अंबाला कवरेज@चण्डीगढ़–बेटियां समाज का गौरव होती हैं। अगर इन्हें सही पालन-पोषण और अच्छी शिक्षा मिले तो अनेक बेटियां आकाश की बुलंदियों को छू सकती हैं। पाताल की गहराइयों को नाप सकती हैं। खेल के मैदान में सफलता के झंडे गाड़ सकती हैं। महान शिक्षाविद, वैज्ञानिक आदि बन प्रदेश और देश का नाम रोशन कर सकती हैं। एक दौर था, जब हरियाणा के माथे पर कन्या भ्रूण हत्या का कलंक लगा हुआ था। प्रदेश बेटियों के अस्तित्व को बचाना ही अपने-आप में एक दुरूह कार्य हो गया था। लेकिन अंतत: वह दिन भी आया जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के प्रयासों से ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसे राष्ट्रीय कार्यक्रम की शुरुआत हरियाणा की धरती से हुई। इस कार्यक्रम के तहत देश और प्रदेश में कई महत्वाकांक्षी स्कीमें शुरू की गईं और परिणाम आप सबके सामने है। आज प्रदेश के माथे से कन्या भ्रूण हत्या का यह बदनुमा दाग काफी हद तक धुल चुका है। ambala today news पढ़िए खबर: बेटियों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बड़ा ब्यान
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‘सुकन्या समृद्धि योजना’ भी ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम के तहत चलाई जा रही स्कीमों में से एक है, जो बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए वरदान है। इस योजना में जमा की गई राशि भविष्य में बेटियों को उच्चतर शिक्षा दिलवाने से लेकर उनकी शादी तक में आर्थिक रूप से मददगार साबित हो रही है। घरेलू बचत के लिए भी सरकार की यह एक अच्छी पहल है। सुकन्या समृद्धि खाता एक डाकघर से दूसरे डाकघर में नि:शुल्क ट्रांसफर किया जा सकता है। जमा राशि पर लगने वाला ब्याज पूरी तरह से कर-मुक्त है और इसमें आयकर अधिनियम की धारा 80-सी के तहत छूट भी मिलती है। ऐसे में सभी पात्र व्यक्तियों को इस योजना के तहत अपनी बेटी का खाता जरूर खुलवाना चाहिए। ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ के तहत माता-पिता या कानूनी अभिभावक दो लड़कियों के लिए यह खाता खुलवा सकते हैं। बेटी के जन्म से 10 वर्ष तक की उम्र तक सुकन्या समृद्धि अकाउंट खोला जा सकता है। मात्र 250 रुपये से खाता खोला जा सकता है लेकिन साल में कम से कम एक हजार रुपये खाते में जमा होने चाहिए। साल में अधिकतम एक लाख 50 हजार रुपये जमा करवाए जा सकते हैं। सुकन्या समृद्धि खाता योजना में जमा राशि पर ब्याज की गणना सालाना की जाती है। अभिभावक इस खाते में 14 साल तक ही पैसे जमा करवा सकते हैं और 21 वर्ष में यह खाता मैच्योर हो जाएगा। बेटी के 18 वर्ष की होने के बाद उसकी उच्चतर शिक्षा के लिए तथा विवाह के समय जमा राशि में से आधा हिस्सा निकलवाया जा सकता है। खाता खुलवाने के लिए बेटी के जन्म का प्रमाण पत्र, अभिभावक के पते का प्रमाण तथा फोटो पहचान पत्र, पैन कार्ड, वोटर आईडी या आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। यह खाता पोस्ट ऑफिस या अधिकृत बैंकों में खुलवाया जा सकता है। ambala today news पढ़िए खबर: बेटियों को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल का बड़ा ब्यान