ओजस अस्पताल में स्ट्रक्चरल हार्ट प्रोग्राम लॉच हुआ

चंडीगढ़ (अमन)। हृदय संबंधी देखभाल को बढ़ाने के लिए शनिवार को ओजस अस्पताल, पंचकूला में एक स्ट्रक्चरल हार्ट प्रोग्राम शुरू किया गया। कार्डियोलॉजी के चेयरमैन डॉ. अनुराग शर्मा ने बताया कि प्रोग्राम को कोरोनरी आर्टरी में ब्लॉकेज से अलग कार्डियक डिसआॅर्डर के एक स्पेक्ट्रम को ट्रीट करने के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें जन्मजात दोष से लेकर एक्वायर्ड स्ट्रक्चरल असामान्यताएं शामिल हैं।

कार्डियोलॉजी के डायरेक्टर डॉ. रजत दत्ता ने कहा कि प्रोग्राम का उद्देश्य प्रत्येक रोगी के लिए अनुकूलित समाधान प्रदान करना, बेहतर परिणाम और जीवन की बेहतर गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में प्रगति के साथ आज वाल्व रिप्लेसमेंट बिना छाती को काटे या मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया या बाईपास पंप के किया जा सकता है। डॉ. अनुराग ने आगे कहा, ”यह तकनीकी प्रगति का प्रमाण है कि मरीज कैथ लैब में एक सुरक्षित प्रक्रिया की उम्मीद कर सकते हैं और वाल्व प्रतिस्थापन के बाद 2-3 दिनों में अस्पताल से छुट्टी ले कर जा सकते हैं। आज एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट के लिए ट्रांसकैथेटर एओर्टिक वाल्व इम्प्लांटेशन (टीएवीआई), लीकेज माइट्रल वाल्व के लिए मित्रा क्लिप और दाहिने हृदय की समस्याओं के लिए ट्रिक वाल्व के रूप में उपलब्ध हैं।

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मुनीश देव ने कहा, प्रोग्राम की मुख्य विशेषताओं में से एक इसकी मिनिमम इनवेसिव प्रक्रियाओं की व्यापक श्रृंखला है। ये नवीन तकनीकें चिकित्सकों को क्षतिग्रस्त हृदय वाल्वों की मरम्मत या बदलने, संरचनात्मक दोषों को ठीक करने और रोगी के शरीर में न्यूनतम व्यवधान के साथ सामान्य हृदय क्रिया को बहाल करने में सक्षम बनाती हैं। डॉ. देव ने कहा कि पारंपरिक ओपन-हार्ट सर्जरी से बचने से रोगियों को अस्पताल में कम समय तक रहने, तेजी से ठीक होने और जटिलताओं के जोखिम को कम करने का लाभ मिलता है।

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