अमित अठवाल @ अंबाला कवरेज। विधानसभा चुनाव 2019 से ठीक पहले हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की कमान कुमारी सैलजा को सौंपी गई और तब से लगातार संगठन को मजबूत करने की बात की जा रही थी, लेकिन करीब डेढ़ साल बीत जाने के बाद आखिर कुुमारी सैलजा ने अब कांग्रेस व संगठन को मजबूत करने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। इसी कड़ी के तहत अंबाला से अलग अलग तरीके से रिपोर्ट एकत्रित की जा रही है कि आखिर अंबाला शहर अर्बन एरिया से अध्यक्ष किसको बनाया जाएगा। कांग्रेस की बात की जाए तो कुमारी सैलजा के नेतृत्व में पहली बार ऐसा हो रहा है कि सैलजा की एक स्पेशल टीम शहर के अलग अलग लोगों के व्यू ले रही है कि आखिर कांग्रेस को अंबाला शहर में कौन मजबूती के साथ चला सकता है। वैसे तो कांग्रेस पर हमेशा भाई भतीजावाद के आरोप लगते रहे हैं, लेकिन कुमारी सैलजा भाई भतीजावाद को छोड़कर किसी ऐसे चेहरे की तलाश में है, जो अंबाला शहर में पार्टी को मजबूत करें और सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को एक सूत्र में बांधकर रखने का काम कर सके।
India’s first case of COVID-19 was detected on 30-01-20. India’s first vaccine shot was administered on 16-01-21. Between the two dates, and thereafter, there is a saga of tragedy, incompetence and colossal mismanagement.
– Statement after meeting of Congress Working Committee pic.twitter.com/zVPLxTd5C2
— Haryana Congress (@INCHaryana) April 17, 2021
AMBALA TODAY NEWS : कांग्रेस को केवल कुमारी सैलजा का सहारा, अंबाला शहर में कोई बड़ा चेहरा नहीं
अंबाला शहर अर्बन एरिया की बात की जाए तो यहां पर कांग्रेस अध्यक्ष के लिए तीन नेताओं के नाम सबसे ज्यादा तेजी से चर्चाओं में है। पहला नाम देवेंद्र वर्मा का है तो दूसरा नाम पवन अग्रवाल का आता है। वहीं तरुण चुघ का भी अंबाला शहर से कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर दी जाने वाले जिम्मेदार लोगों में शामिल है। अब देखना यह होगा कि आखिर कुमारी सैलजा किसे जिम्मेदारी देती है और पार्टी को मजबूत करने का काम करती है। वैसे अंबाला शहर नगर निगम चुनाव में शहरी अध्यक्ष के तौर पर जिम्मेदारी लेने की बात करने वाले दो नेताओं को पार्टी की तरफ से मौका दिया गया था। इसी कड़ी के तहत वार्ड नंबर 10 वरिष्ठ कांग्रेसी नेता देवेंद्र वर्मा के बेटे मिथुन वर्मा को पार्षद का टिकट दिया गया और देवेंद्र वर्मा की छवि की बदौलत और कुमारी सैजला द्वारा जताए गए विश्वास के साथ मिथुन वर्मा ने जीत हासिल की। इसी के साथ ही मिथुन वर्मा ने एक जीता हुआ प्रत्याशी कुमारी सैजला की झोली में डाला। इसके साथ ही देवेंद्र वर्मा को पार्टी से जो भी जिम्मेदारी मिली है वह उसे बखूबी निभाते रहे हैं।
इसी कड़ी के तहत दूसरा नाम पवन अग्रवाल का आता है। नगर निगम चुनाव में वह भी अपनी पकड़ नगर निगम चुनाव में साबित कर चुके हैं। चुनाव के दौरान उनकी धर्मपत्नी मेयर के लिए उम्मीद थी, यह अलग बात है कि वह सामने विनोद शर्मा की धर्मपत्नी शक्तिरानी शर्मा के मैदान में होने के कारण वह अपनी जमानत भी नही बचा पाए थे, लेकिन यह भी सच है कि केवल अर्बन एरिया का चुनाव होने के बावजूद भी पहले की तुलना में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा था। वहीं तरुण चुघ का नाम भी शहरी अध्यक्ष के तौर पर चल रहा है और यह भी काफी पुराने कांग्रेसी हैं। पहले युवा कांग्रेस के तौर पर जिम्मेदारी का निर्वाह कर चुके हैं। फिलहाल कुमारी सैलजा अपने स्तर पर ग्राउंड रिपोर्ट तैयार कर रही है और फिर फैसला लिया जाएगा, लेकिन उम्मीद जताई जा रही है कि मई के पहले महीने में कांगे्रस शहरी अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर सकती है।