अम्बाला में पहली बार सुपर विलेज चैलेंज प्रोजैक्ट की हुई शुरूआत: डी.सी. अशोक कुमार

अम्बाला! अम्बाला में पहली बार सुपर विलेज चैलेंज प्रोजैक्ट की शुरूआत की गई है। इस प्रोजैक्ट को कामयाब बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं के साथ-साथ सभी अधिकारियों को मेहनत और लगन के साथ काम करने की जरूरत है। इस विषय को लेकर सम्बन्धित अधिकारियों द्वारा एक सार्थक और सारगर्भित तरीके से काम करने की जरूरत है ताकि सभी सम्बन्धित को इसका प्रत्यक्ष रूप से लाभ मिल सके। यह जानकारी डी.सी. अशोक कुमार शर्मा ने अपने कार्यालय में गांवो के विकास के लिए सुपर विलेज चैलेंज प्रोजैक्ट के तहत अधिकारियों की एक बैठक में दी। उन्होंने कहा कि सभी के सहयोग से गांवो को और बेहतर व सुंदर बनाया जा सकता है।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि सुपर विलेज चैलेंज के तहत ग्राम पंचायतों में प्रतियोगिता करवाई जायेगी तथा जिन पांच गांवों का बेहतर स्कोर होगा,उन्हें डी-प्लान के तहत गांवों में विकास कार्यों के लिए धनराशि देकर प्रोत्साहित करने का काम भी किया जायेगा। यह कार्य तीन महीने के लिए आरम्भिक तौर पर शुरू किया गया है। इस प्रोजैक्ट के तहत पैरामीटर तय करते हुए स्कोर देने का काम किया जायेगा। सरपंच की इस स्कीम के तहत विशेष भूमिका रहेगी कि गांवों में निर्धारित पैरामीटर के तहत क्या-क्या कार्य किए गये हैं उसको ध्यान में रखकर ही स्कोर दिए जायेंगे। सम्बन्धित विभाग भी बेहतर समन्वय के साथ इस कार्य को करवाना सुनिश्चित करें।
उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रोजैक्ट के तहत सरपंच को 15 तारीख तक उसने गांव में क्या-क्या कार्य करवाए गए हैं उसको डिकलेयर करना होगा। उपायुक्त ने यह भी कहा कि योजना के तहत गांवो में कितना विकास कार्य हुआ है यह स्कोर में शामिल नहीं होगा बल्कि सरपंच ने गांवों में विकास कार्यों के अलावा अन्य किसी गतिविधि में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है उसे शामिल करने का काम किया जायेगा। उन्होंने बताया कि जैसे मेरी फसल-मेरा ब्यौरा पोर्टल पर शत प्रतिशत रजिस्टे्रशन होना, एएनसी चैकअप होना, टीकाकरण, सफाई व्यवस्था व स्वास्थ्य इत्यादि शामिल रहेंगे। इतना ही नहीं नशे, कन्या भू्रण हत्या को रोकना, सामाजिक बुराईयों को दुर करने के लिए उठाए गये कदम, स्कूलों के सौन्दर्यकरण के साथ-साथ वहां की व्यवस्था, व्यर्थ बहते पानी को रोकने के लिए, कोविड-19 के दृष्टिगत गांवों में ठीकरी पहरा लगाया जाना, कितने लोग बाहर से आये हैं उनकी जानकारी देना, सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए लोगों को जागरूक करना, कैंटोनमैंट जोन में यदि कोई समस्या आई तो उसको दूर करने के लिए उठाए गये कदम, पोलोथीन फ्री करने बारे, स्वास्थ्य की दृष्टि से उठाए गये कदम आदि भी शामिल रहेंगे।

उपायुक्त ने बताया कि यदि इस योजना के तहत हम गांवों में कोई भी कुछ भी नया कार्य (परिवर्तन) कर पाते हैं तो इससे काफी फायदा मिलेगा। उन्होंने खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों को कहा कि उनको गांव की रूपरेखा के बारे में विस्तार से जानकारी होती है इसलिए वे इस कार्य को प्राथमिकता से करना सुनिश्चित करें। सरपंचों को इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दें ताकि योजना में शामिल सभी बिंदुओं की उन्हें सम्पूर्ण जानकारी हो और उसके तहत वे कार्य करते हुए अपने गांव को और अधिक सुंदर एवं स्वच्छ बना सकें। उन्होने कहा कि सरंपचों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई सूचना दी जाती है उसे गुप्त रखा जायेगा। उन्होंने बरसात के सीजन से पहले जिले के सभी तालाबों में पानी को साफ-सुथरा बनाये रखने के लिए गमबुजिया मछली संबधी कार्य को भी सुनिश्चित करने के लिए कहा। मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी रूखबा ने प्रोजैक्टर के माध्यम से सुपर विलेज चैलेंज के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
उपायुक्त ने बैठक के दौरान सीएम विंडो विषय पर भी चर्चा की और पंचायती राज विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि उनके विभाग से सम्बन्धित काफी शिकायते सीएम विंडो से सम्बन्धित हैं। आगामी बैठक से पहले वे इन शिकायतों का निपटारा करना सुनिश्चित करेंं। उन्होंने डाक्टर डे पर सिविल सर्जन को शुभकामनाएं भी दी। बैठक में एडीसी जगदीप ढांडा, नगराधीश कपिल शर्मा, जिला परिषद के सीईओ अशोक शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी बलजीत कौर, डीडीपीओ रेणू जैन, सिविल सर्जन डा0 कुलदीप सिंह, डीईओ उमा शर्मा, मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी रूखबा, जन स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता दीपक सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारीगण मौजूद रहे।

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