अंबाला कवरेज @ अमित अठवाल। अंबाला में कोरोना का कहर कम होने के साथ ही एक बार फिर राजनीतिक हलचल तेज होती नजर आ रही है। अंबाला नगर निगम के चुनाव में हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) से शक्तिरानी शर्मा के मेयर बनने के तुरंत बाद सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर को लेकर चर्चाएं हमेशा तेज रही है। इसी बीच मार्च में कोरोना का कहर बढ़ गया और दूसरी वेव के चलते राजनीतिक सरगर्मियां शांत हो गई, लेकिन अब कोरोना का कहर कम हुआ तो अंबाला नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर चर्चाएं तेज हैं और संभावनाएं जताई जा रही हैं कि जुलाई माह की शुरूआत होने के साथ ही कभी भी चुनावों की तारीख घोषित की जा सकती है।
अंबाला नगर निगम चुनाव को लेकर सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर को लेकर जगाधरी से विधायक एवं शिक्षामंत्री कंवरपाल गुज्जर को प्रभावित नियुक्त किया गया है। अंबाला में चल रही चर्चाओं की बात करें तो पिछले दिनों कंवरपाल गुज्जर ने कई पार्षदों के साथ संपर्क किया और बातचीत की। इस दौरान उन्होंने पार्षदों से भाजपा के पक्ष में वोट करने का भी आग्रह किया और भाजपा उम्मीदवारों के जीत हासिल करने के बाद उचित सम्मान देने की भी बात कहीं। भाजपा प्रभारी कंवरपाल गुज्जर के निशाने पर वह पार्षद है जोकि अभी तक किसी तरह नहीं है। जिसमें कांग्रेस के पार्षदों के साथ साथ वह पार्षद शामिल हैं, जोकि एचडीएफ के समर्थन से जीते हैं।
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अंबाला नगर निगम की बात की जाए तो अभी तक हाउस के अंदर सबसे ज्यादा मजबूत स्थिति में हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) से मेयर बनी शक्तिरानी शर्मा हैं। 20 पार्षदों के साथ एक मेयर के साथ हाउस में कुल वोटिंग का अधिकार रखने वालों की संख्या 21 हो जाती है। जिसमें से 8 पार्षद हरियाणा जनचेतना पार्टी (वी) के हैं और एक मेयर शक्तिरानी शर्मा को भी वोटिंग के लिए मान लिया जाए तो कुल संख्या 9 हो जाती है।
इसी तरह भाजपा के पार्षद वर्तमान में 8 पार्षद हैं। अंबाला नगर निगम के हाउस की बात की जाए तो 2 पार्षद कांग्रेस पार्टी के चुनाव चिह्न पर जीत कर हाउस में आए हैं, जबकि कांगे्रस से जीत हासिल करने वालों की संख्या तीन थी, लेकिन वार्ड नंबर 5 से जीत हासिल करने वाले राजेश मेहता ने बाद में हरियाणा जनचेतना पार्टी ज्वाईन कर ली थी। जिसके कारण मेयर की ताकत बड़ी और उनके पास हाउस में 8 पार्षद हो गए। इसके साथ ही निर्मल सिंह की पार्टी एचडीएफ दो पार्षदों के जीत का दावा करती है, लेकिन चर्चाओं की बात करें तो वार्ड नंबर 4 से जीत हासिल करने वाले टोनी चौधरी एरिया में अपना रसुख रखते हैं और ऐसे में वह भी अलग चल रहे हैं। चर्चाओं की बात करें तो भाजपा यह जानती है कि आजाद प्रत्याशियों को साथ जोड़कर जीत की राह को आसान किया जाता सकता है और ऐसे में भाजपा नेता चुनाव की तारीख घोषित होने से पहले अपने स्तर पर पार्षदों को अपने पक्ष में करने का काम कर रहे हैं।