चंडीगढ़। आत्मर्निभर अभियान के तहत कृषि ढांचागत विकास के लिए निर्धारित एक लाख करोड़ रुपये में से हरियाणा ने अपने हिस्से के 3900 करोड़ रुपये की योजनाएं अनुमोदन के लिए केन्द्र सरकार को भेज दी हैं। ऐसा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य बन गया है। गौर करने लायक यह है कि मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल और कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल का प्रयास है कि लगभग 6000 करोड़ रुपये तक की योजनाएं हरियाणा को प्राप्त हों। यह जानकारी हरियाणा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने आज उपरोक्त विषय पर विभिन्न विभागों के अधिकारियों, प्रगतिशील किसानों, आढतियों, किसान उत्पादक समूहों, राइस मिलर्स, कॉटन मिलर्स व अन्य पणधारकों के साथ कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जे पी दलाल की उपस्थिति में आयोजित एक वैबिनार में दी। श्री कौशल ने वैबिनार के पहले सत्र में कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड का उपयोग तथा कटाई उपरांत प्रबन्धन की सुविधाएं बढाने तथा आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने पर चर्चा की। वैबिनार में कृषि क्षेत्र से जुड़े अन्य विभागों, बोर्डों, निगमों तथा बैंकों के प्रतिनिधियों ने भी अपनी-अपनी योजनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी से न केवल देश की बल्कि विश्व की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल असर पड़ा है। देश की जीडीपी में भारी गिरावट आई है और अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए केन्द्र सरकार व राज्य सरकार ने नई योजनाएं बनाई हैं और प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में एक लाख करोड़ रुपये कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए निर्धारित किए हैं। श्री कौशल ने कहा कि उन्हें खुशी हैं कि आज के इस वैबिनार में स्वयं कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल ने 25 प्रगतिशील किसानों, 10 किसान उत्पादक समूह के प्रतिनिधियों, 5-5 आढती या व्यापारी, राइस मिल्लर, कॉटन मिल्स के प्रतिनिधियों व अन्य हितधारकों के साथ भाग लिया है और अमूल्य सुझाव भी दिए हैं। श्री कौशल ने बताया कि योजना के तहत कृषि उद्यमियों तथा स्टार्टअप को आगे लाना है। ambala today news पढ़िए हरियाणा ने अपने हिस्से के लिए केंद्र को भेजी 3900 करोड़ रुपए की योजनाएं में क्या-क्या शामिल
हैफेड के प्रबन्ध निदेशक श्री डी के बेहरा ने अवगत कराया कि कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर फण्ड के तहत लगभग 3950 करोड़ रुपये की योजनाओं की विस्तृत परियोजना रिपार्ट तैयार कर केन्द्र सरकार को भेजी गई हैं, जिनमें हैफेड द्वारा 352 करोड़ रुपये की, हरियाणा भण्डागार निगम द्वारा 315 करोड़ रुपये की, शुगरफैड द्वारा 72 करोड़ रुपये की, बागवानी विभाग द्वारा 1607 करोड़ रुपये की, हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 112 करोड़ रुपये की, हरियाणा डेरी विकास प्रसंघ द्वारा 87 करोड़ रुपये की तथा हरको बैंक द्वारा 1400 करोड़ रुपये की योजनाएं शामिल हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत वेयरहाउस, साइलो, कोल्ड चेन, तथा अन्य आपूर्ति श्रृंखलाएं विकसित करने के लिए केवल प्रारम्भिक प्रसंस्करण के लिए दो करोड़ रुपये तक के ऋण पर सब्सिडी का प्रावधान है तथा यह योजना 2021 से 2030 तक रहेगी। हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड की मुख्य प्रशासक श्रीमती सुमेधा कटारिया ने केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए अध्यादेशों कृषि उपज वाणिज्य एवं व्यापार (संवर्धन एवं सुविधा) अध्यादेश 2020, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तीकरण और संरक्षण) समझौता अध्यादेश, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 के बारे विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि किसानों को यह सुविधा दी गई है कि सरकारी मंडियों के बाहर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से अधिक मूल्य पर कोई प्राइवेट एजेंसी फसल की खरीद करना चाहती है तो किसान अपनी फसल अधिक दाम पर बेच सकता है। वैबिनार में सोनीपत के प्रगतिशील किसान कंवल सिंह चौहान, रादौर से मान सिंह आर्य, सिरसा से हरदीप सिंह सरकारिया, यमुनानगर से पवन कुमार, इंद्री से साहिब सिंह तथा हरदीप सिंह ने भी अपने विचार सांझे किए। ambala today news पढ़िए हरियाणा ने अपने हिस्से के लिए केंद्र को भेजी 3900 करोड़ रुपए की योजनाएं में क्या-क्या शामिल