ambala coverage news : क्षेत्र की जरूरतों के मुताबिक तैयार स्टार्टअप से छू सकते हैं बुलंदिया: धर्मवीर कांबोज

अमित कुमार
अंबाला कवरेज @ यमुनानगर। डीएवी गर्ल्स कॉलेज के इंस्टीट्यूशंस इनोवेशन काउंसिल की ओर स्टार्टअप की प्लानिंग के लिए कानूनी व एथिक्ल स्टेप्स पर आधारित एक्सटेंशन लेक्चर का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रपति अवार्ड से सम्मानित किसान धर्मवीर कांबोज मुख्य वक्ता रहे। मनोविज्ञान विभाग अध्यक्ष शालिनी छाबडा व आईसीसी कनवीनर विवेक ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम की अध्यक्षता की। धर्मवीर कांबोज ने कहा कि बिजनेस के लिए आइडिया तो सभी के पास होते है। लेकिन उन्हें धरातल पर कोई कोई ही उतार पाता है। उन्होंने छात्राओं से आह्वान किया कि वे अपने आसपास के क्षेत्र मे ंलोगों की जरूरतों के मुताबिक स्टार्टअप शुरू करें। ऐसा करने से जहां लोगों की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा, वहीं नए बिजनेस से युवा भी मोटिवेट होंगे। स्टार्टअप का नाम देकर उसे रजिस्ट्रर्ड करवाएं। जिला उद्योग केंद्र की सहायता से ं रजिस्ट्रर्ड करवाना जरूरी है। प्राइवेट कंपनी बनाकर उद्योग को शुरू कर सकते है। इसके अलावा उन्होंने बहुत सारी इनोवेशन के बारे में छात्राओ को विस्तार से जानकारी दी। जिसमें उन्होंने सूटकेस को कुर्सी में तब्दील करने, अमरजेंसी लाइट, शीशम के पत्ते का पेस्ट से जख्म को भरने,गिलाय की बेल औषध तैयार करने, जामुन की कैंडी व गुठलियांे से दवाइयां बनाने सहित अन्य चीजों के बारे में बताया। उन्होंने छात्राओं को एलोविरा जूस, चूर्ण एलोविरा अर्क, जैल, साबून, हैंडवास, शैंपू बनाने के अलावा जामुन कैंडी, स्ट्रोबेरी श्रीखंड, आंवला जूस सहित अन्य चीजें बनाने के बारे में भी बताया। साथ ही उन्होंने अपनी मल्टीपर्पस फूड प्रोसेसिंग मशीन के बारे में छात्राओं को अवगत कराया। मशीन के जरिए फलों के बीज तोडे बिना जूस तैयार किया जा सकता है। बहुत सारे किसान नई तकनीकों को अपनाकर फूड प्रोसेसिंग मशीन के माध्यम से विभिन्न उत्पाद तैयार कर रहे हैं, जिनकी मार्केट में खूब डिमांड है। किसान धर्मवीर ने बताया कि कीनिया, नैरोबी, कीटूई, मचासा, तंजानिया, यूगांडा, नाईजीरिया साहित अन्य देशों को उन्होंने निःशुल्क टेक्नालॉजी मुहैया करवाई है। शालिनी छाबडा ने कहा कि किसी भी स्टार्टअप में आनी वाली समस्याओं का समाधान करके बुलंदियो को छुआ जा सकता है। कार्यक्रम के सफल आयोजन में ममता थापर, मनिका सेठी, नेहा ठाकुर ने सहयोग दिया।

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