अंबाला कवरेज @ चंडीगढ़‘‘परमात्मा के प्रति निःस्वार्थ प्रेम ही सच्ची भक्ति कहलाती है। और ऐसी ही निष्काम प्रेम की भावना संतों की होती है।’’ उक्त उद्गार निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ने 17 नवंबर की शाम को 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम के मुख्य सत्र में देश विदेशों से लाखों की संख्या में आये हुए विशाल मानव परिवार को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए।सतगुरु माता जी ने कहा कि भक्त हर किसी को ईश्वर का ही रूप समझकर सभी से प्रेमपूर्वक व्यवहार करता है और उसका उसमे कोई व्यक्तिगत स्वार्थ नहीं होता। ऐसे भक्तों की भक्ति में फिर किसी प्रकार के डर का भाव नहीं रहता। प्रेम से किए गए हर कार्य का आधार केवल प्रेम ही होता है जिसकी प्रेरणा प्रेम ही होती है। समर्पित भाव से की जाने वाली सेवा सदैव परोपकार के लिए ही होती है। वहीं दूसरी ओर संसार में यदि देखा जाए तो जो प्रेम दर्शाया जाता है उसमें भी प्रायः कोई न कोई निजी स्वार्थ छिपा होता है। ambala today newsपरमात्मा के प्रति निःस्वार्थ प्रेम ही सच्ची भक्ति है – निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराजambala today news सुधांशु सरिया की सना को 26वें टालिन ब्लैक नाइट्स फिल्म फेस्टिवल में शानदार प्रतिक्रिया मिली!
सत्गुरु माता जी ने आगे प्रतिपादन किया कि जिस प्रकार एक छोटे से बीज में घना छायादार वृक्ष बनने की क्षमता होती है उसी प्रकार से हर मनुष्य परमात्मा की अंश होने के नाते परमात्मा स्वरूप बनने की क्षमता रखता है। बीज जब धरती से अंकुरित होकर प्रफुल्लित होता है तब वह एक वृक्ष का रूप लेकर अपने सारे कार्य अच्छे से निभाता है। इसी प्रकार ब्रह्मज्ञान द्वारा मनुष्य जब परमात्मा के साथ इकमिक होकर उसके रंग में रंग जाता है तब स्वतः ही वह मानवीय गुणों से युक्त होकर सच्चा मानव बन जाता है। फिर उसके जीवन में रूहानियत और इन्सानियत का संगम देखने को मिलता है। इसके विपरीत जो मनुष्य इस सच्चाई से वंचित रहता है उसका सही रूप में विकास नहीं हो पाता। संत महात्मा ऐसे मनुष्य को जागृति देकर परमात्मा के साथ जोड़ने का कार्य करते हैं जिससे उनका जीवन भी मानवीयता के गुणों से युक्त हो जाए। ambala today newsपरमात्मा के प्रति निःस्वार्थ प्रेम ही सच्ची भक्ति है – निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज ambala today news रंजीता मेहता ने स्कूल सेक्टर 18 चंडीगढ़ में किया संगीत रूम का शुभारंभ
मिशन के 75 वर्षों के संत समागमों की श्रृंखला का जिक्र करते हुए सत्गुरु माता जी ने कहा कि संत समागमों के आरंभ से ही सम्मिलित होने वाले सभी भक्तों को जैसी अनुभूति होती आ रही है ठीक उसी प्रकार की अनुभूति प्रथम बार संत समागम में सम्मिलित होने वाले भक्तों को भी हो रही है क्योंकि इस परमात्मा की सत्यता सदैव एक जैसी रहती है जिसमें कोई परिवर्तन नहीं होता। इस स्थिर परमात्मा के साथ नाता जुड़ने पर भक्तों के मन की अवस्था फिर अस्थिर नहीं होती।ambala today newsपरमात्मा के प्रति निःस्वार्थ प्रेम ही सच्ची भक्ति है – निरंकारी सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज
निरंकारी प्रदर्शनी
निरंकारी संत समागम का एक मुख्य आकर्षण ‘निरंकारी प्रदर्शनी’ है जिसका शुभारंभ सन् 1972 से हुआ जिसमें निरंतर हर वर्ष मिशन के इतिहास, उसकी विचारधारा एवं समाजिक गतिविधियों को दर्शाया जाता है। इस वर्ष भी यह प्रदर्शनी समागम का मुख्य आकर्षण बनी हुई है और समागम के दौरान हर दिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्त इस प्रदर्शनी का अवलोकन कर रहे हैं।इस वर्ष प्रदर्शनी को छः मुख्य भागों में दर्शाया गया है जिसमें आधुनिक तकनिकी का बखुबी इस्तेमाल करके इसे अत्यंत प्रभावशाली बनाया गया है। इन छः भागों में एक मुख्य प्रदर्शनी है जबकि अन्य भागों में स्टुडियो डिवाईन, बाल प्रदर्शनी, स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग प्रदर्शनी, थिएटर एवं डिज़ाईन स्टुडियो इत्यादि का सुंदर समावेश है।ambala today news ‘‘अण्डेमान-निकोबार की सैलूलर जेल में वीर सावरकर दस साल रहें, उसमें राहुल गांधी दस दिन रहकर दिखाएं’’- गृह मंत्री अनिल विज