ambala today news पढ़िए खबर: अंबाला के समीप मुलाना में मां बाला सुंदरी मंदिर का इतिहास, नवरात्रों में दर्शनों के लिए दूरदराज से पहुंचते है श्रद्धालु

सुभाष शर्मा
अम्बाला /मुलानाअम्बाला जगाधरी रोड पर स्थित मुलाना में मां बाला सुंदरी मंदिर धार्मिक आस्था का प्रतीक है। यहां  पर पहले नवरात्रे से लेकर चतुर्दशी तक भव्य मेले का आयोजन होता है। लेकिन इस बार  वैश्विक माहमारी कोरोना संक्रमण के चलते विशाल मेले का आयोजन नही हो पा रहा है । लेकिन बावजूद इस के नवरात्रों में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं के हरियाणा के साथ साथ पंजाब, उतर प्रदेश, दिल्ली , से माथा टेकने पहुंचने की उम्मीद है। यहां के बारे में कहा जाता है की जो श्रद्धालु माता बाला सुंदरी के दर पर कुछ मांगता है तो मां बाला सुंदरी उस की हर मन्नत पूरी करती है। मन्नत पूरी होने के बाद श्रद्धालु दण्डवत प्रणाम करते हुए  माँ के दर पर आते है और मंदिर परिसर में भंडारा देते है। अक्सर इन नवरात्रो के दिनों माता के मंदिर में श्रद्धालु लंबी लंबी कतारों में खड़े होकर माता के जय जय कारे लगाते हुए  दर्शन करते है। बताते  है कि  बाला सुंदरी मंदिर का इतिहास सदियों पुराना  है और यहां आये श्रद्धालुओं की मां झोली अवश्य भरती है। ambala today news पढ़िए खबर: अंबाला के समीप मुलाना में मां बाला सुंदरी मंदिर का इतिहास, नवरात्रों में दर्शनों के लिए दूरदराज से पहुंचते है श्रद्धालु
मंदिर के बारे में दंत कथा प्रचलित है कि गांव में फ़ैल चुकी  थी प्लेग की बीमारी,अनेक लोगों को निगल चुकी थी मौत:
यहां के बारे में एक दन्त कथा प्रचलित है कि एक बार गांव में प्लेग की भयानक बीमारी फ़ैल गई थी तथा लोग इस बीमारी से भयग्रस्त थे। प्लेग की चपेट में आने से गांव में हर रोज मौते हो रही थी। कहते है कि गांव के लोग संस्कार कर के लौटते ही थे कि कोई न कोई व्यक्ति तब तक गांव में मृत अवस्था में मिलता था। पुरे गाँव में  प्लेग की भयकंर बिमारी ने लोगो में भय पैदा कर रखा था।  तभी इसी दौरान गांव के साथ लगती मारकंडा नदी में से एक चुड़िया बेचने वाला गुजर रहा था तो रास्ते में उसे एक कन्या दिखाई दी । वह कन्या दौड़ कर उस चूड़ी बेचने वाले के समीप आई और उस कन्या ने उस से चूड़ी पहनाने की जिद की। उस की जिद को देख कर चूड़ी बेचने वाले व्यक्ति  ने उसकी दोनों बाजुओं में चूड़ी पहना दी तभी उस कन्या ने तीसरी बाजु भी आगे कर दी।इस घटना से चूड़ी बेचने वाला घबरा गया तथा वहां से आकर उस ने यह बात गाँव के लोगो को बताई तो लोगो ने उसे समझाया कि घबराने की आवश्यकता नही है  कन्या के रूप में दिए दर्शन   माँ भगवती  का अवतार है ।गांव  में मां भगवती का आगमन हो चूका है अब शीघ्र ही सब कुछ ठीक हो जाएगा। कहते है कि उसी रात मां बाला सुंदरी ने गांव के नम्बरदार के स्वप्न में आकर एक स्थान दिखाते हुए कहा कि इस स्थान पर 5 ईंटें रख कर उस के भवन का निर्माण करवाया जाए।अगली सुबह ऐसा करते ही गांव से प्लेग की भयंकर बीमारी ख़त्म हो गई। तभी से इस शक्ति रूपी तीर्थ स्थल की काफी मान्यता है।यहां वर्ष में दो बार पहले नवरात्रे से लेकर चतुर्दशी तक मेले का आयोजन होता है।हर साल की तरह इस साल में मंदिर को आकर्षक रूप से सजाया गया है।मंदिर की शोभा देखते ही बनती है।यहां  पर माता पिण्डी रूप में विराजित है । माता की पिण्डी को गुलाब की पंखुड़ियों  से सजाया गया है। ambala today news पढ़िए खबर: अंबाला के समीप मुलाना में मां बाला सुंदरी मंदिर का इतिहास, नवरात्रों में दर्शनों के लिए दूरदराज से पहुंचते है श्रद्धालु
पहले नवरात्रे से चतुर्दशी तक  दर्शनों के लिए आएंगे श्रद्धालु:
मंदिर कमेटी सचिव अशोक राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि 17 अक्टूबर से  पहले नवरात्रे से लेकर 31 तारिख चतुर्दशी तक लोग मां बाला सुंदरी मंदिर में दर्शनों के लिए आएंगे ।कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए  मंदिर कमेटी की तरफ से विशेष एतिहात बरती जाएगी। इस के लिए मंदिर कमेटी द्वारा पूर्ण रूप से प्रबंध करते हुए हजारों की संख्या में मास्क वितरण के लिए मंगाए गए है । वहीं हाथ साफ करने के लिए सेनेटाइजर मशीनों की व्यवस्था की गई है । श्रद्धालुओं की भीड़ को ध्यान में रखते हुए लगने वाली कतारों में सोशल डिस्टेंस रखने की भी व्यवस्था की गई है ।श्रद्धालुओं पर छाया के लिए लाखों रूपये से निर्मित शेड डाले गए है ।भीड़ को व्यवस्थित करने के लिए पुलिस का विशेष रूप से सहयोग लिया जाएगा। वहीं मंदिर में सुरक्षा की दृष्टि से लगभग दो दर्जन सीसी टीवी कैमरे भी लगवाए गये हैं।
नवरात्रों में यह रहेंगे मंदिर के कार्यक्रम:
मंदिर सचिव  अशोक राणा ने जानकारी देते हुए बताया कि को माता के मंदिर में  23 तारीख को सप्तमी पर हवन  यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। 24 तारीख अष्टमी पूजन होगा और कंजक पूजन होगा ।
राज्यस्थान के भाटों के पास से मिला मां बाला सुंदरी मंदिर का रिकॉर्ड :
बीते कुछ वर्ष पहले वर्ष माता बाला सुंदरी  मंदिर का रिकॉर्ड राज्यस्थान के भाटो के यहां से प्राप्त हुआ है। भाटो के अनुसार उन् का मुलाना में राजपूत समाज  के यहां साल में एक बार जाते है।भाटो ने मंदिर कमेटी को बताया कि मुलाना कस्बे को 1422 में बसाया गया था।  माँ बाला सुंदरी मंदिर का निर्माण  सन 1426 में कराया गया था।सन 1425 में गांव के नम्बरदार सोराज सिंह के सपने में माता ने दर्शन देकर मंदिर का निर्माण कराने व् साथ ही ताल की खुदाई कराने की बात कही गई थी। ऐसी लिखित बातें भाटो के रिकॉर्ड में दर्ज है। ambala today news पढ़िए खबर: अंबाला के समीप मुलाना में मां बाला सुंदरी मंदिर का इतिहास, नवरात्रों में दर्शनों के लिए दूरदराज से पहुंचते है श्रद्धालु

Leave a Comment

और पढ़ें