चंडीगढ़- चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी प्रशिक्षण एवं शिक्षण संस्थान द्वारा समन्वित कृषि प्रणाली के माध्यम से आमदनी को बढ़ाने के तरीकों के बारे में तीन दिवसीय ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया गया। इस प्रशिक्षण में 35 प्रतिभागियों ने ऑनलाइन रूप से भाग लिया जिनमें हरियाणा सहित अन्य प्रदेशों के किसान, महिलाएं और युवा शामिल थे। संस्थान के सहायक निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. संदीप भाकर ने समेकित कृषि प्रणाली को लेकर सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी देते हुए प्रतिभागियों को बताया कि सरकार की ओर से मधुमक्खी पालन, डेयरी फार्मिंग, मशरूम उत्पादन, सब्जियों व फूलों की संरक्षित खेती सहित समेकित कृषि प्रणाली के विभिन्न घटकों को बढ़ावा देने के लिए अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। उन्होंने अनुदान हासिल करने के लिए प्रपोजल को तैयार करने संबंधी जानकारी भी विस्तारपूर्वक प्रतिभागियों को दी। ambala today news पढ़िए खबर: प्रशिक्षण में सीखे समन्वित कृषि प्रणाली से कैसे आमदनी को बढ़ाए
प्रशिक्षण के समापन अवसर पर संस्थान के सह-निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने प्रशिक्षणार्थियों से इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का अधिक से अधिक लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने बताया कि यहां से प्रशिक्षण हासिल कर वे स्वरोजगार भी स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से बागवानी, मधुमक्खी पालन, मशरूम सहित अनेक तरह के कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर प्रतिभागियों को ई-प्रमाण पत्र भी दिए गए। इस अवसर पर लाला लाजपतराय पशु चिकित्सा एवं विज्ञान विश्वविद्यालय, हिसार से डॉ. नीरज अरोड़ा ने प्रतिभागियों को बताया कि वे कृषि के साथ-साथ पशुपालन अपनाकर भी अच्छा लाभ कमा सकते हैं। किसान डेयरी व्यवसाय में दूध के साथ-साथ उसके विभिन्न उत्पाद तैयार कर बाजार में बेचकर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। ambala today news पढ़िए खबर: प्रशिक्षण में सीखे समन्वित कृषि प्रणाली से कैसे आमदनी को बढ़ाए