अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ अंबाला। गृह विज्ञान विभाग एवं वूमेन सेल द्वारा छात्रों में रचनात्मकता एवं कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से फैशन ज्वेलरी निर्माण पर आधारित विशेष कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कस्टमाइज्ड ज्वेलरी बनाने की कला को प्रस्तुत किया गया, जो आजकल एक लोकप्रिय ट्रेंड बनता जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प तकनीकों को आधुनिक सौंदर्यशास्त्र के साथ जोड़ना था, वह भी सरल और आसानी से उपलब्ध सामग्री के माध्यम से। इस वर्कशॉप के दौरान छात्रों ने विभिन्न कलात्मक तकनीकों को अपनाते हुए व्यक्तिगत ज्वेलरी तैयार करना सीखा। उन्होंने फेवीक्रिल मोल्डिट क्ले और गत्ते का उपयोग कर सुंदर चूड़ियाँ, नेकलेस और मिलते-जुलते इयररिंग सेट तैयार किए। इस गतिविधि ने न केवल उनकी कलात्मक प्रतिभा को उजागर किया बल्कि उन्हें सामान्य वस्तुओं को नवाचार के साथ पुनः उपयोग करने की प्रेरणा भी दी। कार्यक्रम का संचालन सुश्री आशा वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में हुआ, जिन्हें फेवीक्रिल के साथ कार्य करने का 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनके गहन ज्ञान और व्यावहारिक सुझावों से छात्रों को ज्वेलरी निर्माण की बारीकियों को समझने में बहुत मदद मिली। इस आयोजन में प्राचार्या डॉ. अल्का शर्मा की विशेष उपस्थिति और प्रोत्साहन ने छात्रों के मनोबल को और भी सशक्त किया। उन्होंने छात्रों द्वारा बनाई गई ज्वेलरी की सराहना करते हुए रचनात्मक गतिविधियों के शैक्षणिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। करीब 30 छात्रों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई और पूरे उत्साह के साथ अपनी रचनात्मकता को प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम वीमेन सेल के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसकी प्रमुख सुश्री कवलीन थीं, और इसका समन्वय डॉ. यशना, संयोजक, गृह विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। इनके संयुक्त प्रयासों से कार्यक्रम का सफल और व्यवस्थित संचालन संभव हो सका, जिसका मुख्य फोकस कौशल विकास और आत्मनिर्भरता पर रहा। इस आयोजन के अंतर्गत छात्रों द्वारा निर्मित हस्तनिर्मित ज्वेलरी का एक प्रदर्शनी कक्ष भी लगाया गया है, जो 17अप्रैल से 21 अप्रैल 2025 तक दर्शकों के लिए खुला रहा। यह प्रदर्शनी आगंतुकों को युवा शिल्पकारों की रचनात्मकता और मेहनत को देखने और सराहने का अवसर प्रदान किया गया।
अंबाला कवरेज @ अंबाला। गृह विज्ञान विभाग एवं वूमेन सेल द्वारा छात्रों में रचनात्मकता एवं कौशल विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से फैशन ज्वेलरी निर्माण पर आधारित विशेष कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन किया। इस कार्यक्रम में कस्टमाइज्ड ज्वेलरी बनाने की कला को प्रस्तुत किया गया, जो आजकल एक लोकप्रिय ट्रेंड बनता जा रहा है। इस पहल का उद्देश्य पारंपरिक हस्तशिल्प तकनीकों को आधुनिक सौंदर्यशास्त्र के साथ जोड़ना था, वह भी सरल और आसानी से उपलब्ध सामग्री के माध्यम से। इस वर्कशॉप के दौरान छात्रों ने विभिन्न कलात्मक तकनीकों को अपनाते हुए व्यक्तिगत ज्वेलरी तैयार करना सीखा। उन्होंने फेवीक्रिल मोल्डिट क्ले और गत्ते का उपयोग कर सुंदर चूड़ियाँ, नेकलेस और मिलते-जुलते इयररिंग सेट तैयार किए। इस गतिविधि ने न केवल उनकी कलात्मक प्रतिभा को उजागर किया बल्कि उन्हें सामान्य वस्तुओं को नवाचार के साथ पुनः उपयोग करने की प्रेरणा भी दी। कार्यक्रम का संचालन सुश्री आशा वर्मा के कुशल मार्गदर्शन में हुआ, जिन्हें फेवीक्रिल के साथ कार्य करने का 20 वर्षों से अधिक का अनुभव है। उनके गहन ज्ञान और व्यावहारिक सुझावों से छात्रों को ज्वेलरी निर्माण की बारीकियों को समझने में बहुत मदद मिली। इस आयोजन में प्राचार्या डॉ. अल्का शर्मा की विशेष उपस्थिति और प्रोत्साहन ने छात्रों के मनोबल को और भी सशक्त किया। उन्होंने छात्रों द्वारा बनाई गई ज्वेलरी की सराहना करते हुए रचनात्मक गतिविधियों के शैक्षणिक महत्व पर भी प्रकाश डाला। करीब 30 छात्रों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाई और पूरे उत्साह के साथ अपनी रचनात्मकता को प्रस्तुत किया। यह कार्यक्रम वीमेन सेल के सहयोग से आयोजित किया गया, जिसकी प्रमुख सुश्री कवलीन थीं, और इसका समन्वय डॉ. यशना, संयोजक, गृह विज्ञान विभाग द्वारा किया गया। इनके संयुक्त प्रयासों से कार्यक्रम का सफल और व्यवस्थित संचालन संभव हो सका, जिसका मुख्य फोकस कौशल विकास और आत्मनिर्भरता पर रहा। इस आयोजन के अंतर्गत छात्रों द्वारा निर्मित हस्तनिर्मित ज्वेलरी का एक प्रदर्शनी कक्ष भी लगाया गया है, जो 17अप्रैल से 21 अप्रैल 2025 तक दर्शकों के लिए खुला रहा। यह प्रदर्शनी आगंतुकों को युवा शिल्पकारों की रचनात्मकता और मेहनत को देखने और सराहने का अवसर प्रदान किया गया।
edited by alka rajput