ambala today news महिला थाना में पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य एवं एडवोकेट नम्रता गौड पुलिस व शिकायतकताओं से की बातचीत

अम्बाला- राज्य महिला आयोग की सदस्य एवं एडवोकेट नम्रता गौड़ ने महिला थाना अम्बाला शहर में जाकर आयोग के समक्ष आई शिकायतों के संबध में पुलिस अधिकारियों व शिकायकर्ताओं का पक्ष जानते हुए जानकारी हासिल की। उन्होंने बताया कि आयोग के समक्ष 5 शिकायतें पहुंची थी जिनमें पीडि़त पक्ष द्वारा शिकायत पर केस दर्ज न होने या आरोपियों की गिरफ्तारी न होने की बात कही गई थी। नम्रता गौड़ ने मौके पर तीन मामलों में पुलिस को आरोपियों को गिरफ्तार करने के  निर्देश दिये वहीं एक अन्य मामले में मामला दर्ज करने से पहले समय दिया गया। नम्रता गौड़ ने शिकायतकर्ताओं को आश्वस्त किया कि उन द्वारा जो भी शिकायत की गई है उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जायेगी।
राज्य महिला आयोग की सदस्य नम्रता गौड़ ने बताया कि आयोग के समक्ष जो भी शिकायतें आती है उसका निवारण किया जाता है। आयोग के सदस्य व अन्य के साथ महिला पुलिस थानों में जाकर मामले संबधी वास्तविकता का पता लगाया जाता है, वहीं यदि पुलिस द्वारा मामले में ढील बरती जा रही है तो उन्हें भी निर्देश देते हुए मामले पर कार्रवाई करने के लिए कहा जाता है। इसी कड़ी में महिला पुलिस थाना अम्बाला शहर में आकर उन्होंने शिकायतकर्ताओं की जांच की है। ambala today news महिला थाना में पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य एवं एडवोकेट नम्रता गौड पुलिस व शिकायतकताओं से की बातचीत

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इस दौरान एक मामले संबधी आशा सिंह गार्डन की रहने वाली एक महिला ने बताया कि उसकी शादी मई 2011 में नारायणगढ़ के अमित चानना से हुई थी। दहेज के लिए प्रताडि़त करने पर 3 अक्तूबर 2013 को केस दर्ज करवाया गया था। बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया था। उसने बताया कि जब लॉकडाउन के दौरान वह अपने मायके आई तो उसके पति ने उसके साथ व उसके माता-पिता के मारपीट की जिसके बाद उसने 8 जून को इस संबध में मामला भी दर्ज करवाया था लेकिन मामले में संलिप्त आरोपियों को न ही गिरफ्तार किया गया और न ही आरोपी आयोग के समक्ष पेश हुए। आयोग की सदस्य व एडवोकेट नम्रता गौड़ ने पुलिस को निर्देश दिए कि मामले में संलिप्त आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए। इसी प्रकार नारायणगढ़ के एक गांव की महिला पंच का केस भी सामने आया। पंच का आरोप था कि पति व ससुराल वाले मारपीट करते हैं। इस केस को लेकर पति व ससुर भी जांच में शामिल हुए। पंच का आरोप था कि पुलिस उसकी रिपोर्ट पर शिकायत दर्ज नहीं कर रही है। आयोग ने पति को पत्नी के साथ अलग रहने के लिए कहा लेकिन वह राजी नहीं हुआ। आयोग ने इस मामले में दोनों पक्षों को एक महीने का समय दिया है। इसके अलावा जो भी आयोग के समक्ष शिकायत आई थी पुलिस के साथ व जांच में शामिल लोगों को साथ होते कार्रवाई की गई और पीडि़त पक्ष संतुष्ट होकर गए। इस मौके पर महिला थाना एसएचओ सुनीता ढाका ने आयोग के सदस्य के समक्ष आई शिकायतों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि जो भी शिकायत महिला थाने में आती है उनमें शिकायतकर्ता व दूसरे पक्ष के शामिल करते हुए पूरा प्रयास किया जाता है कि दोनों को समझाकर मामले में न्याय दिलवाया जाए। यदि फिर भी कोई नहीं मानता है तो नियमानुसार कार्रवाई के लिए लिख दिया जाता है। ambala today news महिला थाना में पहुंची राज्य महिला आयोग की सदस्य एवं एडवोकेट नम्रता गौड पुलिस व शिकायतकताओं से की बातचीत

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