ambala today news पढ़िए खबर: कोरोना को लेकर घबराएं नही, आयुर्वेदिक मेडिकल आॅफिसर डॉ. समिधा ने कोरोना रोकथाम के लिए बताई यह बातें

अंबाला कवरेज@अमित कुमार। आयुर्वेदिक मेडिकल आॅफिसर डॉ. समिधा ने कहा कि बुखार, खांसी और थकान कोविड-19 के सबसे सामान्य लक्षण हैं। हालांकि इस तरह के लक्षण दिखने पर दवाइयों के साथ अगर आप अपने खान-पान और दिनचर्या में कुछ परिवर्तन करेंगे तो इससे आपकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी और आप इस श्वसन संबंधी संक्रमण से बचे रहेंगे। कोरोना महामारी के घातक रूप को देखते हुए हमें आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति या आयुर्वेदिक तरीके से कोरोना के रोकथाम के उपाय एवं विभिन्न प्रकार के योगों का अपनी दिनचर्या में प्रयोग में लाना चाहिए। इसकी रोकथाम के लिए हमें अपनी दिनचर्या में विभिन्न प्रकार के योगासन एवं प्राणायाम तथा उचित आहार-विहार का प्रयोग करना चाहिए, जिसमें मुख्य रूप से दूध एवं हल्दी का सेवन दिन में सुबह-शाम दो बार करें, जिसको गोल्डन मिल्क भी बोलते हैं इसके अलावा गिलोय के काढ़े व जूस का प्रयोग अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए करें। तुलसी दालचीनी सोंठ एवं काली मिर्च का प्रयोग काढे के रूप में करें। जिसमें तुलसी 4 भाग दालचीनी 2 भाग सोंठ 2 भाग और काली मिर्च एक भाग होनी चाहिए। कोरोना होने पर घबराएं, नही धैर्य से ले काम:-डॉ. समिधा ने बताया कि कोरोना होने पर घबराए मत धैर्य से काम ले हल्की सी गले में खराश या दर्द होने पर नमक के पानी के गरारे या तुलसी और अजवाइन कपूर डालकर भाप ले, हल्का बुखार होने पर आयुष 64 या गिलोय की गोली का प्रयोग करें। खाने में पौष्टिक आहार का सेवन करें जिसमें साबुत दालें गेहूं बाजरा युक्त अन का सेवन करें और साथ ही जंक फूड से बचें और बासी खाना ना खाएं। ताजा फल और मौसमी के जूस का सेवन करें और गुनगुना पानी पिए जिसमें मुख्य रुप से ठंडे पानी फ्रिज के पानी का प्रयोग ना करें। खट्टे फल जैसे आमला मौसमी संतरा इन का अधिक प्रयोग करें, क्योंकि इनमें विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है गले में खराश होने पर खट्टे फलों का प्रयोग ना करें। अदरक लहसुन काली मिर्च हल्दी इन मसालों का अपने खाने में प्रयोग करें। घर पर बने हुए खाने का ही प्रयोग करें और दही का सेवन ना करें ।ambala today news पढ़िए खबर: कोरोना को लेकर घबराएं नही, आयुर्वेदिक मेडिकल आॅफिसर डॉ. समिधा ने कोरोना रोकथाम के लिए बताई यह बातें

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मुलेठी का प्रयोग भी इम्यूनिटी बढ़ाने में सहायक

मुलेठी का प्रयोग भी इम्युनिटी बढ़ाने में सहायक हैं। मुलेठी के छोटे से टुकड़े को मुंह में रखकर चूसा जा सकता है अथवा मुलेठी चूर्ण को शहद व दूध से सेवन लाभकारी है। इसी तरह यदि हम आयुर्वेदिक दिनचर्या और नियमित रूप से योग और प्राणायाम का सेवन प्रतिदिन करेंगे तो कोविड-19 नामक घातक बीमारी हमारे शरीर पर आक्रमण नहीं कर पाएगी और हम इससे बचे रहेंगे। हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता केवल खाने से ही नहीं बल्कि योग से भी बढ़ा सकते है। योग करने से कई बीमारियों से भी बचा जा सकता हैं। डॉ. समिधा ने कहा कि त्रिकोणासन को त्रिभुज आसन भी कहा जाता है। इस आसन को ये नाम इसकी त्रिभुज जैसी आकृति की वजह से मिला है। ये इम्यून सिस्टम को बूस्ट करने वाले सबसे अच्छे आसनों में से एक है। त्रिकोणासन विन्यास शैली का आसान योगासन है। इस आसन का अभ्यास 30 सेकेंड तक 5 से 10 बार गहरी सांसें लेने तक किया जाता है। उन्होंने कहा कि भ्रामरी प्राणायाम इम्युनिटी को कई गुना तक मजबूत कर सकता है।
कैसे करें : भ्रामरी प्राणायाम के लिए सबसे पहले घर में किसी शांत जगह पर बैठ जाएं। अब अपने हाथों को सिर के पास ले जाएं और अपने दोनों अंगूठों से दोनों कानों को बंद कर लें। अब दोनों तर्जनी उंगलियों को अपने माथे पर रख लें। अब बची हुई तीनों उंगलियों से अपनी आंखों को बंद कर लें। अब एक गहरी सांस लें और नासिका के सहारे ॐ का उच्चारण करते हुए नाक से सांस छोड़ें। इस प्राणायाम को कम से कम 5 से 7 मिनट तक किया जाता है। ambala today news पढ़िए खबर: कोरोना को लेकर घबराएं नही, आयुर्वेदिक मेडिकल आॅफिसर डॉ. समिधा ने कोरोना रोकथाम के लिए बताई यह बातें

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कपाल भांति: यह प्राणायाम पदमासन लगाकर ध्यान मुद्रा में बैठकर किया जाता है। इसमें श्वास को शरीर के अंदर लेकर बाहर की तरफ वापस निकालना पड़ता है।
फायदा: शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। फेफड़ों की कार्यशीलता बढ़ती हैं। योग ही एक ऐसा मध्यम है जिससे हमारे अंदरूनी अंगो की मसॉज होती हैं और उनमें नयी शक्ति आती हैं। यज्ञ चिकित्सा कर स्वयं और परिवार को किया जा सकता है सुरक्षित छोटे स्तर पर अपने घर पर यज्ञ करके जिसमें औषधियों में गुगुल, गाय का घी, गाय का उपला, आदि का प्रयोग किया जा सकता है। यह वातावरण में आॅक्सीजन को अप्रतिम रुप से बढ़ोतरी करता है और इस समय योग क्रिया करने से शरीर दुगणा लाभ होता है। इसके साथ हमें अच्छी नींद लेना भी बहुत जरूरी क्योंकि उससे सभी अंगो को आराम का समय व शरीर में आयी कमजोरी ठीक होती हैं। यह भी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें स्वास्थ्य की ओर अग्रसर करती हैं। खुश रहना भी एक बहुत जरूरी आयाम जिसके बारे में आयुर्वेद में सदवृत की बारे में बताया गया हैं की कैसे हम अपने मन के विकारों को दूर कर खुद खुश रेहते हैं और परिवार और समाज में भी उसी खुशी का प्रसार करते हैं। ambala today news पढ़िए खबर: कोरोना को लेकर घबराएं नही, आयुर्वेदिक मेडिकल आॅफिसर डॉ. समिधा ने कोरोना रोकथाम के लिए बताई यह बातें

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