ambala today news सरकार के पास किसानों को देने के लिए कुछ नहीं, लेकिन किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार देर नहीं लगाती: चित्रा सरवारा

अम्बाला- 3 काले कानूनों और एमएसपी की गारंटी के मुद्दे पर लंबे समय से आंदोलन कर रहे किसानों की तो सरकार सुध नहीं ले रही लेकिन आंदोलन में लाठियां खाने के बाद भी और और दशहरे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का पुतला जलाने के बयान पर तत्काल ही किसान यूनियन के मेंबर्स और अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी के खिलाफ मुकद्दमें दर्ज कर दिए जाते हैं । हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट की नेत्री चित्रा सरवारा ने कहा कि सरकार के पास किसानों को देने के लिए तो कुछ नहीं है लेकिन किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार देर नहीं लगाती। महीनों से किसान आंदोलित हैं, सड़कों पर हैं, लाठियां और सरकारी अपेक्षा झेल रहे हैं, किसानों के साथ-साथ आढ़ती भी आत्महत्या करने पर मजबूर हो गए है लेकिन इन में से किसी भी मौके पर सरकार के कानों पर जूँ तक नही रेंगी ना ही कोई सकरात्मक कारवाई के लिए कदम बढ़ाया गया I हर मौके पर उल्टा किसानों पर 307 के मुक़दमे या प्रधान मंत्री के उपलक्ष में धार्मिक ग्रंथों के पात्र की तुलना पर उनपर एफआईआर करवायी जाती है I ये सब किसानों की आवाज़ दबाने के पैंतरे हैं और गुरनाम सिंह चढूनी को इस बार निशाने पर लिया जा रहा है I ambala today news सरकार के पास किसानों को देने के लिए कुछ नहीं, लेकिन किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार देर नहीं लगाती: चित्रा सरवारा
चित्रा ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने और किसान विरोधी 3 काले कानूनों की मांग को लेकर किसान लंबे समय से सड़कों पर बैठे हैं। परंतु सरकार को किसानों की परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि आंदोलन कर रहे किसानों का मुद्दा केवल एमएसपी का नहीं है मंडीकरण का भी है। उन्होंने कहा कि जिन राज्यो में मंडीकरण हुआ है वहां पर एमएसपी और किसान विकसित नहीं हुए। इन लोगों को बहुत असुविधा हुई है। जहाँ एमएसपी पर तो केन्द्र सरकार ताक झांक कर रही है। वही जबरन इस अध्यादेश को पूरे देश में लागू कर रही है। केंद्र के 3 अध्यादेशों के तहत मंडियों के अंदर जो काम होगा वहां टैक्स लगेगा और बाहर जो काम होगा वहां टैक्स नहीं लगेगा। यह दबे पैर मंडीकरण का धीमा धीमा जहर है जो धीरे-धीरे फैल रहा है। जब तक मंडिया है तभी तक प्राइवेट लोग आप की कीमत देंगे। एक बार मंडिया बीच में से हट गई तो वही हाल होगा जो आज मध्य प्रदेश में हो रहा है। किसान आज वहा पर आत्महत्या करने और निजी कंपनियों के हाथ नीलाम होने को मजबूर है। सरकार जब तक नया अध्यादेश नहीं लाती तब तक सब बातें कच्ची है। सरकार को तुरंत पुराना अध्यादेश वापिस लेकर किसानों से बातचीत करके नया अध्यादेश किसानों के हित का लाना चाहिए जिसमे किसानों की मांगों को रखा जाए। चित्रा ने बीजेपी द्वारा आंदोलनरत किसानों से बातचीत के लिए बनाई गई 3 सांसदों वाली कमेटी पर भी सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि 3 अध्यादेश पर चर्चा के लिए बनाई गई कमेटी का मकसद सिर्फ किसानों को गुमराह करना था। इस कमेटी के पास ना कोई संवैधानिक शक्ति है और ना ही कोई राजनीतिक इच्छा शक्ति। अगर इसके पास कोई शक्ति है तो उसे सबसे पहले किसानों पर लाठी चलाने और चलवाने वालों पर कार्रवाई करनी चाहिए थी। सरकार को फौरन किसान नेताओ पर दर्ज मुकदमे वापस लेने चाहिए। एक तरफ सरकार किसानों को मुक़दमों का डर दिखाकर दबाने में लगी है तो वहीं दूसरी तरफ बातचीत का ड्रामा कर रही है। ambala today news सरकार के पास किसानों को देने के लिए कुछ नहीं, लेकिन किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने में सरकार देर नहीं लगाती: चित्रा सरवारा

Leave a Comment

और पढ़ें