ambala coverage news : एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी होने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो जाती है-एसएमओं डॉ. प्रवीण कुमार।

अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला । नागरिक अस्पताल नारायणगढ़ के एसएमओं डॉ. प्रवीण कुमार ने कहा कि एनीमिया यानि शरीर में खून की कमी होने से कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याएं खड़ी हो जाती है। उन्होंने कहा कि आयरन व विटामिन बी 12, फोलिक एसिड की कमी से एनीमिया की बिमारी होती है। अगर समय रहते इस ओर ध्यान दिया जाए तो उन समस्याओं से बचा जा सकता हैं। महिलाएं और किशोरियां जागरूकता के अभाव के कारण एनीमिया की शिकार होती हैं। एनीमिया यानी खून की कमी इसके मुख्यत: तीन कारण है पहले है रक्त कोशिकाओं में आयरन की कमी जिसमें रक्त कोशिकाएं अपने साइज से छोटी हो जाती हैं, दूसरा कारण है विटामिन बी 12 फोलिक एसिड की कमी जिसमें रक्त कोशिकाएं अपने आकार से बड़ी हो जाती है जिसको की मैक्रोसिटिक एनीमिया कहा जाता है, तीसरा कारण है रक्त कोशिकाओं का नष्ट होना किसी भी कारण से या शरीर से रक्तस्राव होना चौथा कारण है विटामिन बी 6 व विटामिन सी की कमी का होना है। एनीमिया के लक्षण-पीलापन यह मुख्य हमारे शरीर की चमड़ी पर, जीभ पर और हमारी आंखों की पलको की झिल्ली में दिखाई देता है। दूसरा लक्षण है व्यक्ति को बहुत जल्दी सांस फूल जाता है कमजोरी रहती है सर चकराता है, अपने रोजमर्रा के काम भी वह ठीक से नहीं कर पता है। इसके साथ ही उसको घबराहट होती है, चक्कर आते हैं, सर दर्द होता है, हाथों में पैरों में उसको झनझनाहट महसूस होती है और सेंसेशन में कमी आ जाती है।

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आयरन कमी के हिसाब से एनीमिया तीन प्रकार का होता है-माइलड एनीमिया इसमें खून हीमोगलोबिन का स्तर सामान्य से 1 बिंदु नीचे गिर जाता है जैसे कि प्रेग्नेंट वूमेन में हीमोगलोबिन का सामान्य स्तर 11 ग्राम होता है यदि उसका लेवल 10 या 10 से 11 ग्राम के बीच है तो वह माइलड एनीमिया है। मॉडरेट एनीमिया जिसमें प्रेगनेंट वूमेन के हीमोगलोबिन का स्तर 7 से 10 ग्राम के बीच होता है।
सीवियर एनीमिया जिसमें प्रेगनेंट वूमेन के हीमोगलोबिन का स्तर 7 ग्राम से भी नीचे होता है ऐसे में उसे अस्पताल में दाखिल करवाने की आवश्यकता पड़ सकती है।  एनीमिया को खत्म करने के लिए भारत सरकार के द्वारा एनीमिया मुक्त भारत अभियान चलाया गया है जिसमें की सभी मरीजों को 6 कैटेगरी में बांटा गया है तथा एनीमिया के स्तर के हिसाब से ही उनको आयरन की दवाई दी जाती है इसके साथ ही एक भारत सरकार की तरफ से कृमि मुक्ति प्रोग्राम चलाया गया है जिसमें सभी कैटिगरीज के एनीमिया पेशेंट को कृमि मुक्ति दिवस के दौरान कृमि से मुक्ति के लिए एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाती है क्योंकि यदि यह कृमि हमारी आंतों में पाए जाते हैं तो वह व्यक्ति के जो आत में जाकर खून चूसकर, खून की कमी पैदा करते हैं वह व्यक्ति जो भोजन खाता है उसको भी वह क्रीमी खा जाते हैं जिससे कि शरीर में खून की कमी हो जाती है।
एनीमिया से बचाव के उपा हरि व पत्तेदार सब्जियां खाएं, विटामिन सी वाले फल संतरा,आंवला खांए, जंक फूड या फास्ट फूड न खाएं, स्वास्थ्यवर्धक भोजन ले दूध दही को अपने भोजन में शामिल करें और जहां तक कोशिश करें कि अपना खाना लोहे के बर्तनों जैसे कि लोहे की कढ़ाई में बनाएं। यदि शरीर में एनीमिया के लक्षण जैसे कि हाथों का पीलापन आंखों का पीलापन आंखों की झिल्ली का पीलापन जीभ पर पीलापन नजर आते हैं तो तुरंत अपने निकट स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जांच करवाकर व डॉक्टर की सलाह लेकर ही आयरन की दवाई शुरू करें।

ambala coverage 22 april 2025

edited by alka rajput

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