अम्बाला कवरेज @ चंडीगढ़। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जब हमने 2014 में सरकार की बागडौर संभाली, उस समय 2015-16 में हरियाणा की गरीबी दर 11.88 प्रतिशत आंकी गई थी। लेकिन हमारी सरकार के सकारात्मक प्रयासों के फलस्वरूप 2019-21 में यह दर 7.07 प्रतिशत पर आ गई है, जो कि साढ़े 4 प्रतिशत से भी अधिक की कमी है। इस प्रकार, हरियाणा में 14,29,341 परिवार गरीबी रेखा से उपर आए हैं।मुख्यमंत्री आज यहां हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में बोल रहे थे। मनोहर लाल ने कहा कि देशभर में गरीबी रेखा की आर्थिक सीमा 1 लाख 20 हजार रुपए है, जबकि हरियाणा में हमने इस सीमा को 1 लाख 80 हजार रुपये कर रखी है, जिससे अधिक से अधिक लोगों को राशन कार्ड, आयुष्मान भारत योजना सहित विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है।मुख्यमंत्री ने सदन में स्पष्ट करते हुए कहा कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड ने आढ़तियों की मांग पर पिछले वित्त वर्ष में एकत्रित मार्केट फीस के आधार पर फलों और सब्जियों की एकमुश्त फीस लेने की अधिूसचना जारी की थी।इस अधिसूचना के अनुसार 10 फीसदी राशि हर साल बढ़ाई जानी है। परंतु शायद इस बात को आढ़ती भाई सही तरीके से नहीं समझ पाए। इसका अर्थ यह है कि कीमत की बजाए, जो टैक्स वह जमा करवाते हैं, उस राशि पर अगले साल 10 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी।अगर किसी दुकानदार की 10 फीसदी बिक्री नहीं बढ़ती है तो वे दुकानदार अपील कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अधिसूचना के अनुसार 2 सालों के लिए इस 10 प्रतिशत वृद्धि को फ्रीज कर दिया है, यानि यह 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी मार्च, 2025 से लागू होगी।ambala coverage हरियाणा में 14.29 लाख से ज्यादा परिवार गरीबी रेखा से ऊपर आएः मुख्यमंत्री
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