कावड़ यात्रा को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, पढ़िए सरकार ने क्या लिया फैसला

कावड़ यात्रा को लेकर हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला

अम्बाला । कोविड-19 के दृष्टिगत सरकार द्वारा कावड़ यात्रा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगा दिया है। पूर्व में कावड़ यात्रा को सफल बनाने के लिए जिस प्रकार से मंदिर प्रतिनिधि एवं अन्य भक्त कार्य करते थे उसी जोश व जिम्मेदारी के साथ अब वह लोगों को जागरूक करें कि हरिद्वार, गौमुख इत्यादि किसी भी धार्मिक स्थल से कावड़ यात्रा (गंगा जल) के लिए वहां न जाएं। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कावड़ यात्रा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाना सब लोगों के हित के लिए है। यह बात उपायुक्त अशोक कुमार शर्मा ने सोमवार अपने कार्यालय में कावड़ यात्रा विषय पर आयोजित बैठक में मंदिर प्रतिनिधियों, समाजसेवी व शिविर लगाने वाले लोगों को कही।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए उपायुक्त सभी को सावन के महीने के पहले सोमवार की बधाई देते हुए सभी के स्वस्थ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत सरकार द्वारा कावड़ यात्रा पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। कहीं से कोई भी श्रद्धालु कावड़ लेकर न यहां से बाहर जायेगा और न बाहर से लेकर यहां आयेगा और न ही पूरे जिले में कहीं पर भी कोई भी कावड़ से सम्बन्धित शिविर नहीं लगेगा। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना वैश्वीक महामारी से पूरा विश्व जूझ रहा है, बड़े-बड़े विकसित देश भी इस महामारी से ग्रसित हैं। हमें कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं है बल्कि सावधानी बरतते हुए स्वयं सुरक्षित रहना है तथा दूसरों के जीवन को भी सुरक्षित रखना है। उन्होंने कहा कि हमारी एक छोटी सी लापरवाही घातक हो सकती है जोकि हमारे साथ-साथ अन्य लोगों के जीवन के लिए भी खतरा बन सकती है। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतकर ही हम इस बीमारी से बच सकते हैं।

उपायुक्त ने बैठक में जानकारी के क्रम में यह भी बताया कि उत्तराखंड राज्य सरकार द्वारा हरिद्वार में सावन के पावन अवसर पर कावड़ से सम्बन्धित आने वाले श्रद्धालुओं पूर्णत: प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई नियमों की अवहेलना करते हुए कावड़ लेने जाता है तो नियमानुसार उसके ही खर्चे पर उसे नियम समयावधि के तहत उसे क्वारनटाईन करने का काम किया जायेगा और उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई भी अमल में लाई जायेगी। इसलिए कोई भी श्रद्धालु कहीं से भी कावड़ लेने न जाये। उन्होंने मंदिर एवं शिविर संस्थाओं के प्रतिनिधियों को आहवान किया कि वे नियमों की पालना करते हुए प्रशासन का सहयोग करें और उनके सम्पर्क में आने वाले लोगों को सचेत करते हुए इस विषय बारे अवगत करवाएं। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों में सावन माह के पर्व पर अकसर भक्तों की आवाजाही रहती है, इसलिए मंदिर प्रतिनिधि सुनिश्चित करेंगे कि विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं जिला प्रशासन द्वारा जो हिदायतें जारी की गई है उनकी अनुपालना पूर्णत: सुनिश्चित हो, इसमें किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें। मास्क, सामाजिक दूरी की पालना के साथ-साथ भीड़ एकत्रित नहीं होनी चाहिए, जो श्रद्धालु मंदिर में पूजा-अर्चना के लिए आ रहा है वह स्वयं अपने जुतों व चप्पलों को अपनी गाड़ी या जुता घर में रखना सुनिश्चित करें।
इस मौके पर नगराधीश कपिल शर्मा सहित समाजसेवी, मंदिर एवं शिविरों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। सभी ने उपायुक्त को आश्वस्त किया कि अम्बाला जिले से कोई भी श्रद्धालु कावड़ लेने हरिद्वार व अन्य धर्मिक स्थलों पर नहीं जायेगा। इस बारे में वह लोगों को जागरूक करते हुए प्रशासन का पूरा सहयोग करेंगे।  

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