अंबाला कवरेज @ अमित अठवाल। निजी स्कूल संंचालकों और अभिभावकों के बीच फीस वृद्धि को लेकर हमेशा आपसी खींचतान चलती रही है तो वहीं दूसरी तरफ स्कूल संचालक नियमों व कोर्ट आदेशों का हवाला देते हुए फीस की वृद्धि करते हैं। इसी बीच अब हरियाणा सरकार ने अभिभावकों व निजी स्कूल संचालकों के बीच चली आ रही इस खींचतान को खत्म करने के लिए प्लान तैयार किया है। उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले नए सत्र में यह पॉलिसी लागू हो जाएगी।
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जुटाए तथ्यों की बात करें तो हरियाणा सरकार ने निजी स्कूल संचालकों की मनमर्जी पर अंकुश लगाने के लिए फीस वृद्धि को लेकर पॉलिसी बनाने जा रही है। पिछले दिनों हरियाणा के शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर ने इस संबंध में कुछ संभावनाएं भी जताई थी। हरियाणा की बात करें तो लगभग हर साल फीस वृद्धि के मामले को लेकर निजी स्कूल संचालकों व अभिभावकों के बीच टकराव होता है और ऐसे में फीस वृद्धि के मामलों को लेकर कई शिकायतें डायरेक्टर आफिस के साथ साथ फीस के लिए बनाई गई कमेटी के पास भी विचाराधीन है। लेकिन सरकार अब अभिभावकों व निजी स्कूल संचालकों के बीच चलने वाली इस खींचतान को खत्म करना चाहती है
सरकार कई निजी स्कूल संचालकों के साथ साथ अभिभावकों से राय ली है कि आखिर फीस वृद्धि को लेकर क्या पॉलिसी बनाई जाए। जिसमें अधिकतर लोगों ने सुझाव आए है कि फीस वृद्धि हर साल प्रतिशत के आधार पर हो और ऐसे में यह भी सरकार निर्धारित करें कि कितनी फीस बढ़ाई जाए। इस मामले को लेकर हरियाणा सरकार अभी 8 प्रतिशत हर साल फीस वृद्धि किए जाने पर विचार कर रही है और ऐसे में आने वाले नए साल से यह फैसला लागू किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ आरटीई में भी स्पष्ट है कि निजी स्कूल संचालकों को सरकार द्वारा तय नियमों की पालना करते हुए फीस को बढ़ाना होगा।
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