अमित कुमार
अम्बाला कवरेज @ अंबाला। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित कवि, लेखक और आलोचक शैलेन्द्र रंगा की प्रेरणादायक कविताओं और लेखों ने ‘कविशाला’ ऐप पर एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। उनकी रचनाओं को अब तक 20 मिलियन यानी 2 करोड़ पाठकों ने पढ़ा है। कविशाला, हिंदी साहित्य को समर्पित एक प्रमुख मंच है, जो देश और विदेश के पाठकों के बीच साहित्यिक संवाद स्थापित करता है। शैलेन्द्र रंगा की रचनाएँ उनके गहरे विचार, सामाजिक मुद्दों पर सशक्त दृष्टिकोण और भावनात्मक गहराई के लिए विशेष रूप से सराही जाती हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रो शैलेन्द्र रंगा ,(एसोसिएट प्रोफेसर श्री आत्मानंद जैन कॉलेज अंबाला शहर)ने कहा, “यह सफलता केवल मेरी नहीं, बल्कि हिंदी साहित्य के प्रति बढ़ती रुचि और उसके प्रति पाठकों के गहरे लगाव की प्रतीक है। मैं उन सभी पाठकों का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी रचनाओं को पढ़ा और सराहा।” कविशाला टीम ने भी इस अवसर पर शैलेन्द्र रंगा को बधाई दी और बताया कि उनकी रचनाएँ युवा पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह उपलब्धि हिंदी साहित्य के प्रसार और प्रासंगिकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। शैलेन्द्र रंगा की कविताएं सामाजिक मुद्दों, पाखंड, अशिक्षा, लैंगिक भेदभाव , वैज्ञानिकता जैसे विषयों पर लिखी गई है। इनके सबसे चर्चित कविता ‘कड़वी कविता’ है।
अम्बाला कवरेज @ अंबाला। हिंदी साहित्य के क्षेत्र में प्रतिष्ठित कवि, लेखक और आलोचक शैलेन्द्र रंगा की प्रेरणादायक कविताओं और लेखों ने ‘कविशाला’ ऐप पर एक अभूतपूर्व उपलब्धि हासिल की है। उनकी रचनाओं को अब तक 20 मिलियन यानी 2 करोड़ पाठकों ने पढ़ा है। कविशाला, हिंदी साहित्य को समर्पित एक प्रमुख मंच है, जो देश और विदेश के पाठकों के बीच साहित्यिक संवाद स्थापित करता है। शैलेन्द्र रंगा की रचनाएँ उनके गहरे विचार, सामाजिक मुद्दों पर सशक्त दृष्टिकोण और भावनात्मक गहराई के लिए विशेष रूप से सराही जाती हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रो शैलेन्द्र रंगा ,(एसोसिएट प्रोफेसर श्री आत्मानंद जैन कॉलेज अंबाला शहर)ने कहा, “यह सफलता केवल मेरी नहीं, बल्कि हिंदी साहित्य के प्रति बढ़ती रुचि और उसके प्रति पाठकों के गहरे लगाव की प्रतीक है। मैं उन सभी पाठकों का आभारी हूँ जिन्होंने मेरी रचनाओं को पढ़ा और सराहा।” कविशाला टीम ने भी इस अवसर पर शैलेन्द्र रंगा को बधाई दी और बताया कि उनकी रचनाएँ युवा पीढ़ी को साहित्य से जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। यह उपलब्धि हिंदी साहित्य के प्रसार और प्रासंगिकता को बढ़ावा देने की दिशा में एक और कदम है। शैलेन्द्र रंगा की कविताएं सामाजिक मुद्दों, पाखंड, अशिक्षा, लैंगिक भेदभाव , वैज्ञानिकता जैसे विषयों पर लिखी गई है। इनके सबसे चर्चित कविता ‘कड़वी कविता’ है।
edited by alka rajput