ambala coverage रंग-बिरंगी गोटा चुन्नी, 52 गज का दामन और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान,अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच हो रहे लोकप्रिय

अम्बाला कवरेज @ चंडीगढ़- रंग बिरंगी गोटेदार चुन्नियाँ, 52 गज का दामण और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान है।अंतर्राष्ट्रीय सूरजकुंड शिल्प मेले में हरियाणा की वैभवशाली कला,संस्कृति और प्राचीन विरासत पग-पग पर दर्शकों के कौतुहल का कारण बन रही है। कही रंग बिरंगी पोशाक में लोक संगीत पर थिरकते कलाकार आगंतुकों को भी उसमे हिस्सा लेने के लिए प्रेरित करते नज़र आते है तो कही ग्रामीण परिवेश का जीवंत चित्रण भारत की विविधता में एकता के दर्शन करवाता दिखता है। हरियाणा की प्राचीन परंपरा व धरोहर से युवाओं को जोड़ने के लिए विरासत प्रदर्शनी “आपणा घर हरियाणा” एक बेहतरीन पहल है। इस विरासत प्रदर्शनी से जुडी सोच लोगो को हरियाणवी संस्कृति से रूबरू करवाने की है, जो आज के इस आधुनिक युग में कही गुम होती नज़र आती है।हरियाणा का पारम्परिक पहनावा दामण,कुर्ता और गोटेदार चुन्नी इस प्रदर्शनी में न केवल देखा जा सकता है, बल्कि ख़रीदा भी जा सकता है। लोग बड़े चाव से इसे खरीद रहे है। यहाँ यह जानना रोचक है कि केवल देश ही नहीं विदेशी भी इस पहनावे को ख़रीदने में बढ़ चढ़ कर हिस्सा ले रहे है। विरासत प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही अंजू दहिया का कहना है कि हरियाणा की महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला दामन क़रीब 7 से 8 किलो वजन का होता है। प्राचीन काल से ही न केवल हरियाणा की महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला पहनावा वजनदार रहा है। बल्कि हरियाणवी संस्कृति से जुड़े पुराने लोक आभूषण भी उसी तरह से वजनदार और खूबसूरत रहे है। हरियाणा की अमूल्य विरासत को बचाने व इसे नई पीढी तक पहुंचाने के लिए अंजू दहिया एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। वह कहती है कि यूथ जुड़ेगा तभी दामन बचेगा। इसी सोच के साथ इस मुहीम को चलाया जा रहा है।प्राचीन काल में हरियाणा में 52 लोक आभूषण प्रमुख तौर पर प्रचलित थे। जिसमे से इस पहल के माध्यम से हमने लगभग 29 लोक आभूषणों को पूर्ण रूप से फिर से सहेज लिया है। इस प्रदर्शनी के माध्यम से जन मानस तक इस धरोहर को पहुँचाना ही एक मात्र मकसद है।अंजू दहिया का कहना है कि यहाँ हाथ के काम से बने परिधान रखे गये है। जो कि मेले का मुख्य आकर्षण है क्योंकि मशीन से बने कपड़े आज हर जगह उपलब्ध है, जिन्हे आप आसानी से खरीद सकते है। हाथ से और दिल से बनी चीज़ अनमोल होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए हाथ से बने परिधान ही इस प्रदर्शनी में रखे गए है।ambala coverage रंग-बिरंगी गोटा चुन्नी, 52 गज का दामन और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान,अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच हो रहे लोकप्रिय

ambala coverage 19 feb 2024

उनका कहना है कि विरासत प्रदर्शनी के जरिये गावों की हस्त कला व पुरानी धरोहर को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। यहाँ पुराने जमाने से चला आ रहा पीढ़ा, जो बैठने के लिए काम में लिया जाता था। पीढ़ा से बड़ा खटोला, खटोला से बड़ी खाट, खाट से बड़ा पलंग, व पलंग से बड़ा दहला सभी यहाँ रखे गए है। प्रदर्शनी में रखा दहला करीब डेढ सौ साल पुराना है। प्राचीन समय में दहला गांव की चौपाल में रखा जाता था। जिस पर एक समय पर 8 से 10 व्यक्ति बैठ सकते थे। दहला को देखकर आ रहे आगंतुक रोमांचित ही नहीं आश्चर्यचकित भी है क्योंकि यह अपने आप में अनूठा है।अंजू दहिया ने वहाँ प्रदर्शित वस्तुओं के बारे में विस्तार से बताया कि पुराने समय में इस्तेमाल होने वाला बोइया हस्तकला का ऐसा नमूना है जो पहले महिलाये घरों में रह कर पुराने कागज़ को कूट कर उसपर मुल्तानी मिट्टी के लेप से तैयार करती थी। बोइया का इस्तेमाल शादी ब्याह में बारात के खाना परोसने के लिए किया जाता था। वही खेतों में हल के पीछे बीज बोने के लिए बांधा जाने वाला ‘औरना’ भी रखा गया है। वहाँ लकड़ी का पुराना बक्सा, कुँए से पानी निकलने वाला ढोल, कांटे, पशुओं के गले में बांधने वाली घंटिया जो पुराने जमाने में गांव में सुबह और शाम हर व्यक्ति के कान में सुनाई दे जाती थी।न्योल जो पशुओं के पैरों में बांधी जाती थी जो लॉक सिस्टम का कार्य करती थी। दूध बिलौने की रई, आटा पीसने की चक्की, जो उस समय महिलाओं की दिनचर्या का महत्वपूर्ण हिस्सा था।क्यूंकि उस समय घरों में ताजा पिसा आटा ही खाया जाता था।वही मुड्ढे, टाँगली, जेली, काठी,नाप तौल के बाट, मिट्टी की सुराही, चरखा, हुक्का आदि शामिल है , जो आज कही न कही हम आधुनिकता के दौर में भूल गए है। इस प्रदर्शनी के जरिये लोगो को इन सभी चीजों से रूबरू करवाकर अपनी जड़ों से जोड़ने की यह एक बेहतरीन पहल है।ambala coverage रंग-बिरंगी गोटा चुन्नी, 52 गज का दामन और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान,अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच हो रहे लोकप्रिय

सूरजकुंड शिल्प मेला देश-विदेश की संस्कृति, वेशभूषा, गीत-संगीत को प्रदान करता आ रहा है एक मंच

मेले में दोनों चौपालों पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से जमा रंग

चंडीगढ़, 18 फरवरी – सुरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला गत 37 वर्षों से देश-विदेश की संस्कृति, वेशभूषा, गीत-संगीत को एक मंच प्रदान करता आ रहा है। प्रति वर्ष 2 फरवरी से 18 फरवरी तक आयोजित होने वाले सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में विभिन्न कलाकार अपने देश की समृद्ध विरासत को गायन, वाद्यन और नृत्य शैली के माध्यम से मेले में आने वाले सभी पर्यटकों से परिचय करवाते हैं। मेला में पधारे सभी पर्यटक देश के विभिन्न प्रदेशों और विदेशी कलाकारों की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को देखकर आनंद का अनुभव करने के साथ-साथ सभी कलाकारों का उत्साहवर्धन भी करते हैं। रविवार को 37वें सूरजकुंड मेला के 17वें तथा समापन दिवस के अवसर पर मुख्य चौपाल और छोटी चौपाल पर देशी-विदेशी कलाकारों ने अपनी कलाओं से दर्शकों का मनोरंजन किया।मेले की मुख्य चौपाल पर 37 वें सूरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला के पार्टनर देश तंजानिया के कलाकारों ने वहां के ट्रेडिशनल डांस जान्जिवा की प्रस्तुति से मेले में चार चांद लगा दिए। असम की गुवाहाटी से आए कलाकारों ने रंगाली बिहू डांस की शानदार प्रस्तुति दी। असम में फाल्गुन के महीने में किसान की फसल को काटने के उपरांत रंगाली बिहू नृत्य किया जाता है। असम के लोग प्रकृति की सुंदरता के रंग को बिहु नृत्य द्वारा खुशी मनाकर ज़ाहिर किया करते हैं। इसी प्रकार अफ्रीका के साओ तोमे एंड प्रिन्सिपी से रेजिस दे सेओतोमे ग्रुप ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में सोकोपे डांस की बेहतरीन प्रस्तुति दी। किर्गिस्तान के कलाकारों ने नारिस्ते नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी। इथोपिया देश के नेशनल ग्रुप ने अपनी गौरव गाथा को नृत्य के माध्यम से सभी दर्शकों के समक्ष रखा। शिल्प मेला की छोटी चौपाल पर दिनभर देशी कलाकारों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की छटा बिखेरी।ambala coverage रंग-बिरंगी गोटा चुन्नी, 52 गज का दामन और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान,अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच हो रहे लोकप्रिय

ambala coverage 19 feb 2024

लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ गई ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ मल्टीमीडिया प्रदर्शनी

सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग की ओर से लगाई गई थी ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ प्रदर्शनी

प्रदर्शनी के माध्यम से आमजन को केंद्र व हरियाणा सरकार के विकासात्मक प्रोजेक्ट एवं योजनाओं से कराया गया परिचित

चंडीगढ़ – आमजन को केंद्र व हरियाणा सरकार के विकासात्मक प्रोजेक्ट एवं योजनाओं से परिचित करवाने के उद्देश्य से सूचना, जनसंपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग हरियाणा के जिला रेवाड़ी में गांव माजरा भालखी में ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ थीम पर लगाई गई तीन दिवसीय मल्टीमीडिया प्रदर्शनी रविवार को सम्पन्न हुई। सरकार की ये विशेष प्रदर्शनी लोगों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ गई। रेवाड़ी सहित आसपास के क्षेत्र के लोग ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ प्रदर्शनी से रूबरू होकर लाभांवित हुए। इस प्रदर्शनी का शुभारंभ देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया था।’विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ प्रदर्शनी में जिला के गांव माजरा-भालखी में बनने वाले देश के 22वें अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) व गुरुग्राम मेट्रो के दो-दो मॉडल दिखाए गए हैं, जिन्हें देखने में लोगों ने बहुत रूची ली। आमजन प्रदर्शनी में बनाए गए सेल्फी प्वाइंट पर सेल्फी लेने के प्रति भी उत्साहित रहा। प्रदर्शनी में 11 एलईडी स्क्रीन पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) व गुरुग्राम मेट्रो सहित भारतीय रेलवे और भारत एवं हरियाणा सरकार की ‘अंत्योदय व जनकल्याणकारी’ योजनाएं प्रदर्शित कर लोगों को जागरूक किया गया।लोगों को प्रदर्शनी में ‘विकसित भारत-विकसित हरियाणा’ की झलक साफ-साफ देखने को मिली। युवाओं, महिलाओं एवं स्कूली छात्र – छात्राओं में जागरूकता बढ़ाने में यह प्रदर्शनी कारगर सिद्ध हुई है। प्रदर्शनी के माध्यम से केंद्र सरकार व प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को सुगम तरीके से समझाया गया।ambala coverage रंग-बिरंगी गोटा चुन्नी, 52 गज का दामन और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान,अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच हो रहे लोकप्रिय

ambala coverage 19 feb 2024

नशा मुक्त भारत अभियान अंतर्गत एसपी डॉ० अंशु सिंगला के कुशल निर्देशन में पलवल पुलिस का नशा तस्करी पर कड़ा प्रहार

एंटी नारकोटिक सेल पलवल ने कैंटर में ले जा रहे करीब एक करोड़ रुपए की कीमत के 361 किलो 550 ग्राम मादक पदार्थ गांजा पत्ती सहित 2 तस्कर दबोचे

चंडीगढ़ – हरियाणा पुलिस द्वारा चलाए जा रहे नशामुक्ति अभियान के तहत पलवल पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। जिला पुलिस की विभिन्न क्राइम यूनिट लगातार मादक पदार्थ तस्करी पर कड़ा प्रहार कर रही है और नशा तस्करों को दबोचने में सफलता हासिल कर रही है। इसी कड़ी में एस पी अंशु सिंगला के नेतृत्व में पलवल एंटी नारकोटिक सेल प्रभारी उप निरीक्षक अजीत नागर की टीम ने अवैध नशा तस्करी पर कड़ा प्रहार करते हुए बंद बॉडी कैंटर में 361.550 किलोग्राम मादक पदार्थ गांजा पत्ती की बड़ी खेप सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। इस पदार्थ की मार्किट कीमत करीब एक करोड़ रुपए है।एंटी नारकोटिक सेल प्रभारी उप निरीक्षक अजीत नागर ने बताया कि सीआईए पलवल की टीम मे तैनात उप निरीक्षक शाहिद अहमद के नेतृत्व में गठित टीम नशा गतिविधियों की रोकथाम हेतु चांदहट चौक पर मौजूद थी। तभी उन्हें मुखबिर खास से सूचना मिली कि दो तस्कर गाडी न0 HR38V-2089 बन्द बाडी कन्टेनर में गांजा भरकर अलीगढ़ की तरफ से आ रहे है और पलवल की तरफ जाएंगे। सूचना के आधार पर टीम ने चांदहट थाना के सामने अलीगढ़ पलवल रोड पर नाकेबंदी शुरू की गई तो करीब एक घंटे बाद उक्त कैंटर आता दिखाई दिया। इसी की सूचना मुखबिर द्वारा मिली थी। नाकाबंदी को देखकर तस्करों ने भागने की कोशिश की लेकिन पुलिस पार्टी ने गाँव लेहरवाड़ी थाना पुन्हाना निवासी चालक एवं मौहम्मदपुर थाना पिनगवाँ जिला मेवात (नूँह) निवासी गाड़ी मालिक दोनों को धर दबोचा।प्रभारी एंटी नारकोटिक्स सेल पलवल ने आगे बताया कि मौके पर नोडल अधिकारी श्री दिनेश यादव डीएसपी पलवल की देखरेख में कैंटर की तलाशी ली गई जिसमें 16 कट्टे मिले जिन्हें खोलने पर उनमें मादक पदार्थ गांजा मिला। इनका वजन कराने पर उनमें 361 किलो 550 ग्राम मादक पदार्थ गांजा पत्ती मिली जिसकी मार्किट कीमत करीब एक करोड़ रुपये बताई जा रही है। पुलिस ने गांजा पत्ती को बरामद कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आगामी जांच शुरू कर दी है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों को पुलिस रिमांड पर लेकर अवैध नशा तस्करी के रैकेट का भंडाफोड़ कर अन्य संलिप्त आरोपियों को भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।ambala coverage रंग-बिरंगी गोटा चुन्नी, 52 गज का दामन और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान,अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच हो रहे लोकप्रिय

सूरजकुंड शिल्प मेला के थीम स्टेट गुजरात पवेलियन देखने के लिए दर्शकों में ख़ास उत्साह

स्टैच्यू ऑफ यूनिटी तथा गरबा सेल्फी लेते दिखे पर्यटक

चंडीगढ़ – हरियाणा के फरीदाबाद में आयोजित किए जा रहे 37वें सुरजकुंड अंतर्राष्ट्रीय शिल्प मेला में आने वाले पर्यटक थीम स्टेट गुजरात की ओर खींचे चले आ रहे हैं। गुजरात के साधू बेट द्वीप पर स्थापित 182 मीटर की ऊंची स्टैच्यू ऑफ यूनिटि की प्रतिकृति शिल्प मेला में पर्यटकों के लिए ख़ास आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। यह मुख्य चौपाल के मंच के पास स्थापित की गई है। शिल्प मेले में आने वाले देशी – विदेशी पर्यटक स्वतंत्र भारत के प्रथम गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा के साथ सेल्फी लेते नजर आए। एकता की प्रतीक स्टैच्यू ऑफ यूनिटी सरदार वल्लभ भाई पटेल की महान विरासत का प्रतिनिधित्व करती है।स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण मूर्तिकार राम वी. सुतार द्वारा किया गया जो आम जनता के लिए वर्ष 2018 में पर्यटक स्थल के रूप में स्थापित की गई। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी भारत की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती है तथा यह कला का अद्भुत उदाहरण है। सरदार पटेल की राजनीतिक एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका को इस महान शिल्प के माध्यम से वर्णित किया गया है। थीम स्टेट गुुजरात के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव धोरड़ो की स्टॉल्स पर भी पर्यटक बरबस ही खिंचे चले आए। इस गांव के स्टॉल पर गुजरात के प्रसिद्ध गरबा नृत्य के कलात्मक चित्रों के साथ हर पर्यटक सेल्फी लेता नजर आया। धोरड़ो में तीन माह के रण उत्सव मेले का भी आयोजन किया जाता है। इसीलिए इसे संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ने ग्रामीण विकास पर्यावरण के साथ संतुलित पर्यटन और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए पहचान दी है।थीम स्टेट गुजरात के नृत्य गरबा को पर्यटकों द्वारा खूब सराहा गया। शिल्प मेले में पहुंचे पर्यटक गरबा के स्टॉल के साथ खूब सेल्फी लेते नजर आए। यूनेस्को ने गुजरात की सांस्कृतिक धरोहर गरबा को महत्वपूर्ण सांस्कृतिक प्रतीक के रूप में घोषित किया है। इस महान सम्मान से गरबा नौ दिवसीय नवरात्री महोत्सव के दौरान सामाजिक समावेश और एकता को बल प्रदान करता है।ambala coverage रंग-बिरंगी गोटा चुन्नी, 52 गज का दामन और उस पर कुर्ता हरियाणा की पहचान,अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के बीच हो रहे लोकप्रिय

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