चाइना को लाल आंखे दिखाने की जगह करोड़ो के ठेके दिए जा रहे हैं : चित्रा सरवारा

चाइना को लाल आंखे दिखाने की जगह करोड़ो के ठेके दिए जा रहे हैं

अंबाला (आर्य बंसल) हरियाणा डैमोक्रेटिक फ्रंट की नेत्री चित्रा सरवारा ने लद्दाख की गलवान घाटी में चाइना की फौज से हुई हिंसक झड़प के दौरान शहीद हुए 20 भारतीय जांबाजों की शहादत को नमन करते हुए उनके परिवरों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि विपक्ष में रहते हुए चाइना को लाल आंखे दिखाने की बाते करने वाले नेता अब केंद्र में सत्तारूढ़ होकर चाइना को करोड़ों के ठेको के माध्यम से उनकी जेबों में पैसे डाल रहे हैं और देशवासियों को चाइना की लड़ियों का इस्तेमाल न करने की सलाह दे रहें हैं।  चित्रा सरवारा ने कहा कि बीते 6 साल के दौरान चाइना से रिकॉर्ड तोड़ व्यापार करके उसके खजाने को भरा गया है। यहां तक की सरदार वल्लभ भाई पटेल की 3000 करोड़ की मूर्ति भी चाइना से बनवाई गई है। अभी हाल ही में दिल्ली, मेरठ रेल कोरिडोर को बनाने का करोड़ो का ठेका भी चाइना को दिया गया है। भारत के साथ साथ पूरे विश्व काे काेरोना महामारी की चपेट में लाने के दोषी चाइना से ही टेस्टिंग किट मंगवाना यह दर्शाता है कि केंद्र सरकार की विदेश नीति कतई फेल हो चुकी है। उन्होंने कहा कि हकीकत यह है कि भारत में विभिन्न उत्पादनों के लिए 70 फीसदी कच्चा माल अब चाइना से मंगवाया जा रहा है क्योंकि मार्केट में प्रतिस्पर्धा के चलते व्यापारी भारतीय माल से ज्यादा चाइना के माल को मंगवाने के लिए विवश दिखाई देने लगे हैं । उन्होंने कहा कि स्वयं केंद्र सरकार भी चाइना के आगे घुटने टेकती आ रही है। तभी तो भारत  में बैंक ऑफ चाइना को खोलने की अनुमति दे दी गई। उन्होंने कहा कि बीते 6 सालों के दौरान भारत की अर्थव्यवस्था पर चाइना लगातार बेरोक टोक पकड़ बना रहा है और सरकार की नीतियां देश के व्यापारियों के हित में न होकर विदेशी कंपनियों को प्रोत्साहित करती दिखाई दे रही है। चित्रा सरवारा ने कहा कि असंख्य देशवासी और शहीद सैनिकों के परिजन इस बात का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं कि कब केंद्र सरकार चाइना को मुंहतोड़ जवाब देगी। उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे पर बैठके बुलाने का समय नहीं है बल्कि वक्त की मांग है कि चाइना से आर पार की लड़ाई लड़कर ऐसा सबक सिखाया जाए कि दूसरे पड़ोसी देश भी भविष्य में भारत के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से पहले सौ बार सोचे

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