अंबाला कवरेज @ अंबाला। नगर चुनाव में हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) की प्रत्याशी शक्तिरानी शर्मा के मेयर बनने के बाद निश्चिततौर पर राजनीतिक समीकरण बदले हैं। चुनावों से पहले जहां हर कोई सीधेतौर पर भाजपा व एचडीएफ के बीच सीधा मुकाबला मान रहा था, तो वहीं विनोद शर्मा द्वारा चुनाव मैदान में उतरने के बाद कई समीकरण बदले और नतीजे आने के बाद वह बदले समीकरण दिखाई भी दिए। अंबाला शहर की जनता ने सिलेंडर के बटन पर जमकर वोटिंग की रिकॉर्ड तौर वोटों से शक्तिरानी शर्मा को शक्तिशाली बनाया। अब कभी भी पंचायती चुनाव की घोषणा हो सकती है, क्योंकि इस महीने सरपंचों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। यह कहना गलत नहीं कि अंबाला में हरियाणा जनचेतना पार्टी की मेयर बनने के बाद अंबाला में एक बार फिर विनोद शर्मा सबसे लोकप्रिय नेता के तौर पर उभर कर सामने आए हैं, लेकिन पंचायती चुनाव में एक बार फिर लोेकल चेहरे के साथ साथ नेता का नाम भी काम करेगा। विनोद शर्मा साफ कर चुके हैं कि वह आने वाले पंचायती, जिला परिषद सहित अन्य चुनाव में भागीदारी करेंगे, तो वहीं निर्मल सिंह भी पत्रकारों से बातचीत करके साफ कर चुके हैं कि इस बार जिला परिषद व पंचायती चुनाव में वह दमखम के साथ उतरेंगे। वहीं पंचायती चुनाव में भाजपा विधायक असीम गोयल के लिए भी अहम होंगे, इस बार बेशक हार के लिए वह कुछ भी तर्क दिए गए हो, लेकिन सभी जानते हैं कि हार का क्या कारण रहा।
विनोद शर्मा की अपनी टीम
नग्गल एरिया की बात की जाए तो विनोद शर्मा ने भी 10 साल तक विधायक रहते हुए कई काम करवाए। विनोद शर्मा के पास नग्गल के सभी गांवों में स्पेशल टीम है और हर गांव में उनके समर्थक हैं। विनोद शर्मा के कार्यकाल की बात की जाए तो वहां पर साइफन बनाया गया और कई ऐसे काम करवाए गए जोकि नग्गल एरिया में रहने वाले लोगों की जरूरत थी। यह भी सही है कि विनोद शर्मा को नग्गल के एरिया से हमेशा समर्थन मिला है, लेकिन अब पंचायती चुनाव के साथ साथ जिला परिषद के चुनाव में शक्तिरानी शर्मा के मेयर बनने के बाद टिकट चाहवानों की लिस्ट लंबी हो गई है। यह तो साफ है कि एक बार फिर जिला परिषद व पंचायत के चुनाव में राजनीतिक ताकतें आमने सामने होगी।
नग्गल में निर्मल का अपना वर्चस्व
हरियाणा डेमोके्रटिव फ्रंट के संयोजक निर्मल सिंह साफ कर चुके हैं कि आने वाले पंचायती चुनाव में पार्टी अपने स्तर पर चुनाव लड़ेगी और पंचायती के साथ साथ जिला परिषद का चुनाव भी लड़ेगी। निर्मल सिंह की बात की जाए तो नग्गल में उनका पुराना एरिया है और यहां पर वह कई बार विधायक रह चुके हैं। वर्ष 2019 में हुए चुनाव के दौरान निर्मल सिंह को नग्गल एरिया से लोगों को पूरा समर्थन मिला था और भाजपा को पूरी टक्कर दी थी। पिछले एक साल से वह लगातार सक्रिय राजनीति में हैं और लोगों के साथ मिलना जुलना कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि पंचायती व जिला परिषद के चुनाव में जनता का समर्थन किसे मिलता है, लेकिन यह तय है कि चुनाव एक बार फिर दिलचस्प होने वाला है।
असीम गोयल भी कम नहीं
पंचायत व जिला परिषद के चुनाव में असीम गोयल को भी कम नहीं कहा जा सकता है। पिछले 6 सालों में असीम गोयल ने ग्रामीण एरिया में कई विकास कार्य करवाए। यह अलग बात है कि किसान आंदोलन के कारण कुछ परेशानी हो सकती है, लेकिन उम्मीद है कि किसान आंदोलन तब तक खत्म होगा और सरकार इसे सुलझा लेगी। फिलहाल असीम ने गांवों में संपर्क शुरू कर दिया है।