अंबाला कवरेज (निखिल सोबती)। अंबाला नगर निगम के अधिकारियों ने शनिवार व रविवार की छुट्टी का लाभ उठाते हुए बिना नगर निगम हाउस के नोटिस में डाले अंबाला शहर नगर निगम में चल रही इंजीनियरिंग ब्रांच को सेक्टर-1 कम्यूनिटी सेंटर में शिफ्ट कर दिया। जिसके बाद अब पार्षद इस मामले में निगम के अधिकारियों को हाउस की बैठक में घेरने की तैयारी में हैं। निगम अधिकारियों द्वारा इंजीनियरिंग ब्रांच को सेक्टर-1 में शिफ्ट किए जाने के बाद शहर में चर्चा है कि आखिर सरकार तो लघु सचिवालय बनाकर एक ही छत्त के नीचे सभी सुविधाएं देने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ अंबाला शहर नगर निगम के अधिकारी लोगों को परेशान करने के लिए निगम को दो बिल्डिंगों में चलने की तैयारी कर रहे हैं। फिलहाल यह कहने में कोई गुुरेज नहीं कि आने वाले दिनों में निगम अधिकारियों द्वारा बिल्डिंग शिफ्ट किए जाने का फैसला कई तरह के विवादों को साथ लेकर आएगा।
अंबाला शहर नगर निगम की बात की जाए तो इससे पहले भी अंबाला शहर नगर निगम दो बिल्डिंगों में चलने का खामियाजा भुगत चुका है। इससे पहले इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का आफिस नगर निगम बिल्डिंग से अलग विकास विहार स्थित कम्यूनिटी सेंटर में चलता था। वर्ष 2017 में वहां पर चोरी हो गई और इंप्रूवमेंट ट्रस्ट का सारा रिकॉर्ड चोर उठाकर ले गए, सवाल यह भी है कि आखिर चोरों को रिकॉर्ड में क्या दिलचस्पी थी, लेकिन मामला रिकॉर्ड है तो बकायदा मामला दर्ज करवाया गया, लेकिन यह अलग बात है कि इस मामले में आज तक किसी तरह की कोई गिरफ्तार नहीं हुई। पता चला है कि इस मामले की फाइल को पुलिस ने भी दफतर दाखिल कर दिया है। ऐसे में सवाल यह है कि इंजीनियरिंग विंग का सारा रिकॉर्ड अब सेक्टर-1 में शिफ्ट किया जा रहा है और ऐसे में यदि वहां पर जाने के बाद किसी तरह का कोई रिकॉर्ड गायब होता है तो इसके लिए कौन जिम्मेदार होगा।
अंबाला नगर निगम में सुरक्षित रहता है रिकॉर्ड
अंबाला नगर निगम की बात की जाए तो एक तो वह शहर के बीचों बीच स्थित है तो वहीं दूसरी तरफ नगर निगम में बकायदा चौंकीदार तैनात किया हुआ है। ऐसे में अधिकारियों का तर्क हो सकता है कि वहां पर भी चौकींदार रखा जाएगा, लेकिन अंबाला नगर निगम इसलिए ज्यादा सेफ है क्योंकि वहां पर लोगों रहते हैं और निगम कर्मचारियों के वहां पर रहने के कारण रात के समय भी हलचल रहती है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति द्वारा निगम आफिस में जाकर रिकॉर्ड के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ का सवाल नहीं उठता, लेकिन सेक्टर-1 में जाने के बाद निश्चिततौर पर रिकॉर्ड कितना सुरक्षित होगा यह तो समय बताएंगा।
दो आफिसों के चक्कर में टूट गया था निगम
नगर निगम के अधिकारी दो आफिस बनाकर जनता को तो परेशान कर रही रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अगर अंबाला नगर निगम के पुराने रिकॉर्ड को देखा जाए तो उस समय में भी निगम के दो आफिस थे। एक आफिस अंबाला कैंट था और दूसरा आफिस अंबाला शहर में था। उस समय भी दो आफिसों के चक्कर में जनता परेशान रहती थी। जिसके बाद हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने अंबाला कैंट के लोगों की दिक्कतों को देखते हुए निगम को भंग करवाना और अंबाला कैंट को अलग नगर परिषद बनवाया। यह तो तय है कि आने वाले दिनों में अंबाला शहर की जनता भी दो आफिसों के चक्कर में परेशान होगी।