ambala coverage ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने महामहिम रास्ट्रपति के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।

अम्बाला कवरेज @अम्बाला, हिट-एंड-रन के काले कानून को वापिस लेने तथा ड्राईवर कल्याण बोर्ड का गठन करने की मांग को लेकर दी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने महामहिम रास्ट्रपति के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा। केंद्र की मोदी सरकार ने यदि कानून वापिस नही लिया तो 16 फरवरी को देश भर में चक्का जाम करने की चेतावनी।सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियन (सीटू) से सम्बद्घ दी ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन ( रजि.न.1853) के राज्य उप प्रधान मुनीर व जिला सचिव हरदीप के नेतृत्व में वाहन चालक शिक्षा सदन से प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यलय पहुंचे। उन्होंने कहा यदि केंद्र की भाजपा सरकार भारतीय न्याय संहिता-2023 की धारा 106 (1) व (2) में लगाई गई 10 साल की सजा व 7 लाख रुपए जुर्माने को वापिस नही लेती तो आने वाले चुनावों में इसके गम्भीर परिणाम भुगतने होंगे।यूनियन के राज्य महासचिव सतीश सेठी ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारी भरकम सजा व जुर्माने की वजह से ड्राइवरों के बीच डर बना हुआ है। वाहन चलाने से पहले चालक अपने इष्ट देव से प्रार्थना करते है कि कोई दुर्घटना न हो ओर वह सुरक्षित अपने घर लौट आएं। सेठी ने कहा कि देश व प्रदेश में अधिकतर दुर्घटनाओं के लिए सड़को की खराब स्थिति, पृथक्करण की कमी, मौसम की स्थिति समेत कई अन्य कारक मुख्य जिम्मेवार होते है। यही नही सरकार ने नेशनल परमिट वाहनों में डबल ड्राइवर्स का प्रावधान भी हटा दिया है। ड्राइवर के काम के कोई घण्टे निश्चित नही है। मार्ग में आराम की भी कोई सुविधा नही होती। सभी भौतिक तथ्यों को दरकिनार करते हुए, विडंबना यह है कि दुर्घटना के मामलों में केवल ड्राइवरों को ही बलि का बकरा बना दिया जाता है। घटना के तथ्यों की विशेषज्ञों द्वारा जांच किए बिना ही पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर ड्राइवरो के खिलाफ एकतरफा मामले दर्ज किए जाते है। जबकि अमरीका व ब्रिटेन देशों में पुलिस के साथ तकनीकी विशेषज्ञों की टीम संयुक्त रूप से दुर्घटना की जांच करने के बाद ही कार्यवाही करती है।ambala coverage ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने महामहिम रास्ट्रपति के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।

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ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन के जिला कमेटी सदस्य हरपाल, सदीक मोहम्मद तथा फारुख ने कहा कि दुर्घटनाओं के समय स्थानीय लोग क्रोधित होते है। इस कारण मौका पर ड्राईवर के साथ मारपीट की घटनाएं होती रहती है। ऐसी स्थिति में अपनी जान बचाने के लिए कुछ मामलों में ड्राईवर दुर्घटनास्थल से भाग जाते है। यह किसी गलत इरादे से नही होता है। इसे खुद सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 134 में मान्यता दी हुई है। इसलिए इसे गम्भीर कदाचार नही माना जा सकता है।सीटू जिला प्रधान बाबू राम व उप प्रधान रमेश नन्हेड़ा ने कहा कि यह जमीनी हकीकत है कि ड्राइवरो को पुलिस व परिवहन विभाग के अधिकारी अपमानित करते है और उन्हें अपना गुलाम समझते है। इस माहौल को तुरन्त बदलना होगा क्योंकि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार 85% यात्रियों और 66% माल को परिवहन अकेले सड़क परिवहन द्वारा ही किया जा रहा है। यदि सजा ओर जुर्माने के कानून को रद्द नही किया गया तो कोई भी ड्राईवर का काम नही करेगा जोकि ट्रांसपोर्ट क्षेत्र को बर्बाद करके रख देगा।ज्ञापन में ड्राइवरो पर 10 साल की सजा व 7 लाख रुपए जुर्माने के कानून को वापिस लेने। सभी ड्राइवरो के लिए न्यूनतम वेतन 26 हज़ार लागू करने। दुर्घटना में ड्राईवर की मृत्यु होने पर आश्रितों को 20 लाख रुपए व अपंगता की स्थिति में 10 लाख रुपए मुआवजा देने। अनाप-शनाप बढ़ाए गए चलान के रेट वापिस लेने। वाहनों से टोल टैक्स वसूलने पर रोक लगाने। ईएसआई व पीएफ लागू करने। 60 साल की उम्र के बाद दस हज़ार रु.पेंशन लागू करने। केरल सरकार की तर्ज पर ड्राइवरो के लिए कल्याण बोर्ड का गठन करने की मांग की गई है।प्रदर्शन में रोडवेज कर्मियों के नेता इंद्र सिंह बधाना, रमेश श्योकंद व सर्वजीत सिंह, एसकेएस के नेता महावीर पाई, रविन्द्र शर्मा , बलबीर हंसडेहर व संदीप मेहता, सीटू नेता बरखा राम, निर्मल सिंह, राम दास व भूपिंदर भी शामिल रहे।ambala coverage ट्रांसपोर्ट वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने महामहिम रास्ट्रपति के नाम सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।

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