चंडीगढ़(अंबाला कवरेज ) हरियाणा राज्य चौकसी ब्यूरो ने सरकारी कर्मचारियों की भ्रष्टाचार में संलिप्तता पर अंकुश लगाने के लिए चलाए जा रहे अपने अभियान के तहत नगर परिषद, भिवानी के कार्यकारी अधिकारी दीपक गोयल को 35,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। ब्यूरो के प्रवक्ता ने आज यहां इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि हनुमान ढाणी चौक, भिवानी के ठेकेदार विशाल ने उक्त अधिकारी के विरुद्ध उसके बिल पास करने की एवज में पैसों की मांग करने की शिकायत दर्ज करवाई थी। प्रवक्ता ने बताया कि अभियुक्त के विरुद्ध भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत ब्यूरो के हिसार स्थित कार्यालय में मामला दर्ज किया है। मामले में आगे की जांच जारी है।
मामला बुधवार शाम करीब साढ़े सात बजे का है। नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी दीपक गोयल चंडीगढ़ से अपने कार्यालय पहुंचे। आज ही उनकी ट्रांसफर हुई है। इसी दौरान ठेकेदार विशाल यादव अंदर गया। जिसकेबाद विजिलेंस हिसार की टीम डीएसपी बिजेंद्र अत्री के नेतृत्व में और ड्यूटी मजिस्ट्रेट तहसीलदार रामचंद के साथ ईओ कार्यालय पहुंची। ईओ को ठेकेदार से 35 हजार रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। कार्यालय में ही बने साइड रूम से राशि बरामद की गई।
आरोप है कि ठेकेदार विशाल ने वार्ड 10, 12 और 28 में गली निर्माण का कार्य किया था। जिनकी तीन फाइलें थी और करीब 13-14 लाख की पेमेंट थी। इन फाइलों पर हस्ताक्षर के बदले ईओ दीपक गोयल पांच प्रतिशत कमीशन मांग रहा था। विजिलेंस टीम की ओर से दो-दो हजार के नोट पाउडर लगाकर और सिरीज नंबर नोट करके ठेकेदार को दिए गए थे और उसी सिरीज के नोट बरामद किए गए। टीम ने उनके कंप्यूटर का रिकार्ड भी खंगाला और सीसीटीवी फुटेज भी ली। सारी कागजी कार्रवाई निपटाने के बाद ईओ को अपने साथ भिवानी लघु सचिवालय स्थित विजिलेंस कार्यालय ले गई। ईओ के रिश्वत लेते गिरफ्तार होने की सूचना से हड़कंप मच गया और अनेक पार्षद और नप अधिकारी, कर्मचारी नगर परिषद पहुंचे। विजिलेंस टीम में डीएसपी बिजेंद्र अत्री के अलावा एसआई अजीत सिंह, एसआई नरेंद्र, एएसआई रविप्रकाश, कांस्टेबल इंद्र, अजीत आदि शामिल रहे।
कार्यकारी अधिकारी दीपक गोयल सभी फाइलें रोक देते थे और कमीशन मांगते थे। मेरी बहन की शादी के दौरान जून माह में भी फाइलों पर साइन करने के बदले 46 हजार रुपये लिए थे। अब भी फाइलों पर साइन करने के बदले रुपये मांग रहे थे। पहले भी चेयरमैन को मौखिक में इस बारे में बताया था कि ईओ रुपये मांग रहा है। उस समय चेयरमैन ने ईओ को कहा भी था। जिसके बाद उस समय रुपये नहीं मांगे मगर अब फिर से मांग रहा था।
– विशाल यादव, शिकायकर्ता ठेकेदार
मैं आज चंडीगढ़ गया हुआ था। वहां ट्रांसफर ऑर्डर हुए। इसी दौरान चेयरमैन का फोन आ गया कि मुझसे भिवानी मिलकर जाना। इसी कारण मैं हिसार से भिवानी आ गया। यहां ठेकेदार विशाल का भी फोन आ गया। जिस पर उसकी दो फाइलें थी, उन पर साइन कर दिया था। एक फाइल सीएम घोषणा की थी, जिसके लिए अलग से बजट आता है। वह अनुरोध करने लगा कि अगला ईओ पता नहीं कैसा आएगा और मेरी पेमेंट फंस जाएगी। मौके पर ही जेई भी थे और सबके सामने ये बात हुई है। सीसीटीवी कैमरा भी यहां लगा है, जिसमें सारी बात रिकार्ड है। अब विजिलेंस की टीम के आने के बाद ठेकेदार स्वयं ही तकीये के नीचे और कप के बॉक्स के नीचे से रुपये निकालकर लाया जहां उसने रखे थे। मुझे झूठा फंसाया जा रहा है।
– दीपक गोयल, कार्यकारी अधिकारी
कार्यकारी अधिकारी ठेकेदार की पेमेंट संबंधित फाइलों पर साइन नहीं कर रहा था। पिछले काफी दिनों से चक्कर कटवा रहा था। ठेकेदार ने तीन-चार दिन पहले मौखिक शिकायत की। आज लिखित शिकायत की। जिसके बाद हमारी टीम ने मौके पर रेड की और कार्यकारी अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार किया। जो सिरीज नंबर के नोट शिकायतकर्ता को दिए थे, वे कार्यकारी अधिकारी के पास से बरामद कर लिए हैं।
– बिजेंद्र अत्री, डीएसपी विजिलेंस हिसार
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