिए।