अंबाला कवरेज @ निखिल सोबती। कोरोना की तीसरी लहर की संभावनाओं को लेकर जहां सरकार पूरी तरह तैयारियां होने का दावा कर रही है तो वही दूसरी तरफ अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। अभिभावकों का कहना है कि डेढ़ साल बाद स्कूल खुले थे, बच्चों ने दोबारा पढ़ना शुरू किया है। डेढ सालों में बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हुई है, लेकिन कोविड की तीसरी लहर की संभावनाओं के चलते फिर से स्कूलों का समय कम कर दिया गया है। अभिभावकों ने कहा कि सरकार को बच्चों को भी कोविड से बचाने के लिए वैक्सीन बनाने की तरफ ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वैक्सीन न होने के कारण अभिभावक बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं
अभिभावकों ने कहा कि कोरोना की दो बार लहर आ चुकी है और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। सरकार को बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए जल्द ही वैक्सीन बनानी चाहिए। अभिभावकों को कहा कि स्कूलों को बंद करना या फिर समय कर देना समय का हल नही है। सरकार को बच्चों की सुरक्षा के लिए इसकी वैक्सीन बनानी चाहिए, ताकि बच्चों की शिक्षा प्रभावित न हो। वहीं अभिभावकों के कहा कि वैक्सीन बनने के बाद बच्चों को वह सुरक्षित महसूस करेंगे। बच्चो की पढ़ाई भी दो साल से प्रभावित हो रही है, जिसकी भरपाई मुश्किल है। कोविड के कारण सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हो रहे हैं, इसलिए वैक्सीन आनी चाहिए।
अंबाला शहर पुलिस डीएवी स्कूल के प्रिंसिपल डॉ. विकास कोहली ने कहा कि कोविड के दौरान स्कूल बंद होने के कारण बच्चों की शिक्षा बुरी तरह प्रभावित हुई है और उसे स्कूल खुलने पर बच्चों की शिक्षा में सुधार के प्रयास किए गए, जिसका कुछ असर भी नजर आया है, लेकिन यदि दोबारा स्कूल बंद होते हैं तो वह दुर्भाग्य पूर्ण होगा। बच्चों की सुरक्षा को लेकर सरकार भी चिंतित है और कई विकसित देशों में वैक्सीन लगनी शुरू हो गई है और भारत सरकार भी इसपर काम कर रही है।